भागलपुर में कोरोना के आगे लुप्त हुआ डेंगू, बोले चिकित्‍सक यह शोध का है विषय

जिले में कोरोना संक्रमण से बचाव को लेकर लोगों के जागरूक होते ही डेंगू लुप्‍त हो गया है। सितंबर से दिसंबर तक डेंगू के मरीजों में बढ़ोतरी होती थी इस बार नहीं के बराबर है। चिकित्सकों ने कहा यह रिसर्च का विषय है क‍ि आखिरकार इतनी कम क्‍यों है।

By Amrendra TiwariEdited By: Publish:Fri, 27 Nov 2020 12:49 PM (IST) Updated:Fri, 27 Nov 2020 12:49 PM (IST)
भागलपुर में कोरोना के आगे लुप्त हुआ डेंगू, बोले चिकित्‍सक यह शोध का है विषय
इस बार डेंगू मरीजों की कम संख्‍या से हैरान है डॉक्‍टर, बोले यह शोध का विषय

भागलपुर, [अशोक अनंत]। कोरोना वायरस ने जिले में डेंगू की रफ्तार पर लगाम लगा दी है। सितंबर से लोग डेंगू से पीडि़त होने लगते हैं। लेकिन नवंबर के अंतिम सप्ताह में जिले में केवल सात डेंगू पीडि़त मिले। इसको लेकर चिकित्सक भी हैरान हैं, कहा यह रिसर्च का विषय है। आखिर किन कारणों से डेंगू मरीजों की संख्‍या इतनी कम हो गई।

डेंगू मरीजों के लिए खोला गया वार्ड बंद

जिले में सितंबर से लोग डेंगू से पीडि़त होने लगते हैं। यह रफ्तार दिसंबर तक रहती है। पीडि़तों के इलाज के लिए जवाहरलाल नेहरू चिकित्सा महाविद्यालय अस्पताल (जेएलएनएमसीएच) में डेंगू विभाग खोला जाता है। लेकिन विभाग में मरीज नहीं रहने से इसे बंद कर दिया गया। जिला मलेरिया कार्यालय के आंकड़े के मुताबिक 2019 में डेंगू के 192 लोग पीडि़त हुए थे, जिसमें पांच की मौत हो गई थी। इसी तरह 2016 में 174 लोग डेंगू से पीडि़त हुए थे, जिसमें 11 की मौत हुई थी, लेकिन इस वर्ष अब तक केवल सात डेंगू पीडि़त मिले हैं।

एक वायरस का प्रभाव है तो दूसरा निष्क्रिय रहेगा

जेएलएनएमसीएच मेडिसीन विभाग के सहायक प्राध्यापक डॉ. अशोक कुमार सिंह ने कहा कि जब एक वायरस का मानव के सेल में ज्यादा प्रभाव होता है तो दूसरा वायरस प्रभावी नहीं होता। यही कारण है कि जिले में एडिस मच्छर द्वारा काटने के बाद भी वायरस मानव के सेल को प्रभावी नहीं किया।

रिसर्च का विषय

जेएलएनएमसीएच मेडिसीन विभाग के अध्यक्ष डॉ. विनय कुमार ने कहा कि यह रिसर्च का विषय है कि इस वर्ष लोग डेंगू से पीडि़त क्यों नहीं हुए। उन्होंने कहा कि कोरोना के भय से लोग घरों में रहे। आसपास की सफाई भी की, जल-जमाव भी कम हुआ । सैनिटाइजर का भी उपयोग किया। डेंगू नहीं फैलने की वजह यह भी हो सकती है। सरकार ने कोरोनाकाल में यह निर्देश दिया है कि मलेरिया, डेंगू और चिकिगुनिया की जांच भी प्रत्येक मरीज का करना है। लेकिन इन बीमारियों के मरीज भी नहीं के बराबर मिले। 

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