दर्शन सारे विधाओं का मूल है : कुलपति

आरडी एंड डीजे कॉलेज में दर्शन और संस्कृति, भारतीय परिपेक्ष्य विषय पर कार्यशाला का आयोजन।

By JagranEdited By: Publish:Fri, 21 Sep 2018 03:34 PM (IST) Updated:Fri, 21 Sep 2018 03:34 PM (IST)
दर्शन सारे विधाओं का मूल है : कुलपति
दर्शन सारे विधाओं का मूल है : कुलपति

मुंगेर। स्थानीय आरडी एंड डीजे कॉलेज में दर्शन और संस्कृति, भारतीय परिपेक्ष्य विषय पर कार्यशाला का आयोजन किया गया। इस कार्यशाला का शुभारंभ मुंगेर विश्व विद्यालय के कुलपति प्रो. रंजीत कुमार वर्मा, प्रतिकुलपति डॉ. कुसुम कुमारी, टीएमवीयू दर्शनशास्त्र विभाग कं पूर्व विभागाध्यक्ष प्रभुनरायण मंडल , प्रचार्य गोपाल प्रसाद यादव ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्ज्वलित कर किया। मौके पर कुलपति रंजित कुमार वर्मा ने कहा कि दर्शन सभी विधाओं का मूल है । बिना दर्शन के मनुष्य कुछ भी नहीं कर सकता है। प्रत्येक मनुष्य को ¨चतन के साथ हमेशा आत्म¨चतन करना चाहिए। जिससे मनुष्य का सकारात्मक विकास होता है । वहीं, उप कुलपति डॉ. कुसुम कुमारी ने कहा कि दर्शन एक ऐसी विधा है, जो जीवन जीने की कला सीखाता है । दर्शन लोगों को ²ष्टि देता है। जबकि शास्त्र मनुष्य को लौकिक ज्ञान देता है। मनुष्य को हमेशा ¨चतन और मनन करना चाहिए । मौके पर प्राचार्य गोपाल प्रसाद यादव ने कहा कि बिना दर्शन के मनुष्य कुछ भी नहीं कर सकता। जीवन में दर्शन का बहुत बडा महत्व है, इसे केवल पढ़ना नहीं, बल्कि जीवन में उतारने की जरूरत है । जीवन में उतारने के बाद मनुष्य का सर्वागिण विकास होना तय है। इस अवसर पर प्रभुनारायण मंडल ने कहा कि दर्शन के बिना आदमी कुछ भी नहीं कर सकता है। इसलिए लोगों को हमेशा दर्शन को जागृत कारना चाहिए ,तभी लोगों का समग्र विकास संभव हो सकेगा।

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