पंद्रह आरोपितों के घर चिपकाया इश्तेहार

कजरैली थाना के गौराचौकी गांव में बुधवार को पुलिस ने हिमांशु हत्याकांड के पंद्रह आरोपितों के घर इश्तेहार चिपकाने की कार्रवाई की।

By JagranEdited By: Publish:Thu, 15 Jun 2017 02:59 AM (IST) Updated:Thu, 15 Jun 2017 02:59 AM (IST)
पंद्रह आरोपितों के घर चिपकाया इश्तेहार
पंद्रह आरोपितों के घर चिपकाया इश्तेहार

भागलपुर। कजरैली थाना के गौराचौकी गांव में बुधवार को पुलिस ने हिमांशु हत्याकांड के पंद्रह आरोपितों के घर इश्तेहार चिपकाने की कार्रवाई की। ढोल बजाते हुए हबीबपुर इंस्पेक्टर इंद्रजीत बैठा व कजरैली थाना प्रभारी विजय कुमार बड़ी संख्या में पुलिसकर्मियों के साथ इश्तेहार चिपकाने पहुंचे थे। हालांकि सभी आरोपित फरार हैं। इस वजह से पुलिस को इश्तेहार चिपकाने के दौरान गवाह भी मुश्किल से मिल पाए। मुख्य आरोपित परमानंद यादव के घर पर पुलिस ने उसकी बहन को ही इस कार्रवाई का गवाह बनाया।

थाना प्रभारी विजय कुमार ने बताया पंद्रह आरोपितों के घर इश्तेहार चिपकाया गया है। तय समय के अंदर यदि सभी आरोपितों ने आत्मसमर्पण नहीं किया तो अदालत से कुर्की-जब्ती की कार्रवाई के लिए इजाजत मांगी जाएगी।

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इन आरोपितों के घर चिपकाया गया इश्तेहार

परमानंद यादव, सुनील यादव, मितो यादव, सुमन यादव, सीताराम यादव, विवेक यादव, पूसो यादव, पंकज यादव, विजय यादव, अजय लाल यादव, गणेश यादव, वरुण यादव, अरुण यादव, कुशो यादव, गोकुल यादव आदि के घर पर पुलिस ने इश्तेहार चिपकाया।

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खौफ के साये में शुरू हुआ हिमांशु का श्राद्धकर्म

हिमांशु के परिजन ने खौफ के साये में बुधवार से उसका श्राद्धकर्म शुरू किया। आज उसका दशकर्म था। हालांकि आरोपितों के खौफ के कारण श्राद्धकर्म में न तो हिमांशु का कोई गोतिया शामिल हुआ और न ही कोई रिश्तेदार। हिमांशु के भाई अविनाश ने बताया श्राद्ध कर्म से हमारे रिश्तेदार व गोतिया दूर हैं। उन्हें डर है कि यदि वे इसमें शामिल होते हैं तो उनके साथ भी वारदात हो सकती है। उसने बताया कि जब वह मंगलवार को घर से कुछ ही दूर स्थित एक दुकान में सामान लाने गया था तो कुछ लोगों ने उसे घेर लिया था। उन्होंने केस उठाने की धमकी दी। कुछ देर बात जब पुलिस के जवान हमें खोजते हुए आए तो सभी भाग खड़े हुए। सभी के हाथ में हथियार थे। रात होते ही हम लोगों के सामने मौत का खौफ उत्पन्न हो जाता है। परिवार के सदस्य घर की छत पर रतजगा करने को विवश हैं। डर है कि कहीं रात में आरोपित हमला न कर दें।

पुश्तैनी घर बेच दूसरी जगह बसने की तैयारी में हिमांशु का परिवार

हिमांशु की हत्या के बाद उसका पूरा परिवार अब पुश्तैनी घर व जमीन बेचकर दूसरी जगह बसने की तैयारी कर रहा है। हिमांशु के परिजन ने बताया कि गांव में हमें जान का खतरा है। इसलिए हम गांव छोड़ कहीं और बसने की तैयारी कर रहे हैं। हिमांशु का श्राद्धकर्म खत्म होने के बाद सभी लोग गांव से पलायन कर जाएंगे।

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85 साल के शातिर ने रची थी हत्या की साजिश

हिमांशु के परिजन ने बताया कि हत्याकांड में वैसे तो कई लोग शामिल थे। लेकिन इस कांड का मास्टर माइंड ऐसा व्यक्ति है जो उम्र के आखिरी पड़ाव पर है। वह कोई और नहीं बल्कि 85 वर्षीय गणेश यादव है। गणेश हत्या के मामले में बीस साल की सजा काटकर कुछ ही दिन पूर्व जेल से वापस लौटा था। हिमांशु के भाई अविनाश ने बताया कि भाई का श्राद्धकर्म कर रहे हैं। इस हालात को पैदा करने वाला गणेश यादव ही है। जेल से वह तीन मई को रिहा होकर आया था। इसके बाद परमानंद ने उसे सारी बातों की जानकारी दी। फिर गणेश ने अपने पुराने अवकाश प्राप्त शिक्षकों के साथ पंचायत बुलाई। जिसमें अधिकांश पचास साल से ज्यादा उम्र के लोग शामिल थे। उस समय ताड़ी के साथ मांस परोसा गया। जब नशा सिर पर चढ़ा तो उन लोगों ने हमारे घर पर हमला कर दिया।

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हिमांशु खुलेआम करता था अपने प्रेम का प्रदर्शन

हिमांशु हत्याकांड के दस दिन बाद भी ग्रामीण अपना मुंह खोलने को तैयार नहीं हैं। काफी कुरेदने के बाद एक-दो ग्रामीणों ने बताया कि सोनी के घर का सारा काम हिमांशु करता था। दोनों एक साथ बगीचे में रात-दिन फसल की रखवाली करते थे। कई बार दोनों को संदिग्ध हालत में ग्रामीणों ने पकड़ा था। दोनों शादी से पहले दो बार घर से भाग चुके थे। शादी के बाद वे घर आए तो उनकी हरकतें ग्रामीणों को खटकने लगीं। हिमांशु खुलेआम अपने प्रेम का प्रदर्शन करता था। अंत में इसको लेकर पंचायत हुई। जिसमें हिमांशु को सुधारने के लिए सजा भी सुनाई गई जो आगे बढ़ कर मौत पर खत्म हुई। दूसरी ओर हिमांशु के भाई अविनाश ने बताया कि आरोपों को बेबुनियाद बताया और कहा कि विरोधी झूठी अफवाह फैला रहे हैं।

हिमांशु की मां नहीं हो पाई चिस्टचार्ज

हत्याकांड के बाद जेएलएनएमसीएच में भर्ती हिमांशु की मां जैलस देवी को चिकित्सकों ने बुधवार को भी डिस्चार्ज नहीं किया। उम्मीद थी कि अस्पताल से आज उन्हें छुट्टी मिल जाएगी। यही कारण है कि जैलस को सुरक्षित अस्पताल से उसके उनके घर गौराचौकी तक ले जाने के लिए पुलिसकर्मी अस्पताल पहुंचे थे लेकिन चिकित्सकों ने आज उन्हें चिस्चार्ज नहीं किया।

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