Corona virus : किसान भाइयों...! शारीरिक दूरी बनाकर ही करें फसल कटाई, सामुदायिक रेडियो का प्रसारण

पहले इस रेडियो पर तीन घंटे का प्रसारण होता था। कोरोना और रबी फसल की तैयारी को देखते हुए इसे बढ़ाकर 12 घंटे कर दिया गया है। किसानों को इससे सलाह दी जाती है।

By Dilip ShuklaEdited By: Publish:Fri, 03 Apr 2020 11:58 AM (IST) Updated:Fri, 03 Apr 2020 11:58 AM (IST)
Corona virus : किसान भाइयों...! शारीरिक दूरी बनाकर ही करें फसल कटाई, सामुदायिक रेडियो का प्रसारण
Corona virus : किसान भाइयों...! शारीरिक दूरी बनाकर ही करें फसल कटाई, सामुदायिक रेडियो का प्रसारण

भागलपुर [ललन तिवारी]। किसान भाइयों! शारीरिक दूरी बनाकर फसल की कटाई करें... जैसे ही यह आवाज आती है, किसान भाई सतर्क हो जाते हैं। वे एक-एक संदेश को बड़े ध्यान से सुनने लगते हैं। इन दिनों बिहार कृषि विश्वविद्यालय (बीएयू) का सामुदायिक रेडियो भी किसानों को कोरोना वायरस से बचाव के लिए जागरूक कर रहा है।

शारीरिक दूरी बनाते हुए रबी फसल की तैयारी करें

पहले इस रेडियो पर तीन घंटे का प्रसारण होता था। कोरोना और रबी फसल की तैयारी को देखते हुए इसे बढ़ाकर 12 घंटे कर दिया गया है। इस पर पुराने गाने, लोक गीत, अंग क्षेत्र की संस्कृति पर आधारित किसानी गीत आदि के साथ ही कृषि योजनाओं और कुलपति के संदेश का प्रसारण भी किया जा रहा है। मीडिया सेंटर इंचार्ज ईश्वर चंद्रा ने बताया कि लॉकडाउन की वजह से उन्होंने अपने आवास को ही स्टूडियो बना दिया है। यहीं से सुबह दस से दस बजे रात तक प्रसारण किया जा रहा है। इससे किसानों को काफी फायदा मिल रहा है। विशेषज्ञ किसानों के लिए सलाह भी दे रहे हैं। यह बताया जा रहा है कि शारीरिक दूरी बनाते हुए वे किस तरह रबी फसल की तैयारी कर सकते हैं। यह भी कि कोरोना से बचाव के लिए क्या-क्या करना जरूरी है।

प्रसार शिक्षा निदेशक डॉ. आरके सोहाने ने बताया कि रेडियो प्रसारण का लिंक विश्वविद्यालय के एफएम ग्रीन फेसबुक पेज पर भी डाला जाता है। लोग इसे काफी पसंद कर रहे हैं। दो दिन पहले जारी एक संदेश को आठ हजार लोगों ने शेयर किया।

किसानों को हर दिन जागरूक किया जा रहा है

लॉकडाउन के चलते 12 घंटे तक सामुदायिक रेडियो का प्रसारण किया जा रहा, ताकि किसान अपडेट रहें। इसकाप्रसारण 90.8 एफएम ग्रीन पर किया जाता है और प्रसार क्षेत्र 20 किलोमीटर की परिधि तक है। कोरोना को लेकर किसानों को हर दिन जागरूक किया जा रहा है।   - डॉ. अजय कुमार सिंह, कुलपति बीएयू सबौर

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