बिहार विधान परिषद चुनाव 2022 : प‍ूर्णिया में शुरू हुई प्रशासनिक, मतदाता सूची का निर्माण, किसे वोट डालने का है हक, जानिए

बिहार विधान परिषद चुनाव 2022 पंचायत चुनाव के कारण रुकी थी चुनावी प्रक्रिया नए सिरे से तैयार हो रही है सूची। सांसद विधायक जिप सदस्य पंसस मुखिया और वार्ड सदस्य नगर निगम नगर परिषद एवं नगर पंचायत सदस्य और कैंटोनमेंट बोर्ड के सदस्य वोटर होते हैं।

By Dilip Kumar ShuklaEdited By: Publish:Thu, 20 Jan 2022 05:53 PM (IST) Updated:Thu, 20 Jan 2022 05:53 PM (IST)
बिहार विधान परिषद चुनाव 2022 : प‍ूर्णिया में शुरू हुई प्रशासनिक, मतदाता सूची का निर्माण, किसे वोट डालने का है हक, जानिए
पूर्णिया में चुनाव की तैयारी शुरू कर दी गई है।

जागरण संवाददाता, पूर्णिया। विधान परिषद चुनाव को लेकर कवायद शुरू हो गई है। यहां स्थानीय निकाय क्षेत्र के एक पद के लिए चुनाव होना है जिसको लेकर निर्वाचन विभाग ने जिला निर्वाचन अधिकारी को पत्र भेजकर तैयारी का निर्देश दिया है। आयोग ने नए सिरे से वोटर लिस्ट बनाने का निर्देश जिला निर्वाचन अधिकारी को दिया है। विभागीय निर्देश बाद पूर्णिया, अररिया एवं किशनगंज जिले का वर्तमान वोटर लिस्ट आयोग को भेजा गया है साथ ही विधान परिषद चुनाव को लेकर वोटर लिस्ट बनाने की तैयारी शुरू कर दी गई है।

जिला उप निर्वाचन पदाधिकारी अनिरुद्ध प्रसाद यादव ने बताया कि आयोग के निर्देश पर मतदाता सूची निर्माण की तैयारी शुरू हो गई है। चूंकि विधान परिषद चुनाव में सांसद, विधायक, जिला परिषद सदस्य, पंचायत समिति सदस्य, मुखिया और वार्ड सदस्य, नगर निगम, नगर परिषद एवं नगर पंचायत सदस्य और कैंटोनमेंट बोर्ड के सदस्य वोटर होते हैं, इसलिए हर चुनाव में नए सिरे से मतदाता सूची तैयार की जाती है। इस बार तैयार हो रही मतदाता सूची में मतदाता साक्षर हैं या नहीं इसकी भी जानकारी ली जा रही है।

पूर्णिया, अररिया और किशनगंज में है 9319 वोटर

जिले में पंचायतों की संख्या 250 से घट कर 230 हो गई है। शेष पंचायत नगर निकाय या उनका हिस्सा हो गया है। ऐसे में नए सिरे से वोटर लिस्ट तैयार होगा। फिलहाल जिले से निर्वाचन विभाग को वोटर लिस्ट की जो सूची भेजी गई है उसमें निकाय क्षेत्र के लिए पूर्णिया, अररिया और किशनगंज मिलाकर 9319 मतदाता हैं। निकाय क्षेत्र से विधान परिषद चुनाव में जिला परिषद सदस्य, पंचायत समिति सदस्य, मुखिया और वार्ड सदस्य वोटर होते हैं। जबकि शहरी क्षेत्र से नगर निगम, नगर परिषद एवं नगर पंचायत सदस्य और कैंटोनमेंट बोर्ड के सदस्य भी वोटर होते हैं। उक्त पद धारी विधान परिषद चुनाव में वोट देकर पार्षद का चुनाव करते हैं।

छह माह पूर्व समाप्त हो चुका है कार्यकाल

राज्य में स्थानीय निकाय क्षेत्र के 19 विधान पार्षद का कार्यकाल करीब छह माह पूर्व ही समाप्त हो गया है। पंचायत चुनाव नहीं होने के कारण इन सीटों पर चुनाव नहीं हो सका है। अप्रैल-मई में ही पंचायत चुनाव होना था लेकिन कोरोना संक्रमण के कारण ये चुनाव टल गया था। दरअसल विधान परिषद की इन सीटों पर चुने जाने वाले पार्षद स्थानीय निकायों के प्रतिनिधि द्वारा वोट‍िंग के माध्यम से चुने जाते हैं। त्रिस्तरीय पंचायत प्रतिनिधि इसमें वोटर होते हैं जिसकी संख्या सर्वाधिक है। अब जबकि पंचायत चुनाव हो चुके हैं, इन सीटों पर चुनाव की कसरत शुरू हो गई है।

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