विधानसभा चुनाव : 'सीमाओं' से सीमांचल पर कब्जे की तैयारी

आसन्न विधानसभा चुनाव को लेकर भाजपा 'सीमाओं' से सीमांचल पर कब्जा करने की जुगत भिड़ाए है। पीएम नरेंद्र मोदी की रैली के लिए निर्धारित स्थलों को देखकर ऐसा कहा जा सकता है। भागलपुर पूर्वी बिहार में आता है और सहरसा कोसी प्रमंडल का मुख्यालय है।

By Pradeep Kumar TiwariEdited By: Publish:Fri, 28 Aug 2015 02:51 PM (IST) Updated:Fri, 28 Aug 2015 03:07 PM (IST)
विधानसभा चुनाव : 'सीमाओं' से सीमांचल पर कब्जे की तैयारी

भागलपुर [शंकर दयाल मिश्र]। आसन्न विधानसभा चुनाव को लेकर भाजपा 'सीमाओं' से सीमांचल पर कब्जा करने की जुगत भिड़ाए है। पीएम नरेंद्र मोदी की रैली के लिए निर्धारित स्थलों को देखकर ऐसा कहा जा सकता है। भागलपुर पूर्वी बिहार में आता है और सहरसा कोसी प्रमंडल का मुख्यालय है।

सीमांचल का इलाका भागलपुर और सहरसा की सीमाओं से सटा हुआ है। सो सहरसा के बाद सीमांचल का प्रतिनिधित्व भागलपुर रैली में होगा। चुनावी पृष्ठभूमि में बिहार में हो रही प्रधानमंत्री ताबड़तोड़ रैलियों के पहले चरण की अंतिम रैली भागलपुर में 1 सितम्बर को है।

इसके पूर्व 18 अगस्त को सहरसा में रैली हुई थी। खास यह कि इस चरण में पीएम की सीमांचल में कोई रैली नहीं हुई पर पीएम ने यहां अपनी उपस्थिति दर्ज जरूर कराई है और आगे भी कराएंगे। सहरसा से लौटते वक्त वे सीमांचल के पूर्णिया स्थित चूनापुर हवाई अड्डे से दिल्ली गए और भागलपुर रैली के लिए फिर पूर्णिया आएंगे।

यह संयोग और सुविधा के आधार पर पीएम का सीमांचल से सीधा कनेक्शन हुआ। पर, रैलियों में बुलाई जाने वाली भीड़ के लिहाज से बात करें तो भले ही रैली का स्थल सहरसा रहा हो या भागलपुर, भाजपा की विशेष नजर सीमांचल पर है।

सहरसा की रैली में भी सीमांचल के पूर्णिया, कटिहार, अररिया और किशनगंज से बसों में भर-भरकर लोग लाए गए थे। दूसरी ओर, भागलपुर की रैली में भी सीमांचल के इन जिलों से लोग लाए जाएंगे। वैसे, पूर्वोत्तर बिहार का खगडिय़ा जिला भी इसी श्रेणी में आएगा।

सहरसा का सीमाई जिला होने के कारण यहां के लोग वहां की रैली में भी ले जाए गए थे और अब भागलपुर की रैली में भी लाए जाएंगे। ऐसे में एक पखवारे के अंदर प्रधानमंत्री दूसरी बार सीमांचल के लोगों से मुखातिब होंगे। भाजपा समर्थकों के अनुसार, निश्चित तौर पर सीमांचल और खगडिय़ा में इसका सीधा लाभ चुनाव के दरम्यान भाजपा को मिलेगा।

सीमांचल में भाजपा का अच्छा रहा है प्रदर्शन

पिछले विधानसभा चुनाव के रिकार्ड को देखें तो सीमांचल में भाजपा का प्रदर्शन ठीक कहा जा सकता है। यहां के पूर्णिया जिले की सात सीटों में से तीन (पूर्णिया, बनमनखी, अमौर) पर भाजपा का कब्जा है। इसी प्रकार कटिहार जिले की सात सीट में से पांच (कोढ़ा, बरारी, प्राणपुर, कटिहार, कदवा), अररिया के छह में चार (फारबिसगंज, नरपतगंज, रानीगंज, सिकटी) भाजपा के खाते में है। जबकि सीमांचल के ही किशनगंज की चार सीटों में से कोई भाजपा के खाते में नहीं है।

यहां दशकों से पांव जमाने की कोशिश में लगी है। वैसे, सीमांचल की 24 सीटों में भाजपा बहुत कमजोर स्थिति में कभी नहीं रही। कैडर बेस्ड पार्टी होने का लाभ इसे हमेशा मिलता रहा है। किशनगंज के इलाकों में भले पार्टी को जीत नहीं मिली, पर जिन सीटों पर लड़ी वहां नंबर दो की हैसियत में रही।

खगडिय़ा में असमंजस

पीएम की भागलपुर रैली में भले ही खगडिय़ा के भाजपाई दूसरी बार शामिल होंगे पर यहां सीटों का असमंजस बरकरार है। जदयू के साथ गठबंधन के दौर में भाजपा चुनावी राजनीति से जिलाबदर ही कर दी गई थी। खगडिय़ा जिले के चारों सीट पर जदयू ही चुनाव लड़ी थी। इस दफे भी यहां लोजपा और हम की जोरदार दावेदारी रहेगी।

पीएम की भागलपुर रैली में शामिल जिले

भाजपा किसान मोर्चा प्रदेश उपाध्यक्ष रंजन सिंह के अनुसार पीएम की भागलपुर रैली में शामिल किए गए जिलों की सूची निम्न हैं:-

भागलपुर, बांका, मुंगेर, लखीसराय, बेगूसराय, शेखपुरा, पुलिस जिला नवगछिया, कटिहार, पूर्णिया, किशनगंज, अररिया, खगडिय़ा

दिखने लगा बाहरी प्रतिनिधित्व

भागलपुर हवाई अड्डा के आस-पास रैली में शामिल होने वाले जिलों का प्रतिनिधित्व दिखने लगा है। यह बैनर-पोस्टरों के माध्यम से है। इसमें भी सीमांचल का प्रभाव दिख रहा है। पूर्णिया-कटिहार के नेताओं ने हवाई अड्डा के मुख्य द्वार के सामने अपनी होर्डिंग्स लगा पाने में सफलता पाई है।

कइयों ने भागलपुर में विक्रमशिला सेतु के रास्ते प्रवेश करने के मुहाने जीरो माइल पर पर अपनी होर्डिंग्स लगाई है। हालांकि, भागलपुर के नेताओं ने पहले ही अपनी होर्डिंग्स से शहर को पाट रखा है, ऐसे में अन्य नेताओं के लिए बहुत खाली जगह नहीं बची है।

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