Bihar assembly election 2020 : Sultanganj assembly - त्रिकोणीय संघर्ष में पता नहीं किस करवट बैठेगा ऊंट

Bihar assembly election 2020 भागलपुर जिले के सुल्तानगंज विधानसभा क्षेत्र से 13 प्रत्याशी हैं। मुकाबला जदयू और कांग्रेस के उम्मीदवारों के बीच है। हालांकि लोजपा और रालोसपा ने भी यहां से अपने उम्‍मीदवार खड़े किए हैं। 28 अक्टूबर को यहां के मतदाता मतदान करेंगे।

By Dilip Kumar ShuklaEdited By: Publish:Tue, 20 Oct 2020 09:36 AM (IST) Updated:Tue, 20 Oct 2020 09:36 AM (IST)
Bihar assembly election 2020 : Sultanganj assembly - त्रिकोणीय संघर्ष में पता नहीं किस करवट बैठेगा ऊंट
नीलम देवी (लोजपा), ललन कुमार (कांग्रेस), ललित नारायण मंडल (जदयू), हिमांशु प्रसाद उर्फ हिमांशु कुमार (रालोसपा)

भागलपुर, जेएनएन। कोरोना महामारी की दहशत के बीच बिहार में एक साथ दो महापर्व आ पहुंचा है। हर साल आने वाले दुर्गा पूजा के साथ ही विधान सभा चुनाव का महापर्व भी जारी है। चुनाव के पहले चरण में ही जिले के सुल्तानगंज विधानसभा क्षेत्र का मतदान है। 26 अक्टूबर को विजयादशमी के बाद 28 अक्टूबर को यहां के मतदाता मतदान करेंगे। यूं तो यहां मैदान में निर्दलियों सहित कुल 13 मतदाता हैं। लेकिन विधान सभा क्षेत्र की कुल 4,36,079 की आबादी में से मतदान के लिए अधिकृत 3,27,753 मतदाता किसे क्षेत्र का नेतृत्व सौंपेंगे ये कहना कठिन है।

यहां सीधा मुकाबला नहीं है। बल्कि संघर्ष त्रिकोणीय है। एनडीए की ओर से 2005 के चुनाव से ही यहां जदयू का कब्जा है। लेकिन पार्टी ने लगातार दो चुनावों में जीत हासिल करने वाले सुबोध राय को बेटिकट करते हुए इस बार नया चेहरा प्रो. ललित नारायण मंडल पर दांव लगाया है। प्रो.मंडल समता पार्टी काल से ही नीतीश कुमार के साथ हैं। लेकिन पार्टी के कार्यकर्ताओं का एक बड़ा वर्ग इनके साथ रह कर भी संतुष्ट नहीं है। उनके दिलो दिमाग में तो श्री राय के बेटिकट होने की स्थिति में अपने उस नेता की छवि थी जो समता पार्टी काल में जिलाध्यक्ष थे और अभी जदयू के हैं। जदयू के सहयोगी घटक भाजपा की स्थिति ये है कि पार्टी के स्थानीय पदाधिकारी सहित प्रमुख चेहरे तो साथ हैं। लेकिन पार्टी के युवा वोटर तो बस एक ही रट लगाए हैं कि उन्हें बदलाव चाहिए।

इधर महागठबंधन ने इस बार लगातार हार रहे राजद की जगह मौका कांग्रेस को दिया है। कांग्रेस ने यहां से युवा कांग्रेस के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष ललन कुमार को टिकट दिया है। लेकिन इन्हें स्थानीय कांग्रेसियों का साथ नहीं मिल रहा है। क्षेत्र में जिनकी पहचान केवल कांग्रेसी की है, वैसा एक भी चेहरा इनके साथ नजर नहीं आ रहा है। हां इनके साथ राजद के लोग खुलकर चल रहे हैं। क्षेत्र में हर जगह इन्हें राजद का भरपूर समर्थन मिल रहा है लेकिन लगता है कांग्रेस ने इनसे लगभग किनारा कर लिया है।

क्षेत्र में इस बार लोजपा ने भी दांव  लगाया है। नगर परिषद की वर्तमान सभापति नीलम देवी को लोजपा ने अपना प्रत्याशी बनाया है। इनके कारण ही यहां चुनावी संघर्ष त्रिकोणीय हो गया है। इन्हें लोजपा के वोट के अलावा भाजपा के वैसे वोट की अपेक्षा है जो खास कर युवा वोटर हैं और  वे बदलाव चाहते हैं। क्षेत्र में 20 से 29 आयुवर्ग के मतदाताओं की संख्या 70 हजार 140 है। जबकि 30 से 39 आयु वर्ग के मतदाताओं की संख्या 90 हजार 479 है। किसी के भी जीत हार का दारोमदार युवा मतदाताओं पर ही है। अब ये तो 10 नवंबर को ही पता चलेगा कि ऊंट किस करबट बैठा।

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