आम की फसल पर विदेशी कीट का हमला

आम की फसल पर रेड बैंडेड केटर कीलर कीट (फली छेदक कीट) ने हमला बोल दिया है। यह कीट आम में छेद कर बर्बाद कर रहा है। बागवान फली छेदक कीट से परेशान हैं। मौसम की मार के बाद अब किसानों को यह कीट नुकसान पहुंचा रहा है।

By JagranEdited By: Publish:Tue, 02 Jun 2020 01:50 AM (IST) Updated:Tue, 02 Jun 2020 01:50 AM (IST)
आम की फसल पर विदेशी कीट का हमला
आम की फसल पर विदेशी कीट का हमला

भागलपुर। आम की फसल पर रेड बैंडेड केटर कीलर कीट (फली छेदक कीट) ने हमला बोल दिया है। यह कीट आम में छेद कर बर्बाद कर रहा है। बागवान फली छेदक कीट से परेशान हैं। मौसम की मार के बाद अब किसानों को यह कीट नुकसान पहुंचा रहा है।

जिले में आम का उत्पादन व्यापक पैमाने पर होता है। किसान आम के बागानों में बढि़या फल देख झूम उठे थे, पर कीड़े लगने से आम की फसल अब चौपट होने के कगार पर है। अभी तक करीब 25 फीसद फसल प्रभावित हुई है, लेकिन दुष्प्रभाव व रोग बढ़ता ही जा रहा है। रेड बैंडेड केटर कीलर आम को छेद कर सुराख बना रहे हैं तथा गुठली के भीतर जाकर उसे सड़ा देते हैं, जिससे आम का फल काला पड़ने के साथ नष्ट हो जाता है। कीटों का प्रकोप संक्रामक रोग की तरह बढ़ रही है। वैज्ञानिकों के लिए भी ये कीट चिंता का विषय है। उनका कहना है कि यह कीट आस्ट्रेलिया से साउथ ईस्ट एशिया के फसलों को प्रभावित करते हुए तीन वर्ष पूर्व उड़ीसा में देखे गए थे। पिछले वर्ष इसने बिहार में पांच फीसदर आम को नुकसान पहुंचाया था, लेकिन इस बार 25 फीसद तक नुकसान पहुंचा है।

सुल्तानगंज सहित अन्य जगहों के किसान परेशान

सुल्तानगंज, शाहकुंड, जगदीशपुर, नाथनगर आदि सैकड़ों एकड़ क्षेत्रफल में फैले बगीचों में कीटों की भेदन क्रिया से समस्त आम किसान परेशान हैं। सर्वाधिक असर वाले गाव महेशी, तिलकपुर व अकबरनगर में सैकड़ों आम उत्पादकों को अब तक लगभग 80 लाख की क्षति का अनुमान है। मैंगों मैन व फल उत्पादक संघ के प्रदेश अध्यक्ष अशोक चौधरी ने कहा कि इन कीटों से भारी नुकसान हुआ है। दो-तीन बार दवा का छिड़काव कराया गया, लेकिन कोई असर नहीं हुआ है। पिछले साल भी यह कीट देखा गया था, लेकिन पूरी जानकारी नहीं हो पाई। इस साल जानकारी होने पर कृषि वैज्ञानिकों से जानकारी ली जा रही है।

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अगस्त में पेड़ पर करें छिड़काव

बिहार कृषि विश्वविद्यालय में शोध के बाद यह निष्कर्ष निकाला है कि कीट का प्रकोप हर वर्ष बढ़ रहा है। वैज्ञानिक प्रो. मु. फिजा अहमद के अनुसार कीट के बचाव के लिए अगस्त महीने में ही पेड़ के दो मीटर के दायरे में प्रोसीनोफोस का छिड़काव करना चाहिए। जब आम मटर के दाने के आकार का हो तब भी छिड़काव करने की जरूरत है। इससे कुछ हद तक कीट को कंट्रोल किया जा सकेगा।

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कोट..

काला दाग वाले फलों को तोड़ लें और आग में जला दें। फल तोड़ने के बाद ऑफ सीजन में तना एवं मोटे टहनियों के छेद में छुपे प्यूपा संग्रह कर नष्ट करें।

रविंद्र कुमार, सहायक निदेशक

पौधा संरक्षण

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कोट..

कीट से इस वर्ष 25 फीसद तक आम की फसल को नुकसान पहुंचा है। जर्दालू, बंबई और मालदह आम को ज्यादा नुकसान हुआ है। बीजू आम पर इसका असर कम है।

अशोक चौधरी, प्रदेश अध्यक्ष

आम उत्पादक संघ

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