Chhath puja 2019 : अरुणोदय की लालिमा के साथ शुरू हुआ अर्घ्‍य दान, और संपन्‍न हो गया लोक आस्था का महापर्व

छठ महापर्व के चौथे दिन उदयाचल भगवान सूर्य को अर्घ्‍य देने के साथ ही लोक आस्‍था का महापर्व संपन्‍न हो गया। भागलपुर सहित आसपास के इलाकों में गंग तट पर यह पर्व धूमधाम से मनाया गया।

By Dilip ShuklaEdited By: Publish:Sun, 03 Nov 2019 07:50 AM (IST) Updated:Sun, 03 Nov 2019 07:50 AM (IST)
Chhath puja 2019 : अरुणोदय की लालिमा के साथ शुरू हुआ अर्घ्‍य दान, और संपन्‍न हो गया लोक आस्था का महापर्व
Chhath puja 2019 : अरुणोदय की लालिमा के साथ शुरू हुआ अर्घ्‍य दान, और संपन्‍न हो गया लोक आस्था का महापर्व

भागलपुर [जेएनएन]। छठ का महाअनुष्ठान रविवार को उदीयमान सूर्य को अर्घ्य देने के साथ ही संपन्न हो गया। इस पर्व को लेकर उत्तर बिहार के विभिन्न जिलों में उत्साह चरम पर दिखा। रविवार की अलसुबह ही व्रती पास के छठ घाटों पर पहुंच गई थीं। वहां वह पानी में खड़े होकर भगवान भास्कर के प्रकट होने का इंतजार करने लगीं। जैसे ही सूर्य देव के दर्शन हुए व्रतियों व अन्य भक्तों ने उन्हें अर्घ्य दिया। इसके बाद प्रसाद का वितरण शुरू हो गया।

उदीयमान सूर्य को अघ्र्य देने के साथ ही रविवार को लोक आस्था के महापर्व का समापन हो गया। इस दौरान श्रद्धालुओं ने भगवान भास्कर से सुख व समृद्धि की कामना की। व्रतियों ने 36 घंटे तक निर्जला पर रहकर भगवान भास्कर की पूजा-अर्चना की। इसके बाद व्रतियों ने पारण किया। इसके पूर्व शनिवार को व्रती समेत श्रद्धालुओं ने अस्ताचलगामी सूर्य को नमन किया था।

जगदीशपुर प्रखंड के बैजानी के शिवालय के पास‍ स्थित पोखर में छठ पर्व पर भगवान सूर्य को अर्घ्य दिया गया। 

सुबह-शाम शहर के बूढ़ानाथ गंगा घाट, बरारी सीढ़ी घाट, बरारी पुल घाट, आदमपुर घाट, खिरनी घाट, छोटी खंजरपुर घाट, मानिक सरकार घाट, लंच घाट सहित ग्रामीण क्षेत्रों के पोखर और तालाबों पर जुटे और भगवान भास्कर को अघ्र्य दिया। रविवार सुबह महापर्व की समाप्ति पर श्रद्धालुओं ने व्रतियों का चरण स्पर्श कर उनका आशीर्वाद प्राप्त किया और प्रसाद ग्रहण किया।

दो दिनों तक गंगा तट का विहंगम नजारा हर किसी को अपनी और आकर्षित कर रहा था। आस्था के इस महाकुंभ में हर कोई धर्म के भागी बनने को उतारू थेे।

रोशनी की थी मुकम्मल व्यवस्था

समाजसेवियों एवं विभिन्न संगठनों के माध्यम से गंगा घाट से लेकर विभिन्न मार्गों पर रोशनी की मुकम्मल व्यवस्था की गई थी। जगह-जगह तोरण द्वार लगाए गए थे। भीखनपुर, घंटाघर, खलीफाबाग, बूढ़ानाथ रोड़ में कई संस्थाओं द्वारा व्रतियों के लिए धूप-दीप, अगरबत्ती एवं दूध का निश्शुल्क वितरण किया जा रहा था। रविवार की तड़के लोग अपने-अपने घरों से निकलकर खुद सड़कों की सफाई कर पानी से धोने में लगे थे, ताकि व्रतियों व श्रद्धालुओं को कहीं कोई परेशानी न हो।

चरण स्पर्श कर लिया आशीर्वाद

जो व्रती दंडवत गंगा घाट पहुंच रही थीं, रास्ते में श्रद्धालु उनके चरण स्पर्श कर आशीर्वाद लेने में लगे थे। वहीं सैकड़ों पुरुष व महिला श्रद्धालुओं ने कष्टी के रूप में गंगा मेें खड़े होकर भगवान भास्कर की पूजा-अर्चना की।

मेले का खूब लिया आनंद

शहर से लेकर ग्रामीण क्षेत्रों के गंगा घाटों, पोखर व तालाबों पर शनिवार की शाम के अपेक्षा रविवार की सुबह भारी संख्या में श्रद्धालु नए परिधानों में सज-धज कर गंगा तट पर पहुंचे उदीयमान सूर्य को अघ्र्य देने के बाद वहां लगे मेले का भी जमकर आनंद लिया। चाट-पकौड़े से लेकर समोशे की दुकानों पर लोगों की खूब भीड़ लगी रही। किसी ने गोलगप्पे का स्वाद तो कोई चाट पकौड़े का आनंद ले रहे थे।

गंगा में एसडीआरएफ की टीम लगा रही थी गश्त

शहर के विभिन्न गंगा घाटों में किसी भी आकस्मिक दुर्घटना से निपटने के लिए एहतियातन जिला प्रशासन के निर्देश पर एसडीआरएफ की टीम गश्त लगा रही थी। लाइफ जैकेट पहने एसडीआरएफ टीम को गंगा में एवं घाटों से लेकर हर चौक-चौराहों तथा विभिन्न मार्गों पर पुलिस प्रशासन की सक्रियता देख लोग काफी खुश थे और जिला प्रशासन को धन्यवाद दे रहे थे।

सेल्फी का बढ़ा क्रेज

गंगा घाटों पर युवा पीढिय़ों में सेल्फी लेने की होड़ मची थी। हर कोई अपने सगे-संबंधी, परिजन व मित्रों के साथ सेल्फी लेने में व्यस्त थे। युवतियां भी किसी से अपने के पीछे नहीं समझ रही थी। गंगा घाटों के विहंगम नजारे का वीडियो करने व सखी सहेलियों के साथ सेल्फी लेकर वहां के आकर्षक नजारे को अपने कैमरे में कैद कर लेने को उतारू थी। कई युवक-युवतियों तो सेल्फी लेने के तुरंत बाद अपने व्हाट्सप की डीपी भी मौके पर बदल दे रही थी। फिर क्या था, डीपी बदलते ही सगे संबंधियों व मित्रों का रेस्पॉस भी आना शुरू हो गया था, लोग चैटिंग करने में भी लगे हुए थेे।

तालाब बनाकर कई लोगों ने किया घर में छठ पूजा

गंगा घाटों की अच्छी सफाई नहीं होने और दलदली के कारण कई परिवारों ने तालाब बनाकर घरों में छठ पूजा किया। मुंदीचक गढ़ैया दुर्गा स्थान के सामने तालाब बनाकर राजेंद्र प्रसाद दास उर्फ राजू दा के परिवार ने छठ किया। यहां आसपास की कई महिलाओं ने भी छठ पूजा किया। पिछले दो सालों से वे लोग तालाब बनाकर छठ पूजा कर रहे हैं। नयाटोला मुंदीचक में शंभू चौधरी अपने घर के सामने परती जमीन पर तालाब बनाकर दस-बारह सालों से छठ पूजा करते आ रहे हैं। इस साल भी यहां भी छठ पूजा करने महिलाएं छठ पूजा करने आई थीं। अध्र्य देने वालों की भीड़ लगी थी। वहीं इसी मोहल्ले में छत पर पोखर बनाकर दीपक लाल का परिवार छठ पूजा करते हैं। तकरीबन दस सालों से घर पर ही छत पूजा कर रहे हैं। गंगा घाट जाने के बजाय मोहल्ले के लोग अध्र्य देने यहां आते हैं। दूसरी ओर कुतुबगंज में तिवारी पोखर में बड़ी संख्या में लोगों ने छठ किया। इस साल भी मेला लगा था। दुधिया रोशनी और झालर से तालाब को सजाया गया था।

स्वयंसेवी संस्थाओं ने घाटों पर कर रोशनी की व्यवस्था

उदितमान सूर्य को अघ्र्य देते ही रविवार को महापर्व छठ समाप्त हो गया। शहर के विभिन्न घाटों पर अध्र्य देने के लिए छठव्रर्तियों का तांता लगा रहा। स्वयंसेवी संस्थाओं द्वारा भी सड़क की सफाई के अलावा घाटों पर छठव्रर्तियों की सुविधा का ख्याल रखा गया। शहर की सड़कों की सफाई की गई थी।

शनिवार को अस्ताचल सूर्य और रविवार को उगते सूर्य भगवान को अघ्र्य दिया गया। सुबह करीब तीन बजे से गाजे-बाजे के साथ छठव्रर्ती गंगा नदी के बरारी, सीढ़ी, हनुमान, आदमपुर घाट, जहाज घाट, बूढ़ानाथ, सखीचंद, कोयला आदि छठ घाटों पर जाना प्रारंभ किया और उगते सूर्य को अघ्र्य दिया। एसएम कॉलेज घाट पर इस बार रोशनी और सजावट की व्यवस्था नहीं की गई थी। शनिवार को अंधरे में ही छठव्रर्तियों ने अघ्र्य दिया। वहीं उपकार क्लब, बूढ़ानाथ घाट, सखीचंद घाट सहित अन्य घाटों को रोशनी से सजाया गया था। घाट किनारे पुआल भी बिछाए गए थे। ताकि दलदल नहीं रहे, साथ ही बेरिकेडिंग भी की गई थी। उपकार क्लब द्वारा सांस्कृतिक कार्यकम का भी आयोजन किया गया था। बूढ़ानाथ घाट पर आए श्रद्धालुओं ने शहीदों के नाम मोमबत्ती जलाकर उन्हें श्रद्धांजलि भी दी। बच्चों के मनोरंजन के कई साधन भी उपलब्ध थे। भीखनपुर गुमटी संख्या तीन पर स्वयंसेवी संस्था द्वारा सड़क पर दरी भी छठव्रर्तियों के लिए बिछाई गई थी। कई छठव्रति घर से दंडवत करते हुए घाट तक गई। वहीं शहर के दर्जनों परिवार द्वारा घर में भी अघ्र्य दिए गए।

भागलपुर के बरारी, सी​ढ़ी घाट, बूढ़ानाथ मंदिर घाट, हनुमान घाट, बरारी पुल घाट, एसएम कॉलेज घाट, कुप्पाघाट घाट, खिरनी घाट, आदमपुर घाट, गोलाघाट, नाथनगर के अलावा सबौर, कहलगांव, सुल्तानगंज आदि गंगा तट पर लोग पहुंचे। इसके अलावा तालाबों, झीलों और कई स्थानों पर तालाब बनाकर लोग छठ व्रत की।

वहीं, भागलपुर के बैजानी गांव में छठ काफी धूमधाम से मनाया गया। गांव के शिवालय के पास स्थित पोखर में भगवान सूर्य को अर्घ्य दिया। कहलगांव के बटेश्वनाथ सहित अन्य जगहों पर लोग पहुंचे थे। सुल्तानगंज के गंगा घाट पर भी काफी संख्या में लोग पहुंचे थे। नवगछिया क्षेत्र में भी कोसी और गंगा तट पर लोग पहुंचकर भगवान सूर्य का पूजन किया। जिछो मंदिर के पास भी गांव के पोखर में छठ पर्व पर अर्घ्य दान कर व्रतियों ने अपना व्रत पूरा किया। 

 

खगड़िया के अगुवानी घाट पर भी लोग ने भगवान सूर्य को अर्घ्य दिया। बांका के चांदन, ओढ़नी सहित विभिन्न नदियों में छठ व्रत को लेकर श्रद्धालुअों की पहुंचे। क‍टिहार के आजमनगर में दंड देकर एक महिला व्रती छठ घाट पर पहुंची। भागलपुर के सुंदरपुर पोखर पीरपैंती में भी छठ व्रत को लेकर काफी भीड रही। पीरपैंती के शेरमारी गोशाला पोखर पर भी लोगों ने भगवान सूर्य को अर्घ्य दिया।

भगालपुर के जगदीशपुर में कई पोखरों ने भगवान सूर्य को अर्घ्य दिया गया। कोलानारायणपुर, कजरैली, तेतरहार, कुमरथ, तमौनी, गोराचकी आदि क्षेत्रों में भी अस्ताचलगामी सूर्य को अर्घ्य दिया गया। गांव के पोखरों में छठ व्रत हुआ।

वहीं, पूर्णिया, कटिहार, किशनगंज, मधेपुरा, सहरसा, मुंगेर, बांका, खगडिया, जमुई, लखीसराय, सुपौल, अररिया, फारबिसगंज आदि जिलों में भी छठ व्रत को लेकर काफी उत्साह का माहौल है। बांका के बौंसी मंदार स्थित पापहरणी सरोबर में छठ पर्व को लेकर बेहतर व्यवस्था की गई थी।

बांका के अमरपुर प्रखंड में भी काफी उत्साह के साथ लोगों ने छठ मनाया। इससे पहले अस्तालचलगामी भगवान सूर्य को शनिवार यानी आज शाम में अर्घ्य प्रदान किया गया था। रविवार को उदयीमान सूर्य को अर्घ्य देने के साथ ही चार चार दिवसीय छठ महापर्व संपन्न हो गया। 

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