भागलपुर में गंगा पर नया फोरलेन पुल के निर्माण में फंसा पेंच, नए सिरे से डिजाइन तैयार करने की चल रही बात

गंगा पर नया फोरलेन पुल के निर्माण में फ‍िर मामला फंस गया है। नए स्‍लैब की लंबाई को लेकर बात नहीं बन रही है। आइडब्ल्यूएआइ ने पुल के स्पैन का फासला 100 मीटर करने की शर्त रखने व नए डिजाइन तैयार करने के लिए...

By Abhishek KumarEdited By: Publish:Thu, 27 Jan 2022 07:16 AM (IST) Updated:Thu, 27 Jan 2022 07:16 AM (IST)
भागलपुर में गंगा पर नया फोरलेन पुल के निर्माण में फंसा पेंच, नए सिरे से डिजाइन तैयार करने की चल रही बात
गंगा पर नया फोरलेन पुल के निर्माण में फ‍िर मामला फंस गया है।

जागरण संवाददाता, भागलपुर। विक्रमशिला सेतु के समानांतर पुल को लेकर केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय, और भारतीय अन्तर्देशीय जलमार्ग प्राधिकरण (आइडब्ल्यूएआइ) के बीच पांचवें दौर की बातचीत भी बेनतीजा रही। इसकी वजह से बरारी में गंगा नदी पर बनने वाले फोरलेन पुल के निर्माण पर फिलहाल ग्रहण लग गया है। एलएंडटी को पिछले साल फरवरी में ही पुल बनाने का का मिला था। लेटर ऑफ एक्सेप्टेंस पर साइन भी हो चुका है।

मिनिस्ट्री आफ रोड ट्रांसपोर्ट हाईवे (मोर्थ) ने फोरलेन पुल बनाने के लिए चयनित एजेंसी से जून में ही एग्रीमेंट किया है। वन विभाग से भी अनापत्ति प्रमाण पत्र (एनओसी) मिल गया है। यही नहीं ठेका एजेंसी का आदमपुर में कार्यालय और बरारी में प्लांट के लिए जगह का चयन भी कर रखा है। लेकिन भारतीय अंतर्देशीय जलमार्ग प्राधिकरण द्वारा पूरे पुल के हिस्से का स्पैन सौ मीटर रखने की शर्त रखते हुए पुल निर्माण के लिए एनओसी नहीं दी गई।

आइडब्ल्यूएआइ का कहना है कि देखा जाता है कि जहां पुल बनता है वहां मुख्यधारा में स्पैन का फासला 100 या इससे अधिक मीटर तो कर दिया जाता है पर मुख्यधारा से अलग स्पैन का फासला 50 से 60 मीटर ही रखा जाता है। पर्यावरण की दृष्टि से यह उचित नहीं। इसलिए पुल के पूरे हिस्से का स्पैन का फासला 100 या इससे अधिक मीटर का होना चाहिए। इसी शर्त पर पुल निर्माण को अनुमति दी जाएगी।जलमार्ग प्राधिकरण की ओर से इस तकनीकी व्यवस्था का आधार पर्यावरण व वाणिज्यिक को बताया गया कि अगर पुल के स्पैन का फासला 100 मीटर से अधिक का नहीं होता है तो उससे मालवाहक जहाज नहीं गुजर सकेंगे। इसके अतिरिक्त स्पैन का फासला 100 मीटर रहने से पानी का बहाव भी सही तरीके से होगा और अपेक्षाकृत गाद कम जमा होगा। वहीं पुल बनाने के लिए चयनित एजेंसी का कहना है कि 100 मीटर स्पैन पर डिजायन कर पुल बनाना होगा तो 400 करोड़ रुपये अधिक चाहिए। इसलिए कि पूर्व के डिजाइन के अनुसार प्राक्कलन बना है और उतनी राशि खर्च होगी। डिजाइन बदलने पर निर्माण राशि बढ़ जाएगी। फिलहाल इस राशि को लेकर मंत्रालय सहमत नहीं है। इधर,

भू-अर्जन की प्रक्रिया अंतिम चरण में है। 4.455 किलोमीटर लंबे फोरलेन पुल का निर्माण बरारी श्मशान घाट की ओर विक्रमशिला सेतु से 50 मीटर दूर बनना है। 68 पाये वाले इस पुल के दोनों ओर फुटपाथ बनाना है। नवगछिया की ओर 875 मीटर और भागलपुर की ओर 987 मीटर पहुंच पथ बनना है।

अंतरराष्ट्रीय जलमार्ग प्राधिकरण दोनों के बीच मामले सुलझ गए होते तो पुल निर्माण कार्य की प्रगति भी नजर आती। पुल निर्माण का निर्धारित लक्ष्य 2025 तक रखा गया है। पुल सहित पहुंच पथ के निर्माण पर 838 करोड़ रुपये खर्च होंगे।

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