एसएसपी, महिला व तातारपुर थानाध्यक्ष के खिलाफ आपराधिक मुकदमा

भागलपुर। तातारपुर थाना क्षेत्र अंतर्गत गोलाघाट लेन निवासी सपना सुमन ने गुरुवार को एसएसपी मनोज कुमार,

By Edited By: Publish:Fri, 28 Oct 2016 02:08 AM (IST) Updated:Fri, 28 Oct 2016 02:08 AM (IST)
एसएसपी, महिला व तातारपुर थानाध्यक्ष के खिलाफ आपराधिक मुकदमा

भागलपुर। तातारपुर थाना क्षेत्र अंतर्गत गोलाघाट लेन निवासी सपना सुमन ने गुरुवार को एसएसपी मनोज कुमार, महिला थानाध्यक्ष ज्ञान भारती, तातारपुर थानाध्यक्ष अजय कुमार एवं पांच-छह अज्ञात पुलिस कर्मियों के खिलाफ आपराधिक मुकदमा किया है।

मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी त्रिभूवन यादव की अदालत में दायर नालसीवाद में सपना सुमन ने कहा है कि उसके घर में चोरी हो गई थी। घटना की तातारपुर थाना में प्राथमिकी दर्ज कराने गई थी। तातारपुर थाना द्वारा मामलाला दर्ज करने से इंकार करने पर इसकी शिकायत करने एसएसपी कार्यालय पहुंची। एसएसपी ने तेरह दिनों कार्रवाई करने का आश्वासन दिया। इसके पूर्व मैने आइजी एवं एसएसपी को फोन कर इसकी सूचना दी थी। प्राथमिकी दर्ज नहीं करने एवं बार-बार थाना बुलाकर प्रताड़ित करने शिकायत को लेकर 20 अक्टूबर को एसएसपी से मिलने गई। घंटों इंतजार के बाद एसएसपी से मिलने नहीं देने पर कार्यालय के बाहर उनके निकलने का इंतजार करने लगी। शाम साढ़े छह बजे महिला थानाध्यक्ष, एक अन्य महिला पुलिस, आदेश पालक गणेश कुमार तथा सादे लिबास में चार-पांच अन्य पुलिस कर्मी आए और मेरे साथ दु‌र्व्यवहार करते हुए खींचते हुए अपने साथ एसएसपी कार्यालय से बाहर ले जाने लगे। विरोध करने पर महिला थानाध्यक्ष ने गाली-गलौज करने लगी। साढ़े साल की पुत्री चाहत को भी घसीटते हुए गेट से बाहर लेते गई।

मारपीट कर मुझे और मेरी पुत्री को जबरिया जिप्सी में फेंक दिया और गाड़ी की लाइट बंद कर कोतवाली थाना लेकर चले गए। इसकी वजह से पुत्री चाहत को गंभीर चोटें भी आई। इससे पूर्व चिल्लाने पर डीबीए के महासचिव संजय कुमार मोदी ने महिला थानाध्यक्ष व अन्य पुलिस कर्मियों को अपना परिचय दिया। महासचिव व अन्य अधिवक्ताओं ने मारपीट एवं दु‌र्व्यवहार नहीं करने की बात भी कही। रात साढ़े आठ बजे महिला थाना से मुझे तातारपुर थाना लाया गया। दु‌र्व्यवहार करते हुए तातारपुर थानाध्यक्ष ने वेश्यावृति व अन्य मुकदमें में फंसाकर जेल भेजने की धमकी दी।

अधिवक्ता संजय कुमार मोदी ने बताया कि मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी ने मामले की जांच कर डीआइजी को एक सप्ताह में रिपोर्ट देने का निर्देश दिया है। रिपोर्ट नहीं देने पर आठ नवंबर से न्यायालय द्वारा इनक्वारी शुरू होगी।

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