विश्वविद्यालय खेलकूद परिषद को याद आए प्रो. घोष

भागलपुर। तिलकामांझी भागलपुर विश्वविद्यालय खेल कूद विभाग ने बुधवार को एक शोक सभा आयोजित कर परिषद के प

By Edited By: Publish:Thu, 30 Jul 2015 03:21 AM (IST) Updated:Thu, 30 Jul 2015 03:21 AM (IST)
विश्वविद्यालय खेलकूद परिषद को याद आए प्रो. घोष

भागलपुर। तिलकामांझी भागलपुर विश्वविद्यालय खेल कूद विभाग ने बुधवार को एक शोक सभा आयोजित कर परिषद के पूर्व सचिव प्रो. जेबी घोष के निधन पर गहरा शोक व्यक्त किया है। प्रो. घोष का निधन 25 जुलाई को कोलकाता स्थित उनके निवास स्थान पर हुआ था। वे 94 वर्ष के थे।

वक्ताओं ने अपने संबोधन में कहा कि प्रो. घोष का खेल-कूद के क्षेत्र में खासकर विश्वविद्यालय खेलकूद के क्षेत्र में अविस्मरणीय योगदान रहा है। वे 1970 से 1976 एवं 1977 से 1981 कुल दस वर्षो तक विश्वविद्यालय खेलकूद परिषद के मानद सचिव रहे। इनके कार्यकाल में विवि खेलकूद को एक ठोस आधार मिला। सन 1978-79 में इनके नेतृत्व में उत्तरी-पूर्वी क्षेत्र अंतर विवि टेबुल टेनिस प्रतियोगिता का आयोजन सफलतापूर्वक भागलपुर में किया गया था। प्रो. घोष स्वयं क्रिकेट के अलावा टेनिस एवं टेबुल टेनिस के अच्छे खिलाड़ी थे। क्रिकेट में उन्होंने पटना विवि का प्रतिनिधित्व किया था। मारवाड़ी कॉलेज में 1946 ई. में तत्कालीन सचिव स्व. वंशीधर ढांढनियां ने उन्हें राजेंद्र कॉलेज, छपरा से बुलाकर नियुक्ति दी थी। प्रो. घोष एक आदर्श इंसान, कुशल प्रशासक, जाने माने खिलाड़ी व अंग्रेजी के विद्वान शिक्षक थे।

संयुक्त सचिव सदानंद झा ने बताया कि अन्य विषयों में इनकी गहरी रूचि थी। इनके घर पर व्यक्तिगत लाइब्रेरी में किसी कॉलेज की लाईब्रेरी से ज्यादा पुस्तकें मिल सकती हैं। अध्ययन-अध्यापन में यह जीवन के अंतिम क्षणों तक लगे रहे। एनसीसी के भी कर्नल रह चुके थे। प्रो. जेबी घोष के दोनों पुत्र भास्कर एवं अरीजीत घोष रणजी ट्रॉफी एवं दिलीप ट्रॉफी क्रिकेट खेल चुके हैं।

शोक सभा में उपस्थित प्रो. पवन कुमार पोद्दार, डॉ. शाहीद रजा जमाल एवं डॉ. सदानंद झा, अभिमन्यु, गुंजेश, अशोक आदि ने परमपिता परमेश्वर से प्रार्थना की कि उनकी आत्मा को शांति प्रदान करें एवं शोक संतप्त परिवार को दुख की इस घड़ी में सहनशीलता प्रदान करें।

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