निरापद नहीं हाजत से मजिस्ट्रेट कोर्ट में बंदियों की पेशी

जागरण संवाददाता, भागलपुर : व्यवहार न्यायालय, भागलपुर के मजिस्ट्रेट कोर्ट में बंदियों की पेशी निरापद

By Edited By: Publish:Sun, 08 Feb 2015 09:21 PM (IST) Updated:Sun, 08 Feb 2015 09:21 PM (IST)
निरापद नहीं हाजत से मजिस्ट्रेट कोर्ट में बंदियों की पेशी

जागरण संवाददाता, भागलपुर : व्यवहार न्यायालय, भागलपुर के मजिस्ट्रेट कोर्ट में बंदियों की पेशी निरापद नहीं है। वहां बंदियों को आसानी से निशाना बनाया जा सकता। कोर्ट हाजत से मजिस्ट्रेट कोर्ट तक पेशी के दौरान व्यवहार न्यायालय परिसर के बाद वैसे बंदियों की जान पर खतरा है जिनकी सुरक्षा के प्रति पुलिस प्रशासन ज्यादा सतर्क है। ऐसी रिपोर्ट इंटेलिजेंस ब्यूरो ने अपनी रिपोर्ट में दी है। इंटेलिजेंस ब्यूरो के अधिकारी जिला एवं सत्र न्यायाधीश अरविंद माधव से मिलकर न्यायालय परिसर की सुरक्षा मसले पर विचार-विमर्श भी किया है। इंटेलिजेंस ब्यूरो के अधिकारी ने टाडा से जुड़े आरोपियों की सुरक्षा व्यवस्था को सही बताया है। हार्डकोर नक्सलियों की पेशी भी व्यवहार न्यायालय परिसर के न्यायाधीश न्यायालय में होती है। जहां की सुरक्षा व्यवस्था को इंटेलिजेंस वालों ने संतोष जनक तो माना है। लेकिन मजिस्ट्रेट कोर्ट में बंदियों की पेशी को पूर्णतया असुरक्षित मानते हुए सुरक्षा व्यवस्था की फिर से गहन समीक्षा करने को कहा है। मजिस्ट्रेट कोर्ट तक जाने के रास्ते में सुरक्षा व्यवस्था में बदलाव और सुरक्षित चारदीवारी के घेरे की भी जरूरत बताई गई है। इस संबंध में इंटेलिजेंस ब्यूरो के अधिकारी ने जिला एवं सत्र न्यायाधीश श्री माधव से मिलकर विस्तार से चर्चा की है। ऐसा माना जा रहा है कि मजिस्ट्रेट न्यायालय परिसर की भी सुरक्षा बढ़ाई जा सकती है। इंटेलिजेंस वालों ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि मजिस्ट्रेट कोर्ट जाने के पूर्व अधिवक्ताओं का भी सिरिस्ता है जहां आसानी से कोई भी, कभी भी वर्तमान में पहुंच सकता है। वर्तमान समय में वहां सुरक्षा के ऐसे कोई इंतजाम नहीं हैं जिससे ऐसे संभावित हमले को रोका जा सके। ऐसे में न्यायालय में प्रवेश के लिए परिचय पत्र, प्रवेश द्वार पर मेटल डिटेक्टर आदि की अनिवार्यता की भी बात इंटेलिजेंस ब्यूरो के अधिकारियों ने अपनी रिपोर्ट में कही है।

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