मानचित्र पर ढ़ूढ़ो कविवर कहां तुम्हरा घर है...

बेगूसराय। अपनी लेखनी व ओज के दम पर अपने समय का सूर्य, शोषित पीड़ित के मुक्ति के गीतकार, क्रांतिकार

By JagranEdited By: Publish:Sat, 22 Sep 2018 07:05 PM (IST) Updated:Sat, 22 Sep 2018 07:05 PM (IST)
मानचित्र पर ढ़ूढ़ो कविवर कहां तुम्हरा घर है...
मानचित्र पर ढ़ूढ़ो कविवर कहां तुम्हरा घर है...

बेगूसराय। अपनी लेखनी व ओज के दम पर अपने समय का सूर्य, शोषित पीड़ित के मुक्ति के गीतकार, क्रांतिकारी कवि राष्ट्रकवि रामधारी ¨सह दिनकर की 110वीं जयंती समारोह हर वर्ष की तरह इस वर्ष भी दिनकर पुस्तकालय समिति व दिनकर स्मृति विकास समिति के द्वारा किसी भी तरह जयंती समारोह मना लेने के बाद अब दिनकर प्रेमियों और उनके संसाधन विहीन गांव सिमरिया के लोगों द्वारा 23 सितंबर को 110वीं जयंती मनाई जाएगी। हर वर्ष बस उसी तरह से मनाई जाती है जो पिछले कई वर्षों से होते आ रहा है। जयंती समारोह के दौरान हर साल नेताओं व प्रशासकों के द्वारा दिनकर जी के गांव में 24 घंटे बिजली, बेहतर स्वास्थ्य, हर घर शुद्ध पेयजल, नाली ढक्कन, प्रकाश सहित अन्य सुविधाओं समेत गांव के विकास का सपना वर्षों से दिखाया जा रहा है। जबकि वर्ष 1986 को तत्कालीन मुख्यमंत्री ने सिमरिया को आदर्श ग्राम का तमगा दिया था। आज भी सिमरियावासी उसी तमगे को लेकर कल की बेहतरी का इंतजार कर रहे हैं। किसी कवि ने कहा था कि'कहां सिमरिया घाट कहां दिल्ली का दूर नगर है, मानचित्र पर ढूंढो कविवर कहां तुम्हारा घर है..'। सिमरिया गांव सरकारी फाइल में आदर्श ग्राम व निर्मल ग्राम घोषित हो चुका है। परंतु, स्थिति में कुछ भी बेहतर नहीं दिखता है। इन सारी घोषणाओं के बाद बच्चे जवान फिर बूढ़े हो गए। अब तक आदर्श ग्राम व निर्मल ग्राम के अलावा सांसद आदर्श ग्राम का मतलब भी किसी के समझ में नहीं आया है। अब भी सिमरिया में 24 घंटे बिजली लगातार नहीं जलती है। एनएच 31 से सिमरिया गांव जाने वाली सड़क की स्थिति दयनीय है तो गांव की सड़कें व गली में अंधेरा रहता है। आसपास बेहतर बिजली देख कह उठते हैं कि'दिल्ली में तो खूब हैं ज्योति की चहल पहल पर भटक रहा सारा देश अंधेरे में..'। जनपद के साहित्य प्रेमियों ने 24 अप्रैल 1997 को तत्कालीन राज्यपाल एआर किदवई के द्वारा जीरोमाइल स्थित गोलंबर एनएच 31 व 28 के मिलन स्थल पर दिनकर जी की आदमकद प्रतिमा स्थापित की गई थी। जिस पार्क में दिनकर जी की प्रतिमा स्थापित है वहां आज भी अंधेरा कायम है। जबकि दिनकर गोलंबर का रख-रखाव बरौनी रिफाइनरी व मार्के¨टग डिविजन के द्वारा दिया किया जाता रहा है। रिफाइनरी प्रबंधन की उदासीनता की वजह से पार्क का मुख्य द्वार क्षतिग्रस्त है तो पार्क में फूल व रख-रखाव भगवान भरोसे है। दिनकर जी की प्रतिमा के पास लगा टाइल्स गिर रहा है। कोई भी इसे देखने को तैयार नहीं है। बस जयंती व पुण्यतिथि पर जिला प्रशासन व रिफाइनरी प्रबंधन के द्वारा फूल से सजाकर माल्यार्पण कर चले जाते हैं। वहीं दिनकर जी का बंगला जहां वे पढाते व पढ़ते थे, उस बंगले का सौंदर्यीकरण कर उसे बेहतर नहीं बनाया जा सका है। जो कुछ भी सिमरिया गांव में दिखता है वह सब स्थानीय लोगों के सहयोग के बदौलत हो रहा है।

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