आकर्षण का केंद्र बना है तोरणद्वार, पंडाल व सजावट

बेगूसराय। मां दुर्गा के अष्टम रूप की पूजा के साथ ही हिन्दुओं के सबसे बड़ा पूजनोत्सव अब मेला म

By Edited By: Publish:Sun, 09 Oct 2016 02:51 AM (IST) Updated:Sun, 09 Oct 2016 02:51 AM (IST)
आकर्षण का केंद्र बना है तोरणद्वार, पंडाल व सजावट

बेगूसराय। मां दुर्गा के अष्टम रूप की पूजा के साथ ही हिन्दुओं के सबसे बड़ा पूजनोत्सव अब मेला में परिणत हो चुका है। शहर की हर सड़कों व पंडालों में श्रद्धालुओं का हुजुम दिखने लगा है। इसका मुख्य कारण है। शहर में लगभग तीन दर्जन से अधिक प्रतिमाएं स्थापित हैं। यहां के हर पंडालों में आकर्षक सजावट व तोरण द्वार आकर्षण का केंद्र होता है। यहां सर्वाधिक आकर्षण विष्णुपुर में स्थापित आठ पंडालों में मां की प्रतिमाएं एवं सजावट है। यहां की पूजा समितियों में सजावट एवं आकर्षक तोरण द्वार बनाने की अघोषित प्रतियोगिताएं होती हैं। विष्णुपुर में पुरानी दुर्गापूजा समिति, किरण सार्वजनिक दुर्गापूजा समिति, नव युवक पूजा समिति, सार्वजनिक दुर्गापूजा समिति, पंचवटी दुर्गा पूजा समिति, सुलोचना दुर्गापूजा समिति, नौरत्न पूजा समिति, हीरालाल चौक दुर्गापूजा समिति, लहेरी धर्मशाला स्टेशन रोड, नगरपालिका चौक, चटटी रोड दुर्गा पूजा समिति, रिफाइनरी टाउनशिप स्थित दुर्गा मंडप, बड़ी पोखर, कचहरी चौक मंडप द्वारा किए गए सजावट के कारण संपूर्ण शहर की सड़कें दुल्हन की तरह सजकर तैयार है। हर पूजा समितियों द्वारा अपने क्षेत्र के प्रवेश द्वार पर तोरण द्वार बनाया है।विष्णुपुर में लगभग चार किलोमीटर लंबे पंडाल व सजावट को देखने के लिए सिर्फ बेगूसराय ही नहीं आसपास के कई जिलों से बड़ी संख्या में श्रद्धालु यहां प्रतिवर्ष आते हैं। इस वर्ष किरण सार्वजनिक दुर्गा पूजा समिति द्वारा लगभग 150 भगवान की प्रतिमाओं का निर्माण किया गया है। यहां प्रत्येक प्रतिमाओं के समक्ष कलश स्थापित किये गए हैं। और सभी प्रतिमाओं के लिए अलग अलग व्रती तैनात किये गए हैं। जो महिलाओं के आकर्षण का प्रमुख केंद्र है। इसके अलावा इतने बड़े मेला में विधि व्यवस्था बनाए रखने के लिए हर पूजा समिति अपने अपने पोषित क्षेत्रों में काफी संख्या में स्वयं सेवकों की तैनाती की गई है। इसके अलावा विभिन्न पंडालों के सीसीटीवी कैमरा के माध्यम से भी अवांक्षित तत्वों पर नजर रखी जाती है। इसके अतिरिक्त् मेला में आने वाले श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए निश्शुल्क पेयजल एवं प्राथमिक उपचार आदि की व्यवस्था भी की जाती है। वहीं पुलिस व जिला प्रशासन भी मेला के शांतिपूर्ण संचालन के लिए पुख्ता व्यवस्था प्रतिवर्ष करती है।

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