भूतबंगला बना बछवाड़ा का डाकबंगला

बेगूसराय। कभी स्वतंत्रता सेनानियों, आलाधिकारी व इलाके के प्रबुद्धजनों से प्रखंड मुख्यालय स्थित डाक

By Edited By: Publish:Wed, 29 Jun 2016 03:04 AM (IST) Updated:Wed, 29 Jun 2016 03:04 AM (IST)
भूतबंगला बना बछवाड़ा का डाकबंगला

बेगूसराय। कभी स्वतंत्रता सेनानियों, आलाधिकारी व इलाके के प्रबुद्धजनों से प्रखंड मुख्यालय स्थित डाक बंगला परिसर गुलजार रहता था। वहीं आज पूरी तरह भवन खंडहर में तब्दील हो चुका है। ग्रामीणों ने बताया कि 1985 तक सरकारी काम-काज सार्वजानिक कार्यकर्मों के लिए इस डाकबंगले का इस्तेमाल किया जाता था। वर्ष 2000 में जिला परिषद कोष से लाखों रुपये खर्च कर डाकबंगला की घेराबंदी किए जाने से इलाके के लोगों को जीर्णोद्धार की आस जगी थी। लेकिन घेराबंदी के बाद डाकबंगला की देखरेख व मरम्मत का कार्य ठंडे बस्ते में है। सरकारी समारोह व किसी कार्यकर्मों के लिए हाई स्कूल नारेपुर व मिड्ल स्कूल नारेपुर के वर्ग कक्षों का इस्तेमाल किए जाने से छात्रों की पढाई प्रभावित होती है। नारेपुर के ग्रामीण लालबहादुर यादव, झमटिया के उमेश कुंवर कवि, नारेपुर के प्रेमशंकर राय, विजय शंकर दास, छात्र नेता सिकंदर कुमार आदि ने बताया कि डाकबंगला परिसर के विस्तृत जमीन व डाकबंगला भवन को जिला परिषद के अधिकारियों ने जंगल झाड़ियों के हवाले छोड़ दिया है। निवर्तमान सांसद डॉ. मोनाजिर हसन ने डाकबंगला परिसर को सभा भवन बनाने व जीर्णोद्धार का आश्वासन दिया था। परंतु, सालो बीत जाने के बावजूद जीर्णोद्धार तो दूर शिलान्यास भी नहीं हो सका। स्थानीय लोगों ने बताया कि डाकबंगला कि खाली जमीन में जिला परिषद योजना से मार्केट बनाने की बात ठंढे बस्ते में है। कई बुजुर्गों ने बताया कि यह डाकबंगला ऐतिहासिक धरोहर है। अंग्रेज हुकूमत के खिलाफ देशभक्त क्रांतिकारियों का उस •ामाने का यह ठहराव स्थल था। देश के कई राष्ट्रीय नेता तत्कालीन मुंगेर जिला में आने के दौरान बछवाड़ा के इस डाकबंगले में ठहरते थे। ग्रामीणों ने डाकबंगले की स्थिती पर ¨चता जताते हुए जिला परिषद के अधिकारी को मरम्मत व देखरेख की मांग की है। नव निर्वाचित जिला परिषद सदस्या पूनम देवी ने बताया कि अभी तो नए जिला परिषद अध्यक्ष बने ही हैं। अगर बैठक आयोजित हुई तो बछवाड़ा के विकास के लिए डाकबंगला का मुद्दा उठा कर डाकबंगला के जीर्णोद्धार की बात रखी जाएगी।

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