अपहृत का तीसरे दिन भी कोई सुराग नहीं, टीम गठित

संवाद सूत्र बेलहर (बांका) चतराहन गांव से गुरुवार रात अज्ञात अपराधियों द्वारा सड़क दुर्घटना में घायल की इलाज का बहाना बनाकर अपहरण किए गए ग्रामीण चिकित्सक उमेश वर्णवाल की बरामदगी शनिवार को भी नहीं हो सकी। स्वजन ग्रामीण और पुलिस जंगलों पहाड़ों की खाक छान रही है।

By JagranEdited By: Publish:Sat, 22 Jan 2022 09:54 PM (IST) Updated:Sat, 22 Jan 2022 09:54 PM (IST)
अपहृत का तीसरे दिन भी कोई सुराग नहीं, टीम गठित
अपहृत का तीसरे दिन भी कोई सुराग नहीं, टीम गठित

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संवाद सूत्र, बेलहर (बांका): चतराहन गांव से गुरुवार रात अज्ञात अपराधियों द्वारा सड़क दुर्घटना में घायल की इलाज का बहाना बनाकर अपहरण किए गए ग्रामीण चिकित्सक उमेश वर्णवाल की बरामदगी शनिवार को भी नहीं हो सकी। स्वजन, ग्रामीण और पुलिस जंगलों पहाड़ों की खाक छान रही है। बावजूद अबतक कोई सुराग हाथ नहीं लगा है।

अपहरणकर्ताओं ने स्वजनों को अबतक कोई फोन भी नहीं किया गया है। लेवी वसूली के लिए कोई पत्र भी नहीं भेजा गया है। इधर, बरामदगी के लिए पुलिस की टीम गठित की गई है। जिसमें जमुई पुलिस भी भरपूर सहयोग कर रही है। शनिवार को गठित टीम ने जमुई जिले के झाझा और लक्ष्मीपुर थाना क्षेत्र के सहिया, बनजामा आदि गांवों व उससे सटे जंगलों, पहाड़ों में सर्च आपरेशन चलाया, लेकिन कोई सफलता हाथ नहीं लगी। अपहरण नक्सलियों ने या फिर अपराधियों ने किया है। इसका भी कोई पता नहीं चल पा रहा है। ज्ञात हो कि अपहृत चिकित्सक करीब दो दशक से चतराहन गांव में रहता था। नक्सली संगठन के आतंक के समय भी वह बेखौफ होकर बीमार लोगों का इलाज करते थे। रात के अंधेरे में भी वे अकेले जंगली पहाड़ी एवं दुर्गम गांवों में इलाज के लिए निकल जाते थे। लेकिन कभी भी कोई परेशानी उन्हें नहीं हुई। पंचायत चुनाव में भी वे काफी सक्रिय रहे थे। घटना के बाद पत्नी बेबी देवी सहित अन्य स्वजन गमगीन हैं। खोजबीन में ग्रामीण युवाओं की टोली बांका, जमुई से लेकर अन्य जिलों की खाक छान रही है। नाते रिश्तेदार भी खोजबीन में लगे हैं। थानाध्यक्ष विनोद कुमार ने बताया कि अपहृत की बरामदगी के लिए लगातार छापेमारी की जा रही है। लेकिन अबतक कोई सुराग हाथ नहीं लगा है।

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