किताब की टकटकी लगाए बैठे हैं सरकारी स्कूल के तीन लाख बच्चे

जागरण संवाददाता बांका सरकारी विद्यालयों की पढ़ाई हमेशा तमाशा बनती रही है। शिक्षक और भवनों की कमी इन विद्यालयों में कभी खत्म नहीं हुई। अब इस शैक्षणिक सत्र का पहला डेढ़ महीना निकल गया। प्राइवेट स्कूलों ने ग्रीष्मावकाश से पहले एक टेस्ट भी ले लिया। मगर सरकारी स्कूलों का हाल यह कि नामांकित सभी तीन लाख बचे किताब मिलने की टकटकी लगाए बैठे हैं।

By JagranEdited By: Publish:Tue, 17 May 2022 10:13 PM (IST) Updated:Tue, 17 May 2022 10:13 PM (IST)
किताब की टकटकी लगाए बैठे हैं सरकारी स्कूल के तीन लाख बच्चे
किताब की टकटकी लगाए बैठे हैं सरकारी स्कूल के तीन लाख बच्चे

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अभियान.......

फोटो- 17बीएएन 17

- डेढ़ महीने से बिना किताब ही हो रही पढ़ाई

- पहली से आठवीं तक के बच्चों को किताब के लिए खाता में जाती है राशि

जागरण संवाददाता, बांका : सरकारी विद्यालयों की पढ़ाई हमेशा तमाशा बनती रही है। शिक्षक और भवनों की कमी इन विद्यालयों में कभी खत्म नहीं हुई। अब इस शैक्षणिक सत्र का पहला डेढ़ महीना निकल गया। प्राइवेट स्कूलों ने ग्रीष्मावकाश से पहले एक टेस्ट भी ले लिया। मगर सरकारी स्कूलों का हाल यह कि नामांकित सभी तीन लाख बच्चे किताब मिलने की टकटकी लगाए बैठे हैं। विद्यालय में बिना किताब बच्चों को पढ़ाई समझ में नहीं आ रही है। यह हाल जिला में पहली से आठवीं तक की कक्षा में नामांकित करीब तीन लाख बच्चों की है। तीन लाख में अभी एक बच्चा ना किताब खरीद सका है, ना ही उसे इसके लिए सरकारी राशि मिल सकी है। सामान्यत: हर साल सरकारी विद्यालयों में बच्चों के पुस्तक वितरण का यही हाल रहा है। कभी बच्चों का खाता खुलवाने में तो कभी राशि और पुस्तक के इंतजार में शैक्षणिक सत्र का अधिकांश समय निकल जाता है।

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बिन पुस्तक कटेगी गर्मी की छुट्टी

इसी सप्ताह विद्यालयों में गर्मी छुट्टी की घोषणा होगी। बच्चे करीब महीने भर तक घरों में रहेंगे। लेकिन उनके पास पढ़ाई के लिए कोई किताब या कापी नहीं होगी। कोविड के कारण पिछले दो सालों से बच्चों की पढ़ाई पहले से बाधित हुई है। अब किताब के अभाव में उनका तीसरा महत्वपूर्ण महीना निकल जाएगा।

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बच्चों को मिलता है ढाई से चार सौ रुपये

सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों को पुस्तक और कापी खरीद के लिए सरकार हर साल राशि देती है। बच्चों को अब यह राशि बैंक खाता के माध्यम से मिलती है। पहली से पांचवी तक के प्रत्येक बच्चों को 250-250 रूपया तथा छठी से आठवीं तक के बच्चों को 400-400 रुपया दिया जाता है। बच्चों के खाता में राशि जाने के बाद विभाग सीआरसी स्तर पर पुस्तक मेला लगवा कर बच्चों से किताब खरीद करवाती है।

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कोट

बच्चों के खाते में पटना से राशि आए। इसकी प्रक्रिया शुरू होने वाली है। समग्र शिक्षा अभियान इसी सप्ताह से अमरपुर के सीआरसी में पुस्तक मेला लगा रही है। अभिभावकों से अपने बच्चों को पुस्तक खरीदवाने की अपील की जा रही है। जल्द अधिकांश बच्चों के पास पुस्तक उपलब्ध हो जाएगी।

सोनी श्रीवास्तव, संभाग प्रभारी, समग्र शिक्षा अभियान

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