पुत्र को कार नहीं संस्कार दें: किशोरी शरण

संवाद सूत्र, बाराहाट (बाका): परमात्मा को साधन से प्राप्त नहीं किया जा सकता है। वे सहज की कृपा

By Edited By: Publish:Thu, 26 Feb 2015 11:30 PM (IST) Updated:Fri, 27 Feb 2015 04:04 AM (IST)
पुत्र को कार नहीं संस्कार दें: किशोरी शरण

संवाद सूत्र, बाराहाट (बाका): परमात्मा को साधन से प्राप्त नहीं किया जा सकता है। वे सहज की कृपा मात्र से प्राप्त होते हैं। जैसे केवट एवं शबरी को भगवान ने स्वयं दर्शन दिया था।

उक्त बातें कैनोलिया गाव में चल रहे सात दिवसीय श्रीमद् भागवत कथा के तीसरे दिन गुरुवार को कथा के दौरान बालक किशोरी शरण जी दीदी मां ने कही। कहा की आधुनिक समाज को घर परिवार एवं समाज में राम सभ्यता का पोषक बनने की जरूरत है। उन्होनें परमात्मा राम को आनंद का सागर बताया। दीदी मां ने श्रोताओं से कहा की अपने पुत्रों को वैष्णवता की शिक्षा देकर ईश्वर की शरण में लगाना चाहिए। इन्होंने कहा की मनुष्यों में नैतिक मूल्यों व कार्यो की जरुरत है। तभी यह समाज आगे बढ़ पाएगा। किसी को कभी अहंकार नही करना चाहिए। नारी को सम्मान देना चाहिए। दूसरी पाली में किशोरी शरण जी ने कहा की संतों का आगमन समाज के कल्याण के लिए होता है। उपस्थित श्रोताओं को सवल और समरस समाज की स्थापना के लिए पुत्रों को कार खरीदकर देने के बजाय संस्कार देने की जरुरत बताई। इस दौरान भजन का दौर चलता रहा। जिसे सुनकर श्रोता भक्ति रस में डूब रहे थे। मौके पर सहकारिता बैंक अध्यक्ष जितेन्द्र सिंह, जिप उपाध्यक्ष नीलम सिंह, आशिष कुमार सिंह सहित अन्य थे।

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