जनांदोलन के रूप में पशुओं का करें टीकाकरण : डॉ. अमित

जिला मुख्यालय स्थित पशुपालन कार्यालय में शुक्रवार को पशु एवं मत्स्य संसाधन विभाग की ओर से पशु रक्षा पखवारा के तहत फूट एंड माउथ डिजिज (एफएमडी) यानि कि खुरहा एवं मुंहपका रोग के विरुद्ध निशुल्क टीकाकरण अभियान के तहत कार्यक्रम आयोजित की गई।

By JagranEdited By: Publish:Fri, 15 Nov 2019 10:04 PM (IST) Updated:Fri, 15 Nov 2019 10:04 PM (IST)
जनांदोलन के रूप में पशुओं का करें टीकाकरण : डॉ. अमित
जनांदोलन के रूप में पशुओं का करें टीकाकरण : डॉ. अमित

जिला मुख्यालय स्थित पशुपालन कार्यालय में शुक्रवार को पशु एवं मत्स्य संसाधन विभाग की ओर से पशु रक्षा पखवारा के तहत फूट एंड माउथ डिजिज (एफएमडी) यानि कि खुरहा एवं मुंहपका रोग के विरुद्ध निशुल्क टीकाकरण अभियान के तहत कार्यक्रम आयोजित की गई। इसका उद्घाटन नगर परिषद के कार्यपालक पदाधिकारी डॉ. अमित कुमार, जिला पशुपालन पदाधिकारी डॉ. ब्रजेश कुमार सिन्हा एवं पशु शैल्य चिकित्सक डॉ. बालेश्वर प्रसाद ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्जवलित कर किया।

कार्यपालक पदाधिकारी ने कहा कि मैं वर्ष 2009-2010 तक पशुपालन विभाग में पशु चिकित्सक था। यहां आकर पुरानी यादें ताजा हो गई। 15 से 29 नवंबर तक आयोजित एफएफडी टीकाकरण अभियान को कार्य के रूप में नहीं बल्कि इसे जनांदोलन के रूप में लें। यह बहुत बड़ा कार्य है। पशु को हम अपने घर का सदस्य के रूप में रखते हैं। इसे संरक्षित रखना हमारा कर्तव्य है। पशुधन के बचाव के लिए यह टीकाकारण अभियान सरकार द्वारा निशुल्क चलाया जा रहा है। नागरिकों से इसका लाभ लेने की अपील की।

कहा कि शहर को इस विनाशकारी रोग से मुक्त करना है ताकि यहां के पशु स्वस्थ रहें। दुग्ध का बेहतर उत्पादन हो। एक भी पशु टीकाकरण से ना छूटे इसके लिए कर्मियों को मेहनत करना होगा। हर दरवाजे पर जाना होगा। यह रोग आर्थिक रूप से विनाशकारी है। इस रोग के कारण पूरे देश में प्रतिवर्ष 20 हजार करोड़ का नुकसान होता है। जिला पशुपालन पदाधिकारी ने बताया कि अभियान को लेकर विभाग ने जनांदोलन छेड़ा है। इसे पूरा करके ही रहेंगे। एक भी पशु नगर परिषद क्षेत्र में बगैर टीका के नहीं रहेंगे।

टीकाकर्मियों से कहा कि चार माह से कम उम्र के पशुओं को टीका नहीं लगाना है। साथ ही कहा कि बूढ़ा पशु या जो बीमार है उसे कतई टीका नहीं देना है। बताया कि खुरहा एवं मुंहपका रोग के कारण पशुओं का गर्भपात हो जाता है। दूध कम देने लगते हैं। कुछ खा नहीं पाते हैं। इस स्थिति में नागरिकों को जागरूक होना होगा। सहायक कुकुट पदाधिकारी डा. कुमुद, डा. जयकिशन, पशु सहायक रवींद्र कुमार सिंह, महेंद्र कुमार सिंह, राकेश कुमार, मो. जुहैर आम, टीकाकर्मी अभिषेक कुमार, सतीश कुमार, जयराम यादव, वीरेंद्र कुमार, अनिल कुमार एवं मिथलेश कुमार उपस्थित रहे।

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