खेल की घंटी बजते ही दौड़ पड़े छात्र

औरंगाबाद । समय : 2.30 बजे, स्थान : इंटर उच्च विद्यालय तिलकपुरा। विद्यालय में आठवीं घंटी बजी औ

By Edited By: Publish:Mon, 08 Feb 2016 07:00 PM (IST) Updated:Mon, 08 Feb 2016 07:00 PM (IST)
खेल की घंटी बजते ही दौड़ पड़े छात्र

औरंगाबाद । समय : 2.30 बजे, स्थान : इंटर उच्च विद्यालय तिलकपुरा। विद्यालय में आठवीं घंटी बजी और बच्चे खेल मैदान की ओर दौड़ पड़े। बच्चों में खेल को लेकर उत्साह दिखा। जागरण के आठवीं घंटी अभियान का शिक्षक एवं छात्र चर्चा कर रहे थे। विद्यालय में एक तरफ छात्र फुटबाल खेल रहे थे तो दूसरी तरफ छात्राएं वालीबाल खेल रही थीं। 1958 के इस विद्यालय में खेल शिक्षिका के पद रीना कुमारी पदस्थापित हैं। जागरण टीम को देखते ही बोली- आइए, देख लीजिए, मेरे विद्यालय में आठवीं घंटी प्रतिदिन बजती है। मैं स्वयं बच्चों को मैदान लेकर आती हूं और उन्हें खेल का प्रशिक्षण देती हूं। छात्र-छात्राओं के अनुपात में खेल सामग्री कम है। इंडोर खेल के लिए कमरा उपलब्ध नहीं है। खेल मैदान तो है परंतु गड्ढा के कारण खेलने में परेशानी होती है। खेल शिक्षिका ने कहा कि जब भी जिला स्तर पर खेल प्रतियोगिता होती है, इस विद्यालय के छात्र जीत का परचम लहराते हैं। छात्रा शिवानी कुमारी, रीना, अनमोल, काजल, छात्र सुनिल कुमार, मनोज एवं मुकेश कुमार ने विद्यालय में खेल प्रतिदिन होता है। खो-खो, कबड्डी, वालीबाल, रिंगबाल का छात्र प्रैक्टिस करते दिखे। लिपिक अरुण कुमार अपने कार्य के साथ खेल में रुचि रखते हैं जिस कारण विद्यालय में बच्चे प्रतिदिन एक घंटे मैदान में खेलते हैं।

बच्चों के लिए जरूरी है खेल : डा. मनोज

फोटो फाइल - 08 एयूआर 17

रेफरल अस्पताल हसपुरा के शिशु रोग विशेषज्ञ चिकित्सक मनोज कुमार कौशिक ने कहा कि खेल बच्चों के लिए जरूरी है। खेल मैदान के अभाव में बच्चे मोबाइल गेम एवं कंप्यूटर से चिपकते जा रहे हैं। खेल से बच्चों का सर्वांगीण विकास होता है। पढ़ाई के साथ खेल का होना जरूरी है।

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