एक भी नहीं है बाजार में सार्वजनिक शौचालय, महिलाओं को होती है दिक्कत

वाले ग्राहकों को भी परेशानी होती है। खासकर महिला ग्राहकों को दिक्कत होती है। उन्हें दूसरे के घर का दरवाजा खटखटाना पड़ता है। दुकानदार कई बार सार्वजनिक शौचालय बनवाने की मांग कर चुके हैं। मगर नगर परिषद प्रशासन का कोई ध्यान नहीं है। हालांकि ब्लॉक मोड़ के पास हाल ही

By JagranEdited By: Publish:Wed, 19 Feb 2020 09:39 PM (IST) Updated:Thu, 20 Feb 2020 06:11 AM (IST)
एक भी नहीं है बाजार में सार्वजनिक शौचालय, महिलाओं को होती है दिक्कत
एक भी नहीं है बाजार में सार्वजनिक शौचालय, महिलाओं को होती है दिक्कत

दाउदनगर शहर का मुख्य बाजार सबसे महत्वपूर्ण बाजार है। इस बाजार में लगभग 1000 से अधिक दुकानें है। जिन पर रोजाना खरीदारी के लिए चार से पांच हजार लोग दूर-दराज से पहुंचते हैं। मगर मूलभूत सुविधाओं के लिए भी बाजार के लोगों को तरसना पड़ रहा है। पूरे बाजार में एक भी सार्वजनिक शौचालय नहीं है। दुकानदारों को शौचालय का प्रयोग करने के लिए अपने घर या किसी के निजी शौचालय का इस्तेमाल करना पड़ता है। बाजार के दुकानदारों के साथ-साथ बाजार में आने वाले ग्राहकों को भी परेशानी होती है। खासकर महिला ग्राहकों को दिक्कत होती है। उन्हें दूसरे के घर का दरवाजा खटखटाना पड़ता है। दुकानदार कई बार सार्वजनिक शौचालय बनवाने की मांग कर चुके हैं। मगर नगर परिषद प्रशासन का कोई ध्यान नहीं है। हालांकि ब्लॉक मोड़ के पास हाल ही में शौचालय निर्माण हुआ है जो शुरू भी हो गया है, पर वह मुख्य बाजार से काफी दूर है। गांवों में घर-घर शौचालय बनवा रहे, बाजार में ध्यान ही नहीं

दुकानदारों का कहना है कि एक तरफ तो केंद्र व प्रदेश सरकार गांवों में घर-घर शौचालय बनवा रही है ताकि गांव खुले में शौच मुक्त हो सके। मगर शहरी क्षेत्र के बाजारों के हालात सुधारने की तरफ न सरकार कोई ध्यान दे रही है तो न ही नगर परिषद के अधिकारी। दुकानदारों के मुताबिक शौचालय किसी भी भीड़-भाड़ वाले क्षेत्र के लिए सबसे जरूरी है। जनप्रतिनिधियों को उनकी समस्याओं का ज्ञान है, लेकिन समस्या किसी के पास नहीं है। महिलाओं के लिए बने अलग से शौचालय

चूड़ी बाजार एवं बजाजा रोड बाजार में गारमेंट्स के अलावा महिलाओं से संबंधित सामानों एवं जूतों की अधिक दुकानें है। बजाजा रोड में कई बड़े-बड़े स्वर्ण व्यसाइयों एवं कपड़े के शोरूम भी इसी बाजार में है। ऐसे में रोजाना यहां आने वाले ग्राहकों में बड़ी संख्या महिलाओं की होती है। दुकानदारों का कहना है कि चूड़ी बाजार में तो साफ-सुथरा शौचालय बनवा कर उसका रखरखाव कर अन्य बाजारों के लिए उदाहरण पेश करना चाहिए था, लेकिन ऐसा नहीं हो रहा है। समीपवर्ती जिले से भी पहुंचते हैं लोग

1885 में स्थापित नगरपालिका वर्ष 2002 में नगर पंचायत बनने के बाद अब नगर परिषद भी बन गया। सरकारी आंकड़ों के अनुसार नगर परिषद क्षेत्र की जनसंख्या करीब 52 हजार से अधिक है। यह आंकड़ा वर्ष 2011 की जनगणना का है वैसे जिस तरह से शहर की आबादी बढ़ी है, उससे ऐसी उम्मीद की जाती है कि शहर की जनसंख्या करीब 80 हजार के आसपास होगी। शहरवासियों के अलावे दाउदनगर अनुमंडल के दाउदनगर, ओबरा, गोह एवं हसपुरा प्रखंड के सुदूरवर्ती ग्रामीण क्षेत्रों से भी के साथ साथ समीपवर्ती अरवल जिले के कलेर मेहंदिया एवं रोहतास जिले के नासरीगंज से भी काफी लोगों का आवागमन होता है। दाउदनगर-नासरीगंज पुल बन जाने के बाद तो आवागमन में बढ़ोतरी हुई है। क्या कहते हैं पदाधिकारी

पूछे जाने पर दाउदनगर नगर परिषद नगर कार्यपालक पदाधिकारी जमाल अख्तर ने बताया कि शहर में अभी ब्लॉक मोड़ पर शौचालय बन चुका है। बाजार में भी सार्वजनिक शौचालय का निर्माण कराने के लिए स्थान चिन्हित हुआ है। यह स्कीम में है।

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