कमिशन को पंचायत सचिव की हुई थी हत्या

औरंगाबाद। ओबरा प्रखंड के अमिलौना पंचायत के पंचायत सचिव कौशल किशोर शर्मा की हत्या 23 अग

By JagranEdited By: Publish:Sun, 07 Oct 2018 07:48 PM (IST) Updated:Sun, 07 Oct 2018 07:48 PM (IST)
कमिशन को पंचायत सचिव की हुई थी हत्या
कमिशन को पंचायत सचिव की हुई थी हत्या

औरंगाबाद। ओबरा प्रखंड के अमिलौना पंचायत के पंचायत सचिव कौशल किशोर शर्मा की हत्या 23 अगस्त 2018 को औरंगाबाद-पटना पथ पर तरारी पुल के पास गोली मार की गई थी। इलाज के दौरान पटना में मौत हो गई थी। मरने से पहले कौशल ने बयान दिया था कि हमें संजय यादव, भोला यादव एवं प्रमोद यादव के साथ एक अन्य व्यक्ति ने गोली मारी है। एसपी डा. सत्यप्रकाश ने बताया कह हत्या मामले में दाउदनगर थाना में प्राथमिकी दर्ज कर अनुसंधान प्रारंभ किया गया। अनुसंधान के क्रम में यह तथ्य उजागर हुआ कि अमिलौना पंचायत के वार्ड संख्या नौ के वार्ड सचिव भोला यादव, अमिलौना पंचायत के उपमुखिया प्रमोद यादव एवं कुख्यात अपराधी संजय कुमार यादव के साथ अन्य सहयोगियों ने पंचायत की योजना में अवैध तरीके से कमीशन एवं रंगदारी को लेकर एक षड्यंत्र कर उनकी हत्या कर दी गई। अनुसंधान के क्रम में पुलिस ने भोला यादव को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था। दो अन्य अभियुक्त संजय यादव एवं प्रमोद यादव को गिरफ्तार किया गया है। इन दोनों ने अपना दोष स्वीकार कर लिया है।

शराब के कारण किसान गिरजा की हुई हत्या

ओबरा थाना के खैरा टोले सूबेदार बिगहा गांव निवासी किसान गिरजा ¨सह की हत्या 28 सितंबर की रात्रि गम्हरीया के बधार में की गई थी। खेत का पटवन कर करहा के पास सो रहे किसान गिरजा ¨सह की हत्या कनपटी में गोली मारकर की गई थी। एसपी ने बताया कि अनुसंधान के क्रम में स्पष्ट हुआ है कि सूबेदार बिगहा गांव के कामता यादव द्वारा अवैध शराब का कारोबार किया जाता था। पुलिस ने छापेमारी की तो उसे लगा कि शराब के अवैध धंधे की सूचना गिरजा एवं उनके परिवार के लोग दे रहे हैं। वह गिरजा को रास्ते का कांटा समझने लगा। घटना के दिन प्रमोद यादव एवं उमा यादव के घर पर पहुंचा, जहां खाने-पीने और उसी क्रम में संजय यादव उर्फ उमा यादव से एक समुदाय विशेष के बारे में कहा कि पीछे पड़ा हुआ है और कौशल शर्मा के केस में फंसा दिया है। जब तक किसी को मारोगे नहीं तब तक शांति नहीं मिलेगा। संजय यादव कुख्यात अपराधी कर्मी है और संजय यादव के इसी प्रकृति का फायदा उठाते हुए तत्काल योजना बनाकर उमा यादव बोला कि हमारा भी एक दुश्मन है उसको साफ करना है। उसी समय ये लोग तत्काल योजना बनाकर उमा यादव अपने पड़ोसी फागुनी यादव का बाइक मंगवाया और उस बाइक पर सवार होकर रात्रि करीब 11 बजे उमेश यादव के बताए अनुसार सो रहे गिरजा ¨सह के कनपटी में गोली मार कर उसकी हत्या कर दी।

भाई के गवाह बनने पर की हत्या

30 सितंबर की रात्रि करीब 10 बजे घर के बाहर चौकी पर सो रहे खरांटी निवासी र¨वद्र पांडेय की हत्या सिर में गोली मारकर अपराधियों द्वारा कर दी गई थी। भाई ब्रज किशोर पांडेय के लिखित आवेदन के आधार पर संजय यादव एवं अज्ञात के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज की गई थी। एसपी ने बताया कि अनुसंधान के क्रम में यह स्पष्ट हुआ कि यह हत्या संजय यादव द्वारा अपने सहयोगियों प्रमोद यादव, राजू यादव एवं त्रिवेणी मुसहर के साथ किया गया है। मृतक रवींद्र पांडेय के बड़े भाई वीरेंद्र पांडेयमो. आरीफ मुखिया हत्याकांड में गवाह हैं और यह केस ट्रायल पर है। उसके अलावा संजय यादव को यह विश्वास था कि कौशल किशोर शर्मा हत्याकांड में उसका नाम वीरेंद्र पांडेय ने ही बताया है। एसपी ने बताया कि संजय यादव ने पुलिस को बताया है कि कुछ लोगों ने उसे उकसाया कि वीरेंद्र पांडेय का हत्या कर दो तो जमीन कब्जा हो जाएगी और उसमें कुछ तुमको भी देंगे। इन्हीं कारणों से वह वीरेंद्र पांडेय एवं उसके परिवार को लक्षित किए हुए था और घटना के दिन योजना को अंजाम देने की तैयारी की। खरांटी गांव में त्रिवेणी मुसहर को यह देखने के लिए लगाया गया कि घर के बाहर कोई सोया है कि नहीं। संजय यादव जम्होर थाना के गुलजार बिगहा निवासी ¨बदेश्वर पासवान को मारना चाहता था, जिससे उसका पुराना विवाद है। शाम करीब सात बजे प्रमोद यादव, राजू कुमार एवं संजय यादव अपाची बाइक से पहले गुलजार बिगहा गांव में ¨बदेश्वर पासवान को मारने के लिए गये और वहां अपना परिचय पुलिस के रूप में देकर ¨बदेश्वर पासवान से दरवाजा खुलवाया। ¨बदेश्वर पासवान ने अपना आधा दरवाजा खोला तो संजय यादव को देखकर उसने दरवाजा बंद कर हल्ला करने लगा। आसपास के लोग दौड़े तो वहां से वह भाग गया और ¨बदेश्वर पासवान के हत्या की योजना सफल नहीं हुई। तब ये लोग अमिलौना लौटे और करीब नौ बजे रात्रि ने पुन: संजय यादव, प्रमोद यादव, राजू कुमार संजय के बाइक से खरांटी के लिए चल दिए। मोटरसाइकिल राजू चला रहा था। खरांटी के ठीक पहले नहर के छोटे वाले पुल के पास इन लोगों को त्रिवेणी मुसहर मिला, जिसे इन लोगों ने वीरेंद्र पांडेय के दरवाजे के पास भेजा और बोला कि देखकर आओ कोई सोया है या नहीं और तीनों वहीं रुक गए। 15-20 मिनट बाद जब त्रिवेणी मुसहर ने आकर बताया कि वीरेंद्र पांडेय के दरवाजे पर कोई सोया हुआ है तो प्रमोद यादव व त्रिवेणी मुसहर को ठहरने के लिए बोलकर संजय यादव और राजू कुमार अपाची बाइक से वीरेंद्र पांडेय के घर गए, जहां राजू बाइक स्टार्ट कर वहीं रुक गया। संजय बाइक से उतरकर दौड़कर दरवाजे के बाहर चौकी पर सो रहे र¨वद्र पांडेय के सिर पर 7.6 एमएम के पिस्टल से एक गोली मार दिया।

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