90 लाख की पथ निर्माण योजना का अपहरण

औरंगाबाद । नक्सल प्रभावित औरंगाबाद में बंदूक के लिए किसानों और फिरौती के लिए पैसे औरंगाबाद । नक्सल प्रभावित औरंगाबाद में बंदूक के लिए किसानों और फिरौती के लिए पैसे वालों का अपहरण होता था। 90 का दशक बीता तो स्थिति बदल गई। ताजा मामला लोक सेवकों के आर्थिक अपराध का सामने आया है। ग्रामीण कार्य विभाग के अधिकारी और अभियंता ने 90.40 लाख की पथ निर्माण योजना का ही अपहरण कर लिया।

By JagranEdited By: Publish:Sun, 20 Sep 2020 05:44 PM (IST) Updated:Sun, 20 Sep 2020 05:44 PM (IST)
90 लाख की पथ निर्माण योजना का अपहरण
90 लाख की पथ निर्माण योजना का अपहरण

औरंगाबाद । नक्सल प्रभावित औरंगाबाद में बंदूक के लिए किसानों और फिरौती के लिए पैसे वालों का अपहरण होता था। 90 का दशक बीता तो स्थिति बदल गई। ताजा मामला लोक सेवकों के आर्थिक अपराध का सामने आया है। ग्रामीण कार्य विभाग के अधिकारी और अभियंता ने 90.40 लाख की पथ निर्माण योजना का ही अपहरण कर लिया।

मामला औरंगाबाद के कुटुंबा प्रखंड के पांडेय बिगहा का है। एनएच 139 से पांडेय बिगहा तक करीब डेढ़ किलोमीटर प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना की मंजूरी वर्ष 2019 में मिली। ग्रामीण कार्य विभाग के कार्यपालक अभियंता ने संवेदक शैलेंद्र प्रसाद सिंह के साथ निर्माण कार्य का एकरारनामा सं.- 52 एस-बीआर 2019-20 पर हस्ताक्षर किया। एकरारनामा के अनुसार 20 दिसंबर 2019 को कार्य आरंभ कर 20 दिसंबर 2020 तक निर्माण पूरा करना था। लोक सूचना अधिकार अधिनियम के तहत कार्य स्थल पर बोर्ड लगा दिया गया, लेकिन एक सेंटीमीटर निर्माण कार्य नहीं हुआ। अभियंता और संवेदक पर निगरानी के लिए जिले में 20 सूत्री कार्यक्रम कार्यान्वयन समिति के अलावा कई स्तर पर समीक्षा की व्यवस्था बनी हुई है। करीब दस माह हो गए लेकिन समीक्षा में इस योजना के अपहरण कर अन्यत्र ले जाने का पता नहीं चल सका। जानकार सूत्रों के अनुसार योजना का अपहरण कर दूसरे गांव में निर्माण करा दिया गया।

ग्रामीणों की मानें तो कुटुंबा प्रखंड में मुख्यमंत्री ग्राम सड़क योजना से एनएच -139 से बिराज बिगहा- पांडेय बिगहा तक सड़क निर्माण की स्वीकृति मिली थी, लेकिन कार्य किसी दूसरे गांव में करा दिया गया है। बिराज बिगहा के ग्रामीण को तब पता चला जब सूचना पट पर नजर पड़ी। बोर्ड पर सड़क का नाम एनएच-139 से बिराज बिगहा पांडेय - बिगहा तक लिखा गया है। निर्माण कार्य कोयल नहर से भखरा होते परता गांव से कुछ दूरी पहले तक बना कर छोड़ दिया गया है। पांडेय बिगहा निवासी जयबिद पांडेय, वीरेंद्र पांडेय ने बताया कि बिराज बिगहा में पक्की सड़क नहीं बनाया गया। ग्रामीणों ने खुद अपनी जमीन देकर पीसीसी कार्य करा आवागमन के लायक बनाया है।

कार्यपालक अभियंता युगेश्वर सिंह ने बताया कि सड़क का निर्माण डीपीआर के तहत कराया गया है। नाम गलत हो सकता है पर सड़क का जो इलायमेंट था उसी के अनुसार बनाया गया है। सड़क की स्वीकृति हमारे यहां योगदान देने के पहले मिली है। जिलाधिकारी का वर्जन

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अभी तक मामला मेरे संज्ञान में नहीं आया है। मामले को लेकर अभी तक ग्रामीणों द्वारा आवेदन नहीं दिया गया है। आवेदन प्राप्त होते ही मामले की जांच कराई जाएगी। जांच में जो भी सत्यता सामने निकलकर आएगा। उसी आधार पर दोषी पर कार्रवाई की जाएगी।

सौरभ जोरवाल

डीएम, औरंगाबाद

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