यूरिया नहीं मिलने से किसान परेशान
अरवल। यूरिया की किल्लत से किसान परेशान हैं। लहलहाती धान की फसलें अब पीले पड़ने लगे हैं। इसे देखकर किसानों के चेहरे का रंग उड़ने लगे हैं। इस समय किसान सोहनी के बाद खेतों में यूरिया उर्वरक को देते हैं ताकि पौधे की जड़ मजबूत हो जाए। बाजार में यूरिया की कमी से उनकी योजना अधर में दिखने लगी है।
अरवल। जिले में यूरिया की कमी किसानों के लिए परेशानी का सबब बन गया है। यूरिया की किल्लत से किसान परेशान हैं। लहलहाती धान की फसलें अब पीले पड़ने लगे हैं। इसे देखकर किसानों के चेहरे का रंग उड़ने लगे हैं। इस समय किसान सोहनी के बाद खेतों में यूरिया उर्वरक को देते हैं, ताकि पौधे की जड़ मजबूत हो जाए। बाजार में यूरिया की कमी से उनकी योजना अधर में दिखने लगी है।
क्षेत्र के किसान मुन्ना यादव, अजीत यादव, नंद कुमार सिंह, अजय सिंह समेत अन्य किसानों ने बताया कि यूरिया मनमाने दाम पर बेची जा रही है। कैश-मेमो मांगने पर यूरिया नहीं देने की धमकी दी जाती है। किसानों की फरियाद सुनने वाला कोई नहीं है। कोरोना संकट में आर्थिक तंगी झेल रहे किसान मूल्य अधिक होने के कारण आवश्यकता से कम खाद का प्रयोग अपने खेतों में कर रहे हैं जिस कारण उन्हें उपज प्रभावित होने का भी भय सता रहा है। दूसरी ओर प्रखंडों में दुकानदार छिपकर ऊंचे दाम पर खाद बेच रहे हैं। यूरिया का सरकारी दर 266 रुपये सुनिश्चित है। --
सुनें किसानों की
यूरिया की किल्लत से किसानों को जूझना पड़ रहा है। जब जरूरत होती है तो यूरिया उपलब्ध नहीं हो पाती है। ऐसे में फसल को नुकसान होता है।
कुंदन कुमार
इस समय यूरिया देने से उपज अधिक मिलती है। यूरिया नहीं मिल पा रही है। ब्लैक में प्राइवेट दुकानों पर जिकं पाउच लेने पर यूरिया मिल रही है।
राम कुमार पासवान
बाजार में यूरिया नहीं है। प्रखंड में किसी भी रिटेलर के पास यूरिया उपलब्ध नहीं है। आखिर समझ में नहीं आ रहा है कि क्या करें। भादो माह में खाद नहीं दिया गया तो धान का पौधा जड़ नहीं लगाएगा। सुधीर कुमार
किसानों का सुनने वाला कोई नहीं है। दुकानदार स्टाक नहीं रहने का बहाना बनाकर किसानों को लौटा दे रहे हैं।
सुरेंद्र शर्मा