सफल उद्यमी के साथ लोकप्रिय उपन्यासकार थीं डॉ. प्रभा खेतान

अररिया। इंद्रधनुष साहित्य परिषद, फारबिसगंज के तत्वावधान में गुरुवार को द्विजदेनी उच्च विद्यालय पि

By JagranEdited By: Publish:Fri, 02 Nov 2018 12:58 AM (IST) Updated:Fri, 02 Nov 2018 12:58 AM (IST)
सफल उद्यमी के साथ लोकप्रिय उपन्यासकार थीं डॉ. प्रभा खेतान
सफल उद्यमी के साथ लोकप्रिय उपन्यासकार थीं डॉ. प्रभा खेतान

अररिया। इंद्रधनुष साहित्य परिषद, फारबिसगंज के तत्वावधान में गुरुवार को द्विजदेनी उच्च विद्यालय परिसर में साहित्यकार डॉ. प्रभा खेतान की जयंती मनाई गई। जिसकी अध्यक्षता कर्नल अजित दत्त और संचालन विनोद कुमार तिवारी ने की। शुभारंभ में डॉ. प्रभा खेतान की तस्वीर पर श्रद्धासुमन अर्पित करने के बाद वक्ताओं में मांगन मिश्र मार्तण्ड, हेमंत यादव, डॉ. अनुज प्रभात, हर्ष नारायण दास, विनोद तिवारी आदि ने उनकी जीवनी पर प्रकाश डालते हुए बताया कि उनका जन्म 1 नवम्बर 1942 को कोलकाता, पश्चिम बंगाल में हुआ था। वे एक सफल उद्यमी होने के साथ- साथ उपन्यासकार और कवयित्री भी थीं। उन्होंने बचपन से ही कविताएं लिखनी शुरू कर दी थी। आगे चलकर फ्रांसीसी रचनाकार सिमोन द बोउआ की पुस्तक दी सेकेंड सेक्स के ¨हदी अनुवाद स्त्री उपेक्षिता की लोकप्रियता से उन्हें साहित्य जगत में प्रसिद्धि मिली। उन्होंने अपने जीवन के अनछुए पहलुओं को आत्मकथा अन्या से अनन्या में उजागर किया है। इसके अलावा उन्होंने आओ पेपे घर चलें, तालाबंदी, अपने- अपने चेहरे, स्त्री पक्ष, अहिलय्या, पीली आंधी आदि रचनाओं से साहित्य जगत में अपनी पहचान बना ली। वे केंद्रीय ¨हदी संस्थान की सदस्य भी थीं। उन्हें कोलकाता चेंबर ऑ़फ कॉमर्स की एकमात्र महिला अध्यक्ष होने का भी गौरव प्राप्त था। वे प्रभा खेतान फाउंडेशन की संस्थापक अध्यक्षा, नारी विषयक कार्यों में पुरोधा, फेगरेट नामक महिला स्वास्थ्य केंद्र की स्थापक भी थीं। उनकी मृत्यु 11 दिसम्बर 1998 को कोलकाता में ही हुई। इस अवसर पर बेगाना सारणवी, अरविन्द ठाकुर, शिव नारायण चौधरी, कृत्यानंद राय, सुनील दास, नकुल डे, बलराम बनर्जी, दीना नाथ उपाध्याय, सीताराम पाण्डेय, जयप्रकाश नारायण आदि भी उपस्थित थे।

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