मानव जीवन में महादान है रक्तदान : मुख्य पार्षद

अररिया। फारबिसगंज के मारवाड़ी अतिथि सदन में रविवार को संत निरंकारी मंडल दिल्ली शाखा फ

By Edited By: Publish:Sun, 28 Aug 2016 11:57 PM (IST) Updated:Sun, 28 Aug 2016 11:57 PM (IST)
मानव जीवन में महादान है रक्तदान : मुख्य पार्षद

अररिया। फारबिसगंज के मारवाड़ी अतिथि सदन में रविवार को संत निरंकारी मंडल दिल्ली शाखा फारबिसगंज के सौजन्य से एक दिवसीय मेगा रक्तदान शिविर का आयोजन किया गया जिसका विधिवत उद्घाटन मुख्य अतिथि नगर परिषद के मुख्य पार्षद अनूप जायसवाल ने फीता काट कर किया। इस मौके पर पार्षद राज कुमार अग्रवाल, महात्मा बलराम भगत,महात्मा जवाहर प्रसाद, महात्मा अजय जी सहित निरंकारी परिवार के लोग बड़ी संख्या में मौजूद थे। इस दौरान श्री जायसवाल ने रक्तदान की महता पर प्रकाश डालते हुए कहा की रक्त दान महादान है जिससे मानव जीवन को बचाया जा सकता है एवं किसी की घर की खुशियां लायी जा सकती है।वही कहा की रक्तदान तब होता है जब एक स्वस्थ व्यक्ति स्वेच्छा से अपना रक्त देता है उन्होंने अपने सम्बोधन में भयमुक्त होकर स्वेच्छा से रक्तदान करने की अपील की।वही जोनल इंचार्ज महात्मा बलराम भगत कटिहार ने अपने विचारो को रखते हुए कहा की 24 अप्रैल 1980 को समय के सद्गुरु बाबा गुरुवचन ¨सह महाराज जो वास्तव में सत्य पुजारी, सत्य की समां जलाने वाले मसीहा थे, उनकी हत्या कट्टरपंथीयो ने कर दी।उक्त घटना से आक्रोशित निरंकारी परिवार ने नारा दिया की Þहम खून का बदला खून से लेंगेÞ ठीक उसी वक्त बाबा हरदेव ¨सह महराज को गुरुगद्दी पर आसीन किया गया तो उन्होंने बड़े धैर्य पुर्वक कहा की वास्तव में मेरे पिता, गुरु की हत्या हुई है, हम खून का बदला अवश्य ही लेंगे लेकिन खून नालियों में नहीं, बल्कि खून मानव के नाड़िया बहा कर हम बदला लेंगे। मानव की हत्या न कर,मानव का जीवन बचा कर बदला लेंगे। उसी समय से समस्त विश्व में हम निरंकारी परिवार द्वारा रक्तदान किया जा रहा है। वही कहा की मानव कल्याण की भावना लिये, ये संत निरंकारी मिशन आगे बढ़ रही है। वही तीसरे व चौथे वक्ताओं के रूप में संयोजक सह परम पूज्य महात्मा जवाहर प्रसाद एव अजय जी ने कहा की बाबा हरदेव ¨सह जी महाराज मानवों में ब्रह्ज्ञान प्रदान कर उसकी नकारत्मक भावना को बदलकर सकारत्मक भावना में तब्दील कर पवित्र भावनाएं प्रदान करते हुए हम मानव दिलों की दूरियां मिटा कर मानवों में प्यार, नम्रता,अनुशासन, सहनशीलता, धैर्य प्रदान कर मानवीय एकता कायम करने का प्रयास करते है।वही महात्मा ने कनाडा की घटना का उदहारण देते हुए कहा की 13 मई 2016 को कनाडा में एक दुर्घटना में ब्रह्मलीन हो गए वो शरीर त्याग दिये लेकिन समस्त निरंकारी परिवार उनके ज्ञान का आधार लिये उनकी ज्ञान के लौ से संसार को रोशन करने का प्रयास करते हुए आगे बढ़ रहा है।इस अवसर पर अनेक महात्माओं ने अपनी मानवीय भावनाये व्यक्त की।वही संयोजक कमलकिशोर जी,सेवा दाल संचालक महात्मा समदर्शी जी,लेखपाल महात्मा अखिलेश जी,कोषाध्यक्ष महात्मा गणेश जी रघुवीर जी, मुखी महात्मा मनोज जी एवं जिला से आये अन्य क्षेत्रो के संतो महापुरुषों का अभिनंदन करते हुए आभार व्यक्त किया।वही रक्तदान शिविर को सफल बनाने मे महात्मा में आशीष जी,शिवनारायण जी,पवन जी,राजा जी,रविशंकर जी,शम्भू जी, बबलू जी, वही सेवा दल बहनों में मंजू जी, चंदा जी, सपना जी, रश्मी जी, नीतू जी, सरिता जी, किमी जी, पूजा जी, नीलम जी, बिजली जी, मीणा जी, शकुंतला जी ने अहम् भूमिका निभाई।

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