चचरी पुल से होकर लोग जाते हैं पूर्व सांसद के गांव

अररिया। आजादी के सात दशक बाद भी परमान नदी के तीन घाटों पर लोग चचरी पुल के सहारे जान

By JagranEdited By: Publish:Sat, 12 Jan 2019 01:41 AM (IST) Updated:Sat, 12 Jan 2019 01:41 AM (IST)
चचरी पुल से होकर लोग जाते हैं पूर्व सांसद के गांव
चचरी पुल से होकर लोग जाते हैं पूर्व सांसद के गांव

अररिया। आजादी के सात दशक बाद भी परमान नदी के तीन घाटों पर लोग चचरी पुल के सहारे जान जोखिम में डालकर आवाजाही करते है। फारबिसगंज व अररिया प्रखंड के मध्य में स्थित कौआचाड़ व सीतागांव में लोग बरसात में नाव व सुखाड़ में चचरी के सहारे आते-जाते हैं। यहां पूर्व सांसद प्रदीप ¨सह का भी गांव है। वहीं ग्रामीण कहते हैं,

कौन सुनेगा, किसको सुनाऊ, इसलिए चुप..। यह दर्द भरा गीत ग्रामीणों का दर्द भरा बयान भी है। ग्रामीण कहते हैं कि इस गांव का भूगोल कुछ खास है। सोता-कौआचाड़ का कुछ भाग अररिया प्रखंड के किस्मत-खवासपुर पंचायत में, कुछ भाग कुर्साकांटा प्रखंड के सौरगांव पंचायत में तथा कुछ भाग फारबिसगंज प्रखंड के खवासपुर पंचायत में पड़ता है। विडंबना है कि इस गांव को पश्चिम तरफ से परमान तथा पूरब तरफ से भलूवा व बरजान नदी बह रही है है। जिले के अतिबाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में होने के चलते बरसात के मौसम में लोगों को घर से निकलना नामुमकिन हो जाता है। ग्रामीण कहते हैं कि पूर्व सांसद प्रदीप कुमार ¨सह का पैतृक घर फारबिसगंज प्रखंड के खवासपुर पंचायत के नवटोली- कौआचांड़ में ही है। बताते चलें कि पूर्व सांसद प्रदीप कुमार ¨सह वर्ष 2010 से 15 के बीच पांच वर्ष तक भाजपा के टिकट पर यहां के सांसद चुने गए थे। उनके द्वारा अररिया प्रखंड के पटेगना से फारबिसगंज प्रखंड के खवासपुर तक जाने के लिए प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना से सड़क निर्माण तो करवा दिया गया लेकिन विनाशकारी परमान नदी के कौआचांड - खवासपुर घाट पर पुल निर्माण नहीं होने से लोगों को सड़क नसीब नहीं हुई। किस्मत खवासपुर पंचायत के वार्ड संख्या 11 कौआचांड़ बस्ती के लोगों को इसी मार्ग से पटेगना होकर जिला मुख्यालय जाने-आने के लिए एक मात्र सड़क वर्ष 2017 में आई प्रलयंकारी बाढ़ के चपेट में ध्वस्त हो गई। सड़क में कई जगहों पर तालाब बन चुका है। साथ ही दो हजार की आबादी वाला सोता-कौआचांड़ जाने के लिए मुख्यमंत्री ग्राम संपर्क सड़क निर्माण कार्य तो करवा दिया गया, लेकिन राजवंशी टोला सोता घाट पर नदी में पुल नहीं रहने से सालों भर ये टोला- टापू बना रहता है। नदी के उस पार प्राथमिक विद्यालय से बच्चों को शिक्षा से वंचित रहना पड़ता है। कुर्साकांटा प्रखंड के सौरगांव पंचायत के बरकुरवा बस्ती से कौआचांड़ जाने वाली सड़क भी जर्जर है। सभी टोले से लगभग पांच हजार से अधिक आबादी इस विवशता की दंश झेलने को मजबूर हैं। इसके कारण किसान पटेहाल, शिक्षा की बदतर स्थिति व गरीबी आज भी झेल रहे हैं ।

-----कोट-------

खवासपुर के कौआचाड़ में परमान नदी पर पुल का शिलान्यास तीन दिनों के अंदर किया जाएगा। फारबिसगंज से पटेगना तक पथ निर्माण विभाग डबल लेन की सड़क बनाएगी। सांसद का गांव पक्की सड़क से जल्द ही जुड़ जाएगा।

-विद्यासागर केसरी उर्फ मंचन केसरी, विधायक फारबिसगंज। कोट अररिया आरडब्ल्यूडी डिवीजन में पूर्व सांसद के गांव तक सड़कों की मरम्मत व नई सड़कों की कई योजनाएं स्वीकृत हैं। सभी पर कार्य इसी वर्ष शुरू हो जाएगा। कोई भी गांव पक्की सड़क से आने वाले में समय अछूती नहीं रहेगी।

--प्रशांत कुमार, एसडीओ आरडब्ल्यूडी अररिया।

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