अभियान: धरती स्वस्थ रहेगी तो उत्पादन होगा बेहतर, कराएं मिट्टी की जांच

अररिया। किसानों को जागरूक करना जरूरी है। जब मिट्टी उर्वर नहीं रहेगी तो उत्पादन कैसे ह

By JagranEdited By: Publish:Mon, 24 Feb 2020 10:21 PM (IST) Updated:Tue, 25 Feb 2020 06:19 AM (IST)
अभियान: धरती स्वस्थ रहेगी तो उत्पादन होगा बेहतर, कराएं मिट्टी की जांच
अभियान: धरती स्वस्थ रहेगी तो उत्पादन होगा बेहतर, कराएं मिट्टी की जांच

अररिया। किसानों को जागरूक करना जरूरी है। जब मिट्टी उर्वर नहीं रहेगी तो उत्पादन कैसे होगा। इसके लिए मिट्टी जांच कराना जरूरी है।

आधुनिक युग में वैज्ञानिक तरीके से खेती करना तभी संभव है जब किसान को पता चले उनके खेतों में कितनी मात्रा में पोषक तत्व उपलब्ध है। खेत की उर्वरा शक्ति बनी रहे। इसके लिए हर पंचायत में मिट्टी जांच प्रयोगशाला खोलने के लिए आवेदन लिए जा रहे हैं। अररिया में मृदा जांच प्रयोगशाला है। इसके अलावा कृषि विज्ञान केंद्र में भी है। किसान वहां भी जाकर अपनी मिट्टी की जांच करा सकते है।

मिट्टी जांच के बाद ही करें उर्वरक का प्रयोग

जांच के बाद ही उर्वरक का प्रयोग निर्धारित मात्रा में करें। वर्ष 2017 से 2019 के बीच सवा दो लाख किसानों को मृदा कार्ड वितरित किए गए हैं। वर्ष 20-15 से 16 से मृदा स्वास्थ्य कार्ड योजना की शुरुआत हुई। वर्तमान में प्रखंड में चयनित राजस्व गांव में मिट्टी नमूना जांच के आधार प्रत्यक्षण कार्य चल रहा है। निर्धारित मात्रा में उर्वरक का प्रयोग करने पर कम लागत में बेहतर उत्पादन कर सकता है। जिससे भूमि की उर्वरा शक्ति भी बनी रहती है।

मिट्टी जांच के लिए बनता है कार्ड

मिट्टी जांच के लिए कार्ड बनाया जाता है। वर्ष 2019 से 2020 में अबतक 693 प्रत्यक्षण के लिए चयनित राजस्व गांव के लिए मृदा कार्ड बांटी जा चुकी है। मिट्टी जांच के आधार पर ही कार्ड बनता है। पायलट प्रोजेक्ट योजना के तहत प्रत्येक प्रखंड के एक चयनित राजस्व गांव से मिट्टी नमूना जांच कर मृदा स्वास्थ कार्ड किसानों के बीच वितरित किया जा चुका है। किसान मृदा कार्ड के आधार पर अनुशंसित उर्वरक का उपयोग कर खेती कर रहे हैं। जिसमें प्रत्यक्ष के लिए किसानों का चयन किया गया। मृदा कार्ड के आधार पर खेती कर रहे हैं। इसके लिए अनुदान भी दिया जाता है। उर्वरक का धड़ल्ले से प्रयोग किये जाने से भूमि बंजर बनने के कगार पर है।

हर दो वर्षो में कराएं मिट्टी की जांच

हर दो वर्ष पर मिट्टी जांच करवा लेनी चाहिए। पायलट प्रोजेक्ट के तहत एक एक गांव का चयन होना है। अभी आवेदन लिया जा रहा है।

हर पंचायत में खुलना है मिट्टी जांच प्रयोगशाला

हर पंचायत में मिट्टी जांच प्रयोगशाला खोलने की योजना है। इसके लिए इच्छुक व्यक्ति छोटे स्तर पर प्रयोगशाला स्थापित करने के लिए आवेदन दे रहे हैं। प्रयोगशाला खुल जाने से किसानों को काफी राहत मिलेगी। वर्ष 20-20-21 में पांच राजस्व गांव का चयन किए जाने की संभावना है। वर्ष 2020-21 के लिए पांच राजस्व गांव का चयन किया गया है।

कोट

मिट्टी की उर्वरा शक्ति बनाए रखने के लिए मिट्टी जांच कराना जरूरी है। साथ ही रासायनिक की तुलना में जैविक का प्रयोग करें। पंचायत में छोटे स्तर पर प्रयोगशाला स्थापित करने के लिए आवेदन लिया जा रहा है। मिट्टी जांच कराए जाने के बाद खेती करने वाले किसानों को लाभ मिलेगा। किसान खेतों में उर्वरक का प्रयोग मिट्टी जांच के आधार पर करें तो बेहतर होगा।

रूबन कुमार वर्मा, सहायक अनुसंधान पदाधिकारी मिट्टी जांच प्रयोगशाला

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