भारतीय ऑटोमोबाइल सेक्टर को दुनिया में नंबर 1 बनाना चाहते हैं नितिन गडकरी, तैयार किया रोडमैप

केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने शुक्रवार को एक वर्च्युअल कान्फ्रेंस को संबोधित करते हुए कहा कि भारतीय ऑटोमोबाइल उद्योग को पांच साल में इलेक्ट्रिक वाहनों के निर्यात के मामले नें दुनिया में नंबर एक बनाना है।

By Rishabh ParmarEdited By: Publish:Sat, 13 Nov 2021 10:28 AM (IST) Updated:Tue, 16 Nov 2021 08:25 AM (IST)
भारतीय ऑटोमोबाइल सेक्टर को दुनिया में नंबर 1 बनाना चाहते हैं नितिन गडकरी, तैयार किया रोडमैप
भारतीय ऑटोमोबाइल सेक्टर को दुनिया में नंबर 1 बनाना चाहते हैं नितिन गडकरी

नई दिल्ली, ऑटो डेस्क। केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने शुक्रवार को कहा कि उनका उद्देश्य भारतीय ऑटोमोबाइल उद्योग को पांच साल में इलेक्ट्रिक वाहनों के निर्यात के लिए दुनिया में नंबर एक बनाना है। "भारत का भविष्य बहुत उज्ज्वल है, वर्तमान में हमारे ऑटोमोबाइल उद्योग का टर्नओवर ₹7.5 लाख करोड़ है।

उन्होंने आगे कहा, पांच साल के भीतर हमारा यह 15 लाख करोड़ से भी अधिक हो जाएगा और यह वह उद्योग है जो राज्य और केंद्र सरकारों को सबसे ज्यादा रोजगार, निर्यात और राजस्व पैदा कर रहा है।" एक कार्यक्रम को वर्च्युअली संबोधित करते हुए, उन्होंने कहा कि उनकी दृष्टि और प्रतिबद्धता पांच वर्षों में इलेक्ट्रिक कार, स्कूटर, बस, ऑटो रिक्शा और ट्रकों के निर्यात के लिए भारतीय ऑटोमोबाइल उद्योग को दुनिया में नंबर एक बनाना है। "हमारा उद्देश्य निर्यात बढ़ाना, आयात कम करना है और साथ ही हम पारिस्थितिकी और पर्यावरण के बारे में सतर्क हैं। भारतीय समाज के तीन महत्वपूर्ण स्तंभ अर्थव्यवस्था, नैतिकता और पारिस्थितिकी और पर्यावरण हैं। उन्होंने कहा, इसे ध्यान में रखते हुए हम भारत को दुनिया की नंबर एक अर्थव्यवस्था बनाना चाहते हैं।"

इसके अलावा, गडकरी ने इस संबंध में बेंगलुरु में स्टार्टअप, व्यवसायों और अनुसंधान प्रतिष्ठानों द्वारा किए गए कार्यों की सराहना करते हुए, अपशिष्ट जल, इथेनॉल, इलेक्ट्रिक वाहनों और फ्लेक्स इंजन से एलएनजी, ग्रीन हाइड्रोजन को बढ़ावा देने की सरकार की योजनाओं पर ध्यान दिया। उन्होंने लोगों से इलेक्ट्रिक या फ्लेक्स इंजन वाले वाहन खरीदने की भी अपील की (जहां कोई शत प्रतिशत पेट्रोल या इथेनॉल का उपयोग कर सकता है), जो प्रदूषण को नियंत्रित करने में मदद करेगा। परिवहन क्षेत्र पर, गडकरी ने कहा, "हमारी पहली प्राथमिकता जल मार्ग, दूसरी रेलवे, तीसरी सड़क और चौथी विमानन है, लेकिन दुर्भाग्य से अब 90 प्रतिशत यात्री यातायात सड़क पर है और 70 प्रतिशत माल यातायात है।

उन्होंने कहा, "जब मैंने मंत्री के रूप में कार्यभार संभाला था, राष्ट्रीय राजमार्ग 96,000 किमी था और वर्तमान में हमारे पास 1,47,000 किमी है, उस समय राष्ट्रीय राजमार्ग निर्माण की गति 2 किमी प्रति दिन थी और अब यह 38 किमी प्रति दिन है। जहां तक ​​राष्ट्रीय राजमार्गों के सड़क निर्माण का संबंध है, हम अब दुनिया में सबसे ऊंचे स्थान पर हैं।"

हाईवे रोड के काम को रिकॉर्ड समय में पूरा करने का उदाहरण देते हुए उन्होंने आगे कहा, "हम सड़क निर्माण में आगे हैं, मेरा मिशन, मेरा लक्ष्य तीन साल के भीतर भारतीय सड़कों को यूएस-मानक बनाना है।" 26 ग्रीन एक्सप्रेस हाईवे पर मंत्री ने कहा कि चेन्नई से बेंगलुरु तक भी हम ग्रीन एक्सप्रेस हाईवे बना रहे हैं।

जहाजरानी और जलमार्ग मंत्री रहते हुए सरकार द्वारा 103 जलमार्गों के लिए की गई पहलों पर प्रकाश डालते हुए उन्होंने कहा कि जलमार्ग बहुत किफायती हैं। गडकरी ने भारत में लॉजिस्टिक कॉस्ट को एक समस्या बताते हुए कहा, 'हमारी लॉजिस्टिक कॉस्ट 16 से 18 फीसदी है। प्रतिशत और हम इस पर काम कर रहे हैं।" 

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