भारत के 10 में से 6 लोग बिना ड्राइविंग टेस्ट के ही पा जाते हैं लाइसेंस: रिपोर्ट

देश में हर 10 में से 6 लोगों का ड्राइविंग लाइसेंस बिना ड्राइविंग टेस्ट के ही बन जाता है। 10 शहरों में, जिनमें 5 मेट्रो शहर भी शामिल हैं

By Bani KalraEdited By: Publish:Mon, 17 Jul 2017 01:37 PM (IST) Updated:Tue, 18 Jul 2017 11:09 PM (IST)
भारत के 10 में से 6 लोग बिना ड्राइविंग टेस्ट के ही पा जाते हैं लाइसेंस: रिपोर्ट
भारत के 10 में से 6 लोग बिना ड्राइविंग टेस्ट के ही पा जाते हैं लाइसेंस: रिपोर्ट

नई दिल्ली (दिल्ली)। देश में हर 10 में से 6 लोगों का ड्राइविंग लाइसेंस बिना ड्राइविंग टेस्ट के ही बन जाता है। 10 शहरों (जिनमें 5 मेट्रो शहर भी शामिल हैं) में हुए एक सैम्पल सर्वे में सामने आया कि जहां गाड़ियों की संख्या बहुत ज्यादा है, वहां भी यह काम खूब चल रहा। अब इस बात का अंदाजा लगाया जा सकता है कि रोड सेफ्टी के नियमों में 'जुगाड़' किस हद तक हावी है

आगरा में सिर्फ 12 फीसदी लोगों ने ही पूरी ईमानदारी से लाइसेंस बनवाया, लेकिन बाकी के 88 फीसद ने यह स्वीकार किया है कि उन्होंने ड्राइविंग टेस्ट दिए बिना ही लाइसेंस हासिल किया। यही हाल जयपुर और गुवाहाटी का भी रहा जहां 72 फीसद व 64 फीसद लोग बिना टेस्ट दिए लाइसेंस बनवा लेते हैं।

इसके अलावा दिल्ली में 54 फीसद लोग भी बिना बिना टेस्ट दिए लाइसेंस हासिल कर लेते हैं। जबकि मुंबई के 50 फीसद लोग बिना ड्राइविंग टेस्ट दिए लाइसेंस बनवा लेते हैं। यह सर्वे रोड सेफ्टी ऐडवोकेसी ग्रुप SaveLIFE Foundation ने करवाया था। खास बात यह है की यह सर्वे ऐसे वक्त में सामने आया है, जब राज्य सभा में मोटर वीइकल्स एक्ट में संशोधनों पर चर्चा होने जा रही है।

इस सर्वे के बाद अब आप सोच सकते हैं कि देश का लाइसेंसिंग सिस्टम इतना भ्रष्ट हो गया है जहां कुछ पैसो के लिए सिस्टम का मजाक बनाया जा रहा है।आपको बता दे कि भारत में 997 रीजनल ट्रांसपोर्ट ऑफिस हैं, जहां से हर साल 1.15 करोड़ नए लाइसेंस जारी किये जाते हैं और ऐसा अनुमान है कि रोजाना 40 लाइसेंस एक RTO से इशू होते हैं। वही देश की राजधानी दिल्ली में यह संख्या 130 लाइसेंस प्रति दिन तक जाती है।

SaveLIFE Foundation की इस रिपोर्ट में यह भी बात सामने आई है कि 80 फीसदी लोग जो सड़क पर चलते है वो अपने आप को असुरक्षित महसूस करते हैं। 82 फीसदी पैदल चलने वाले लोगों को है सड़क पर चलते हुए डर लगा रहता है। कोच्चि में 90 फीसद जवाब देने वालों ने माना कि वे सड़कों पर असुरक्षित महसूस करते हैं।

Save-LIFE Foundation के फाउंडर व सीईओ पीयूष तिवारी के मुताबिक, ' सर्वे से यह बात साफ हो गयी है कि लोग सड़क सुरक्षा को लेकर खासा सतर्क हैं। वहीं ज्यादातर लोग इस मसले पर सुधार के रास्ते तलाश रहे हैं।'

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