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अद्भुत स्मारकों और संग्रहालयों का शहर वाशिंगटन

अमेरिका की राजधानी वाशिंगटन सिर्फ राजधानी भर नहीं है। यह सबसे ताकतवर सरकार का ठिकाना है और अद्भुत स्मारकों और संग्रहालयों का शहर भी...

By Preeti jhaEdited By: Published: Thu, 29 Oct 2015 12:58 PM (IST)Updated: Thu, 29 Oct 2015 01:10 PM (IST)
अद्भुत स्मारकों और संग्रहालयों का शहर वाशिंगटन

अमेरिका की राजधानी वाशिंगटन सिर्फ राजधानी भर नहीं है। यह सबसे ताकतवर सरकार का ठिकाना है और अद्भुत स्मारकों और संग्रहालयों का शहर भी...

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वाशिंगटन में व्हाइट हाउस यानी अमेरिकी राष्ट्रपति भवन के आसपास का समूचा इलाका किसी धरोहर से कम नहीं है, जहां हर इमारत ने अपनी एक विरासत बना ली। हम पिछले दिनों पत्रकारों के एक दल के साथ जब अमेरिकी विदेश नीति का अध्ययन करने के लिए वाशिंगटन पहुंचे, तो हम सभी पहले से तय बैठकों के साथ-साथ वाशिंगटन के कुछ ठिकानों को देखने के लिए भी उतावले हो रहे थे। सांस्कृतिक गतिविधियों यानी चुनिंदा स्थानों के भ्रमण के लिए चुनाव करना बेहद कठिन था। इस कठिनाई को विदेश मंत्रालय के लायजन अधिकारियों ने दूर कर दिया। उन्होंने जो स्थान चुने वे वाकई अद्भुत थे और हमेशा याद रहने वाले।

वाशिंगटन को चार-पांच दिनों में नहीं जाना-समझा जा सकता। फिर भी अपने पांच दिनों के वाशिंगटन प्रवास के दौरान हमने जिन जगहों को देखा उनके बारे में आप भी जानिए...

व्हाइट हाउस

वाशिंगटन आने वाला हर व्यक्ति इस जगह को देखे बिना नहीं रह सकता। अमेरिकी राष्ट्रपति का घर और कार्यस्थल अपनी एक झलक में ही अपने वैभव और ताकत का अहसास करा देता है। नेशनल मॉल एरिया

अमेरिकी सत्ता प्रतिष्ठान का केंद्र बिंदु है और व्हाइट हाउस उस केंद्र बिंदु का भी केंद्र। व्हाइट हाउस के सामने कोई न कोई प्रदर्शन ठीक उसी तरह चलता रहता है जैसे अपने यहां जंतर-मंतर पर, लेकिन अमेरिका में कोई भी न तो हद पार करता है और न ही उसे सुरक्षा के नाम पर रोका-टोका जाता है। हर आवाज अंदर जरूर पहुंचती

है। जब हम व्हाइट हाउस के सामने पहुंचे तो नो बम, नो वार के संदेश के साथ एक अकेला व्यक्ति अपनी आवाज बुलंद कर रहा था, तो एक पूरी साइकिल रैली भी दुनिया से हिंसा खत्म करने के लिए अमेरिकी राष्ट्रपति का ध्यान अपनी ओर आकर्षित करने की कोशिश कर रही थी। हमें लगा कि राष्ट्रपति भवन के ठीक सामने ऐसे प्रदर्शन कैसे हो सकते हैं, तो हमें बताया गया कि यह रोज की बात है।

लिंकन मेमोरियल

नेशनल मॉल एरिया में ही आपको लिंकन मेमोरियल देखने को मिलेगा। अमेरिका के १६वें राष्ट्रपति अब्राहम लिंकन को सम्मान देने के लिए इस स्मारक का निर्माण १९२० से १९२२ के बीच किया गया। इस स्मारक

का अपना प्रतीकात्मक महत्व है। ३६ स्तंभों पर टिकी इमारत को तीन हिस्सों में बांटा गया है। स्तंभों की दो लाइनें हैं। ३६ स्तंभ लिंकन के समय अमेरिका में शामिल ३६ राज्यों का प्रतिनिधित्व करते हैं और जब इस

स्मारक का निर्माण किया गया तो अमेरिकी राज्यों की संख्या बढ़कर ४८ हो गई थी, इसलिए स्तंभों के ऊपर

४८ पत्थर लगाए गए हैं। इस इमारत में लिंकन की विशालकाय मूर्ति है। सिर से लेकर पैर तक मूर्ति करीब १९

फीट की है। विशाल मूर्ति होना कोई बड़ी बात नहीं। बड़ी बात है उसकी मुद्रा। लिंकन गंभीर मुद्रा में बैठे हुए हैं।

उनकी एक मुट्ठी बंधी हुई है और दूसरी कुछ खुली हुई। बंधी हुई मुट्ठी अमेरिका को अविभाजित रखने की उनकी

प्रतिबद्धता का प्रतीक है और खुली मुट्ठी से वह संदेश दे रहे हैं वह सभी को सुनने के लिए तैयार हैं और हर विचार के लिए उनका दिल-दिमाग खुला हुआ है। उनके चेहरे के आधे हिस्से में चिंता है-अमेरिका के हालात को लेकर और दूसरे हिस्से में आशावाद है कि एक दिन सब कुछ ठीक हो जाएगा। उनके सिर के पिछले हिस्से में भी एक

मानवीय चेहरा है।

एयर एेंड स्पेस म्यूजियम

यह म्यूजियम हर वर्ग को अपनी ओर आकर्षित करता है। इसके लिए आपको केवल कला-प्रेमी होने की जरूरत नहीं है। आसमान की सतरंगी दुनिया और अनेक रहस्य समेटे दूसरे ग्रहों तक मानवों के पहुंचने की कहानी-कोशिश का पूरा हिसाब-किताब यहां मौजूद है। आप चांद के एक टुकड़े को स्पर्श कर यह कह सकते हैं कि मैं

चांद छूकर आया हूं। इस अद्भुत अहसास का कोई जोड़ नहीं है। अब तक के सारे स्पेस अभियानों से लेकर वायुयानों के विकास की पूरी कहानी इस चार मंजिला इमारत में मिलेगी। स्पेस शटल अपने मूल रूप में मौजूद हैं। किताबों और अखबारों में आपने उनकी कहानी पढ़ी होगी, लेकिन इस म्यूजियम में सफल और असफल हर स्पेस अभियान को करीब से देखा जा सकता है। एक शटल को अंदर और बाहर से देखकर आप अंदाजा लगा

सकते हैं कि जिन अंतरिक्ष यात्रियों को हम सपनों के राजकुमारों के रूप में देखते हैं वे आखिर किस तरह की

स्थितियों में स्पेस अभियान में जाते होंगे। कुछ ऐसा ही आपको महसूस होगा सबसे पहले हवाई जहाज बनाने

की कोशिश करने वाले राइट ब्रदर्स के शुरुआती काम को देखकर। लकड़ी के पटरों को जोड़कर उन्होंने जिस

सपने की उड़ान की कल्पना की थी, वह आज सोनिक और सुपरसोनिक दौर से भी आगे बढ़ चुकी है, लेकिन

राइट ब्रदर्स का वह लकड़ी का जहाज और सपनों को हकीकत में उतारने की उनकी जिद के दौरान डायरी में लिखे

गए अक्षर उस जगह से हटने नहीं देते।

वियतनाम मेमोरियल

वियतनाम मेमोरियल का अपना अलग ही आकर्षण हैं। सतह से कुछ फीटे नीचे काले पत्थरों पर उकेरे गए अमेरिकी सैनिकों के नामों की संख्या यह बताती है कि वियतनाम युद्ध अमेरिकी इतिहास का कैसा काला अध्याय था। तीन सैनिकों की मूर्तियां मेमोरियल के शुरुआती द्वार पर इस मुद्रा में लगाई गई हैं कि हर किसी की आंख भर आती है। वे मारे गए या गायब हुए सैनिकों की सूची की ओर मुंह करके इस अंदाज में खड़े हैं जैसे अपने

परिजनों को ही तलाश रहे हों। ये तीन मूर्तियां भी दरअसल अपने आप में एक स्मारक हैं और इन्हें नाम दिया गया है-थ्री सर्विसमैन यानी तीन सैनिक। पूरा मेमोरियल दो दीवारों पर आधारित है, जो एक दूसरे से करीब सौ अंश पर मिलती हैं। इस मेमोरियल में एक स्मारक उन अमेरिकी महिलाओं को सम्मान देने के लिए बनाया गया,

जिन्होंने बतौर नर्स वियतनाम युद्ध में भाग लिया। वियतनाम मेमोरियल का एक दस्तूर यह है कि शहीद अथवा

गायब हो गए सैनिकों के परिजन जब भी यहां आते हैं, तो एक कागज का टुकड़ा दीवार के उस हिस्से पर रगड़ते हैं, जहां उस सैनिक का नाम उकेरा गया होता है। फिर उस कागज को पेंसिल से काला करते हैं, जिससे उस

सैनिक का नाम उभर आता है। वे इस टुकड़े को यादगार के रूप में अपने पास रख लेते हैं।


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