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    Blue City: कई नामों से जाना जाता है राजस्थान का यह शहर, जानें इसके ‘मारवाड़’ से ‘ब्लू सिटी’ बनने तक की कहानी

    By Harshita SaxenaEdited By: Harshita Saxena
    Updated: Mon, 29 May 2023 09:00 AM (IST)

    जोधपुर राजस्थान का एक मशहूर शहर है जहां हर साल देश-विदेश से पर्यटक घूमने आते हैं। यह शहर कई नामों से जाना जाता है जिसमें इसका ब्लू सिटी नाम सबसे ज्यादा मशहूर है। तो चलिए जानते हैं जोधपुर के ब्लू सिटी बनने की कहानी

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    कैसे ब्लू सिटी बना जोधपुर, जानें इसका इतिहास

    नई दिल्ली, लाइफस्टाइल डेस्क। Blue City: दुनियाभर में अपनी विविधता के लिए मशहूर भारत हमेशा से ही अपनी खूबसूरती से लोगों की आकर्षित करता रहा है। यहां देखने और घूमने लायक कई सारी जगह मौजूद हैं। ऐतिहासिक इमारतों से लेकर संस्कृति की झलक दिखाते शहरों तक, यहां पर्यटन के लिहाज के काफी कुछ मौजूद है। राजस्थान भारत का ऐसा ही एक राज्य है, जहां आपको कई सारे पर्यटन स्थल, व्यंजन और अनूठी संस्कृति देखने को मिलती है। यहां कई सारे ऐसे शहर मौजूद हैं, जो कला और संस्कृति के लिए लोगों के बीच लोकप्रिय है।

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    सनसिटी भी कहलाता है जोधपुर

    जोधपुर इस राज्य के इन्हीं शहरों में से एक है, जो यहां का दूसरा सबसे बड़ा शहर है। यह लंबे समय से अंतरराष्ट्रीय पर्यटकों के बीच एक लोकप्रिय डेस्टिनेशन रहा है। जोधपुर को कई लोग सनसिटी या फिर "ब्लू सिटी" के नाम से भी जानते हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि आखिर इस शहर को ब्लू सिटी या सनसिटी के नाम से क्यों पुकारा जाता है। अगर नहीं, तो चलिए आज हम आपको बताते हैं जोधपुर के इस उपनाम के पीछे की कहानी-

    558 साल पहले बसा था जोधपुर

    यह समझने के लिए कि जोधपुर को "ब्लू सिटी" के रूप में क्यों जाना जाता है, इसके लिए आपको इस शहर के इतिहास के बारे में जानना होगा। करीब 558 साल पहले बसाए गए इस खूबसूरत शहर की खोज सन 1459 में राव जोधा ने की थी। राठौड़ समाज के मुखिया और जोधपुर के 15वें राजा जोधा के नाम पर ही इस शहर का नाम जोधपुर पड़ा। पहले इसे मारवाड़ के नाम से जाना जाता था। रेगिस्तान के बीचो- बीच बसे इस शहर को सन सिटी के नाम से भी जाना जाता है। ऐसा इसलिए क्योंकि यहां सूरज काफी ज्यादा देर तक ठहरता है।

    ऐसे ब्लू सिटी बना जोधपुर

    वहीं, बात करें इस शहर के नाम ब्लू सिटी की, तो जोधपुर के इस नाम से इसलिए पुकारा जाता है, क्योंकि यहां के ज्यादातर घरों और महलों में नीले रंग के पत्थर लगे हुए हैं। घरों और महलों के पीछे कई सारी कहानियां मशहूर है। इसकी सबसे प्रचलित कहानियों में से एक यह है कि जोधपुर राजस्थान के सबसे गर्म शहरों में से एक है। ऐसे में घरों को ठंडा रखने में नीला रंग मदद करता है। इतना ही नहीं, लोगों का कहना है कि नीले रंग पर सूर्य की रोशनी का प्रभाव कम पड़ता है, जिससे अधिक गर्मी में भी ठंडक बनी रहती है।

    भगवान शिव से है कनेक्शन

    जोधपुर को ब्लू सिटी कहने के पीछे के धार्मिक कहानी भी प्रचलित है। नीले रंग को भगवान शिव से जोड़ा जाता है। ऐसा माना जाता है कि समुद्र मंथन के समय जब हलाहल( विष का प्याला) निकला था, तो भगवान शिव ने संसार की रक्षा के लिए वह प्याला खुद पी लिया था। विषपान की वजह से उनका कंठ नीला पड़ गया था, जिसके बाद उन्हें नीलकंठ नाम दिया गया था। ऐसे में भगवान के प्रति भक्ति दर्शाते हुए यहां के लोगों अपने घरों के नीले रंग में रंगते हैं।