Move to Jagran APP

Weekend Destination: भीड़ और शोरगुल से दूर सुकून से बिताना है अपना वीकेंड, तो कतर्नियाघाट का बनाएं प्लान

Weekend Destination अगर आप अपना वीकेंड किसी शांत जगह जाकर मनाना चाहते हैं तो कतर्नियाघाट वन्य जीव अभ्यारण्य एक अच्छा ऑप्शन साबित हो सकता है। जानें क्या है यहां खास और कैसे बना सकते हैं अपने वीकेंड को यहां आकर मजेदार।

By Priyanka SinghEdited By: Published: Mon, 05 Dec 2022 03:33 PM (IST)Updated: Mon, 05 Dec 2022 03:33 PM (IST)
Weekend Destination: शोरगुल से दूर कतर्नियाघाट है वीकेंड के लिए परफेक्ट डेस्टिनेशन

नई दिल्ली, लाइफस्टाइल डेस्क। Weekend Destination: शहरी शोरगुल और भीड़ से दूर कतर्नियाघाट एक ऐसी जगह है, जहां आपको प्रकृति का अलग ही नजारा देखने को मिलेगा। लंबी छुट्टियां हों या फिर वीकेंड...दिल्ली और उसके आसपास रहने वाले ज्यादातर लोग उत्तराखंड या हिमाचल का रूख करते हैं जिस वजह से ये दोनों ही जगहें हमेशा पर्यटकों से भरी रहती हैं। इस वजह से कई बार जिस सुकून और मौज-मस्ती की तलाश में लोग यहां जाते हैं उसका लुत्फ भी नहीं उठा पाते। तो अगर आप किसी शांत और खूबसूरत ठिकाने की तलाश में हैं, तो कतर्नियाघाट एक अच्छा ऑप्शन साबित हो सकता है। दूर-दूर तक फैले घने जंगल, चहचहाते पक्षी, नदी का कलकल बहता पानी, धूप सेंकते घड़ियाल, नाचते हुए मोर और आसपास घूमते दुर्लभ प्रजाति के पशु-पक्षियों को देखना एक अलग ही तरह का एडवेंचर है। जंगल के बीचों-बीच बहने वाली गिरवा नदी यहां की माहौल को और भी ज्यादा खूबसूरत बनाती है। यहां आप दोस्तों, फैमिली या पार्टनर किसी के भी साथ प्लान कर सकते हैं। 

loksabha election banner

कतर्नियाघाट के जंगल नेपाल से आने वाली गेरुआ नदी से सटे हैं। कतर्नियाघाट वाइल्ड लाइफ सेंचुरी 551 वर्ग किमी में फैला हुआ है। इस सेंचुरी में बाघ, तेंदुआ, हिरन, हाथी, चीतल, बारहसिंघा सहित कई दुर्लभ प्रजाति के जीव-जंतु भी निवास करते हैं। वैसे ये जंगल खासतौर से बाघों के लिए जाना जाता है। जिनका दीदार करने विदेशों से भी सैलानी आते हैं। कतर्नियाघाट की सुरक्षा सात रेंजों द्वारा की जाती है। 

कतर्नियाघाट वन्य जीव अभ्यारण्य में मौजूद जीव-जंतु

बाघों के अलावा इस जंगल में तेंदुए, मगरमच्छ, घडिय़ाल, ऊदबिलाव, जंगली हाथी, हिरन, सांभर, कांकड़, लंगूर, बंदर, नीलगायों को देखा जा सकता है। गिरवा रिवर बोट सफारी के दौरान डॉल्फिन का भी दीदार किया जा सकता है। तो वहीं नदी के बीच बने टापुओं पर मगरमच्छ और घडि़यालों को धूप सेंकते हुए देखा जा सकता है। 

प्रभागीय वनाधिकारी (डीएफओ कतर्नियाघाट) आकाश दीप बधावन से बताया कि, 'इस बार पर्यटकों को काफी कुछ अलग देखने को मिलेगा। जंगल के बीचों-बीच बर्दिया गांव में थारू होम स्टे की बनाया गया है। गांव के लोगों के बीच फूस की झोपड़ी में पर्यटकों को रहने की व्यवस्था की गई है। इसके अलावा पर्यटकों को थारू संस्कृति से भी रूबरू होने का और उनके लजीज़ व्यंजनों को भी चखने का मौका मिलेगा। यहां के एक्सपीरियंस को यादगार बनाने के लिए नेचर शॉप पर थारू लोगों द्वारा हाथ से बनाए गए जैकेट, टोपी, तरह-तरह की कलाकृतियां, बांस के आभूषण व अन्य सामान भी रखे गए हैं। जिससे लोगों को कुछ अलग देखने को तो मिलेगा ही साथ ही स्थानीय रोजगार को भी बढ़ावा मिलेगा।' 

कतर्नियाघाट वन्य जीव प्रभाग में आने वाले सैलानियों को किसी भी प्रकार की परेशानी न हो, इसके लिए कर्मचारियों को तैनात किया गया है। सफारी के दौरान गाइड और वन सुरक्षा कर्मी भी तैनात रहेंगे। जिससे कि सैलानियों को जंगल की हर एक खूबसूरती से रूबरू कराया जा सके।

ट्री हट का एक्सपीरियंस 

कतर्नियाघाट में गेरुआ नदी के तट पर थारू हट और सेमल के पेड़ों पर ट्री हट की भी व्यवस्था की गई है। जहां बैठकर आप आराम से प्राकृतिक विविधता का आनंद उठा सकते हैं साथ ही जानवरों की चहलकमी को भी अपने कैमरे में कैद कर सकते हैं।  

कैसे पहुंचे कतर्नियाघाट?

कतर्निया आने के लिए लखनऊ या दूसरे शहरों से बसों के जरिए बहराइच पहुंचा जा सकता है। बहराइच से वन क्षेत्र के लिए टैक्सियां संचालित हैं। साथ ही निजी वाहनों से भी जंगल तक सीधे पहुंचा जा सकता है। 

Pic credit- freepik


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.