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अहमदाबाद सहित इन 4 वर्ल्‍ड हैरिटेज साइट को नहीं देखा तो क्‍या देखा

ऐतिहासिक शहर अहमदाबाद हाल ही में यूनेस्को की वर्ल्ड हेरिटेज सिटी की सूची में शामिल किया गया है। यह भारत का पहला शहर है जो इस लिस्‍ट में जोड़ा गया है।

By molly.sethEdited By: Published: Tue, 01 Aug 2017 10:34 AM (IST)Updated: Tue, 01 Aug 2017 10:34 AM (IST)
अहमदाबाद सहित इन 4 वर्ल्‍ड हैरिटेज साइट को नहीं देखा तो क्‍या देखा
अहमदाबाद सहित इन 4 वर्ल्‍ड हैरिटेज साइट को नहीं देखा तो क्‍या देखा

 और भी हैं विश्‍व की धरोहरें 

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विश्‍व धरोहर की सूची में अहमदाबाद के साथ दुनिया के दूसरे कई स्‍थान और भी शामिल हैं। चलिए हमारे साथ कुछ ऐसे ही विरासत स्थलों की सैर पर। दुनियाभर में ऐसे कई ऐतिहासिक शहर और कई इमारतें हैं, जिन्हें देख कर एक बार तो यह यकीन ही नहीं होता है कि इसे किसी इंसान ने बनाया होगा। हैरत तब होती है, जब यह सोचते हैं कि उस समय तो आज की तरह मशीनें और तकनीक भी नहीं थी। ये विश्‍व धरोहर शहरें और इमारतें न सिर्फ देखने में सुंदर हैं, बल्कि देश और संस्कृति से जुड़ी जानकारी भी देती हैं। ऐसी ही ऐतिहासिक धरोहरों को बचा कर रखने के लिए यूनेस्को ने चुनिंदा शहरों और इमारतों को विश्‍व धरोहर का दर्जा देता है। नीचे दी गई चार जगह इसी का हिस्‍सा हैं। 

द लेक डिस्‍ट्रिक्ट, UK

चारों तरफ हरियाली से घिरे युनाइडेट किंगडम में द लेक डिस्‍ट्रिक्ट बेहद ही अद्भुत जगह है। इसे भी यूनेस्को द्वारा जारी विश्‍व धरोहर की सूची में शामिल किया गया है। लेक डिस्‍ट्रिक्ट में स्थित विंडरमेरे इंग्लैंड की सबसे बड़ी प्राकृतिक झील है। यह तकरीबन 10 मील में न्यूबॉय ब्रिज तक फैली हुआ है। विंडरमेरे झील की खासियत है कि इसमें 18 छोटे-बड़े आइलैंड हैं। आप प्राकृतिक खूबसूरती के बीच बोटिंग का लुत्फ उठा सकते हैं। गर्मी के महीनों इस जगह की रौनक देखने लायक होती है। बड़ी संख्या में देशी-विदेशी पर्यटक पहुंचते हैं। यह क्षेत्र लेक डिस्‍ट्रिक्ट नेशनल पार्क के अंतगर्त आता है। वैसे, यह जगह केवल झील के लिए ही विख्यात नहीं है, बल्कि यहां कई खूबसूरत कॉटेज भी हैं, जो पर्यटकों को खूब आकर्षित करते हैं। ड्रोव कॉटेज ऐसी ही एक जगह है। यह सफेद कॉटेज ग्रासमेरे के करीब है। लेक डिस्‍ट्रिक्ट में यह मशहूर रोमांटिक कवि विलियम वर्ड्सवर्थ का पहला घर है। वे पहली बार 1799 में यहां पहुंच थे। आज यह कॉटेज वर्ड्सवर्थ ट्रस्ट के अंतगर्त आती है और यहां उनसे जुड़ी बहुत-सी चीजें आपको देखने को मिल जाएगी। इसके अलावा, यहां विंडरमेरे स्टीमबोट म्यूजियम, बीट्रिक्स पोटर, ग्रेट लैंगडेले, केसविक आदि भी देखने लायक जगहें हैं।

अफ्रोडिसियस, तुर्की 

प्यार के देवता (God of love) एप्रोडाइट का शहर है अफ्रोडिसियस। अगर आप ग्रीक की प्राचीन संस्कृति की करीब से देखना चाहते हैं, तो इस शहर से बेहतर और क्या हो सकता है। यह तुर्की के शहर एनाटोलिया के पश्चिमी हिस्से में स्थित है। इस पुराने शहर को यूनेस्को की विश्‍व धरोहर स्थलों में शामिल किया गया है। यह तुर्की के बेहतरीन आर्कियोलॉजिकल साइट्स में से एक है। इस शहर का नाम प्यार के देवता एफ्रोडाइट के नाम पर रखा गया है, जिसे रोमन वीनस कहते हैं। यहां प्यार के देवता एप्रोडाइट के मंदिर के अवशेष आज भी देखे जा सकते है। यह शहर स्कल्पचर स्कूल के लिए भी लोकप्रिय था। यहां पर प्राचीनतम कलाकृत्तियों को संजो कर रखा गया है। इसमें से कई तीसरी सदी से जुड़े हुए बताए जाते हैं। यहां पर उस जमाने के दुनिया के सबसे बड़े स्टेडियम के अवशेष भी देखे जा सकते हैं। कहा जाता है कि इस स्टेडियम में 30 हजार लोगों की बैठने की जगह थी। इसके अलावा, यहां का सफेद मार्वेल थियेटर आज भी अच्छी स्थिति में है। यहां से करीब 150 किमी. की दूरी पर इफेसुस है, जिसे देखना नहीं भूलना चाहिए। यहां के म्यूजियम में रोमन स्कल्पचर के अच्छे कलेक्शन को देखा जा सकता है।

यज्द, ईरान

यह ईरान का बेहद खूबसूरत रेगिस्तानी शहर हैं। इस प्राचीन शहर में कई ऐसी ऐतिहासिक जगह हैं, जिसे ईरान की सैर पर आने वाले पर्यटकों को जरूर देखना चाहिए। यूनेस्को ने इस शहर को वर्ल्ड हेरिटेज सिटी का दर्जा दिया है। इस शहर के बीचोंबीच स्थित आमिर चखमक कॉम्प्लैक्स है, जिसकी खूबसूरती सूर्यास्त के बाद और ज्यादा निखरने लगती है। इस शहर के पुराने हिस्से यानी ओल्ड सिटी में पिले मिट्टी से बने ईट से घर को देखकर यह एहसास हो जाता है कि यह शहर कितना सुखा रहा होगा। फिर भी इस रेगिस्तानी शहर की पारंपरिक वास्तुकला लोगों को काफी आकर्षित करता है। यहां बने 14वीं सदी के जामे-मस्‍जिद के मीनार के बारे में कहा जाता है कि यह देश का सबसे बड़ा मीनार है। यह ईरानी-इस्लामिक आर्किटेक्ट का खूबसूरत उदाहरण है। ब्लू-मोजेक टाइल का काम देखते ही बनता है। हालांकि मस्‍जिद से जुड़ी कुछ चीजें 12वीं सदी के बने हुए हैं। इस शहर में बाग-ए-दौलताबाद भी दर्शनीय जगह है। यहां सरो और अनार के वृक्ष के साथ 18वीं सदी के बने इमारत पर्यटकों को खूब आकर्षित करते हैं। वैसे, आपकी यज्द की यात्रा खारानक गांव को घूमे बिना पूरी नहीं हो सकती है। यह बेहद प्राचीन गांव है, जिसके अब केवल अवशेष ही देखे जा सकते हैं। तकरीबन 1000 साल पुराने इस गांव में कजर-इरा-मस्‍जिद के नीचे की घाटी आपको आकर्षित कर सकती है। अगर फोटोग्राफी के शौकीन हैं, यह जगह आपके लिए परफेक्ट जगह सकती है।

संबोर प्रेई कुक, कंबोडिया

जब कभी कंबोडिया घूमने की बात होती है, तो यहां के विरासत स्थल अंगकोट बाट को ध्यान में रख कर ही प्लान बनाते हैं। लेकिन अब यहां अंगकोट बाट के अलावा, संबोर प्रेई कुक भी एक नई पहचान बन कर उभरा है, जो आने वाले दिनों में पर्यटकों को खूब आकर्षित कर सकता है। संबोर प्रेई कुक मंदिर को यूनेस्को ने वर्ल्ड हेरिटेज का दर्जा दिया है। यह जगह राजधानी फनोम पेन्ह से करीब 206 किमी. की दूरी पर है। आप इस जगह को मंदिरों का घर कह सकते हैं। कहा जाता है कि इस मंदिर के आसपास करीब 140 मंदिर हैं। इनमें 10 मंदिर ऑक्टागोनल शेप में हैं। इस जगह की पहचान 6वीं-7वीं सदी के चेनला राजवंश की राजधानी इशानपुरा के तौर पर होती है। यहां पर बनी बहुत सारी मंदिर 7वीं सदी के हैं, जिसे उस समय के राजा इशानवर्मन के दौर में बनाया गया था।

गुजरात का दिल अहमदाबाद

साबरमती नदी के किनारे सुल्तान अहमद शाह दारा बनाया गया अहमदाबाद एक ऐतिहासिक एवं आधुनिक शहर है। इसे यूनेस्को ने विश्‍व धरोहर शहर का दर्जा दे दिया था। तकरीबन 600 वर्ष पुराना शहर अब पेरिस, विएना, काहिरा, ब्रसेल्स, रोम और एडिनबर्ग जैसे शहरों की सूची में शामिल हो गया है। ऐतिहासिक एवं पुरातन महत्त्व की इमारतों-मोहल्लों- मकबरों के साथ हिंदू-मुस्लिमों की साझा सांस्कृतिक विरासत का बेजोड़ मेल यहां देखा जा सकता है। गांधी आश्रम को महात्मा गांधी ने बनवाया था, इस आश्रम में एक संग्राहलय बनाया गया है। इसमें महात्मा गांधी से जुडी बहुत-सी निशानियों को एकत्रित किया गया है। वैसे, सीदी सैयद की जाली एक बेमिसाल खूबसूरत मस्जिद है। जिसे सुलतान अहमदशाह के गुलाम सैयद ने बनवाया था। यह मस्जिद कलात्मक शैली का बेजोड़ नमूना है। अदलज की बाव भी दर्शनीय जगह है। यह एक गांव है जो कि अहमदाबाद से तकरीबन 17 किलोमीटर की दूरी पर बसा हुआ है। अदलज की बाव एक कुंआ है जिसके हर एक स्तंभ पर व दीवारों पर महीन आकर्षक नक्काशी की गई है। इस कुएं को राजा वीरसिंह की रानी रूपबाई ने बनवाया था। अहमदाबाद के दर्शनीय स्थलों में से एक है मोढेरा का सूर्य मंदिर जो स्थापत्य कला का बेजोड़ नमूना है। यहां बेहद खूबसूरत झील कांकरिया है। इस झील के मध्य में एक खूबसूरत बाग है। इसे सुल्‍तान कुतुबद्दीन ने बनवाया था। इस झील के किनारे एक द्वीप है और एक महल है। यहां टॉय ट्रेन है जो झील के एक ओर चलती है, बच्‍चों के लिए बाल वाटिका बनाई गई है। यहां एक बोट क्‍लब भी है जहां आकर पर्यटक, बोटिंग का लुत्‍फ भी उठा सकते है। रानी रूपमती की मस्जिद कलात्मक शैली का जीता जागता उदाहरण है। इस मस्जिद की विशेषता यह है कि बिना सीधे सूर्य प्रकाश के बावजूद भी इसके मध्य भाग में हमेशा रोशनी रहती है। झूलती मीनारें अहमदाबाद के मुख्य आकर्षणों में से एक हैं। इस जोड़ी वाली मीनारों की खास बात यह है कि जब एक मीनार हिलती है तो थोड़ी देर बाद दूसरी मीनार भी हिलती है। इसके अलावा, यहां हटथीसिंग जैन मंदिर, स्‍वामी नारायण मंदिर, जामा मस्जिद, महुदी जैन मंदिर, अक्षरधाम मंदिर, सरखेज रोजा, दादा हरी वाव आदि यहां के प्रमुख आकर्षण है।


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