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इस झील में छिपा है अरबों रुपये का खजाना, जानें इसका दिलचस्प इतिहास

इस बारे में स्थानीय लोगों का कहना है कि बाबा साल भर में केवल एक बार दर्शन देते हैं। जून महीने में बाबा प्रकट होते हैं। इसके लिए जून में मेले का आयोजन किया जाता है। इस मौके पर काफी संख्या में लोग बाबा के दर्शन हेतु होते हैं।

By Umanath SinghEdited By: Published: Fri, 16 Oct 2020 03:50 PM (IST)Updated: Fri, 16 Oct 2020 03:50 PM (IST)
इस झील में छिपा है अरबों रुपये का खजाना, जानें इसका दिलचस्प इतिहास
इस झील के समीप एक मंदिर भी है, जिसे कमरूनाग मंदिर कहा जाता है।

नई दिल्ली, लाइफस्टाइल डेस्क। हिमचाल प्रदेश अपनी खूबसूरत वादियों और घाटियों के लिए दुनियाभर में प्रसिद्ध है। देश-विदेश से लोग वादियों का दीदार करने आते हैं। हिमचाल की पहाड़ियों में सभ्यता और संस्कृति बसती है। इस प्रदेश में कई ऐसी जगह हैं जो रहस्यमयी हैं। इनमें एक कमरूनाग झील है। ऐसा कहा जाता है कि इस झील में खजाना छिपा है। इसके बारे में कई तथ्य हैं। जानकारों की मानें तो कमरूनाग झील में अरबों रुपये का खजाना है। हालांकि, अब तक इस झील से पैसे और जेवर नहीं निकाले गए हैं। इस झील के समीप एक मंदिर भी है, जिसे कमरूनाग मंदिर कहा जाता है। अगर आपको इस झील के बारे में नहीं पता है, तो आइए कमरूनाग के बारे में विस्तार से जानते हैं-

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कमरूनाग झील कहां है

हिमचाल प्रदेश के मंडी जिले से 51 किलोमीटर दूर करसोग घाटी में स्थित है। इस झील तक पहुंचने के लिए पहाड़ियों के बीच रास्ता है। ऐसा माना जाता है कि कमरूनाग झील के दृश्यों को देखकर सभी थकान दूर हो जाती है। इस स्थान पर पत्थर से निर्मित कमरूनाग बाबा की प्रतिमा है। हर साल जून में कमरूनाग मंदिर में मेला का आयोजन किया जाता है।

लोगों की बाबा कमरूनाग के प्रति अटूट श्रद्धा है

इस बारे में स्थानीय लोगों का कहना है कि बाबा साल भर में केवल एक बार दर्शन देते हैं। जून महीने में बाबा प्रकट होते हैं। इसके लिए जून में मेले का आयोजन किया जाता है। इस मौके पर काफी संख्या में लोग बाबा के दर्शन हेतु होते हैं। इस दौरान लोग मनचाहा वर प्राप्ति के लिए झील में सोने चांदी और रुपये दान करते हैं।

 मान्यता है कि बाबा कमरूनाग को सोना-चांदी चढ़ाने से व्यक्ति की सभी मनोकामनाएं पूर्ण हो जाती है। इसके लिए लोग रुपये और जेवर झील में डालते हैं। कुछ लोग तो पहने जेवर भी झील में डालने से गुरेज नहीं करते हैं। लोगों की बाबा कमरूनाग में अटूट श्रद्धा है। सदियों से यह परंपरा चलती आ रही है। इसके चलते जानकारों का कहना है कि झील में अरबों का खजाना है।


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