अमरनाथ यात्रा के लिए पंजीकरण 1 मार्च से शुरू, दिलचस्प है गुफा के ये रहस्य
अमरनाथ की गुफा का महत्व सिर्फ इसलिए नहीं है कि यहां बर्फ से प्राकृतिक शिवलिंग का निर्माण होता है.
इस साल अमरनाथ यात्रा 28 जून से शुरू होगी. इस यात्रा के लिए पंजीकरण कल से यानी 1 मार्च से शुरू हो रहे हैं. श्री अमरनाथ श्राइन बोर्ड ने देश भर में पंजाब नेशनल बैंक, येस बैंक और जम्मू कश्मीर बैंक की 440 शाखाओं में इस बार पंजीकरण करवाने की घोषणा की है जोकि पिछले साल से छह अधिक है. इस वर्ष की यात्रा साठ दिन की होगी. यात्रा 28 जून से शुरू होकर 26 अगस्त रक्षाबंधन वाले दिन संपन्न होगी. जम्मू कश्मीर में 17 शाखाओं में पंजीकरण होगा.आइए, जानते हैं अमरनाथ से जुड़ी खास बातें.
ऐसे हुई थी गुफा की खोज
ऐसी मान्यता है कि इस गुफा की खोज बूटा मलिक नाम के एक मुस्लिम ने की थी. एक दिन भेड़ें चराते-चराते बहुत दूर निकल गया. एक जंगल में पहुंचकर उसकी एक साधु से भेंट हो गई. साधु ने बूटा मलिक को कोयले से भरी एक कांगड़ी दे दी. घर पहुंचकर उसने कोयले की जगह सोना पाया तो वह बहुत हैरान हुआ. उसी समय वह साधु का धन्यवाद करने के लिए गया परन्तु वहां साधु को न पाकर एक विशाल गुफा को देखा. उसी दिन से यह स्थान एक तीर्थ बन गया.
यहां शिव ने पार्वती को सुनाई थी अमरकथा
अमरनाथ की गुफा का महत्व सिर्फ इसलिए नहीं है कि यहां बर्फ से प्राकृतिक शिवलिंग का निर्माण होता है, बल्कि यहां भगवान शिव ने देवी पार्वती को अमरत्व का मंत्र सुनाया था.
यहां शिव ने पार्वती को सुनाई थी अमरकथा
अमरनाथ की गुफाका महत्व सिर्फ इसलिए नहीं है कि यहां बर्फ से प्राकृतिक शिवलिंगका निर्माण होता है. इस गुफा का महत्वइसलिए भी है कि इसी गुफा में भगवान शिव ने देवी पार्वती को अमरत्व का मंत्र सुनाया था.
इस रहस्य को नहीं जान पाया कोई
अमरनाथ गुफा के अंदर बनने वाला शिवलिंग पक्की बर्फ का बनता है जबकि गुफा के बाहर मीलों तक सभी जगह कच्ची बर्फ ही देखने को मिलती है. सभी जगह कच्ची बर्फ होने पर भी शिवलिंग पक्की बर्फ का कैसे बनता है, यह आज भी एक रहस्य है.