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भगवान शिव की रुद्र प्रतिमा के साथ बिलासपुर आकर देखें अनोखा देवरानी-जेठानी मंदिर

जब सावन में शिवभक्ति में डूबा है देश तो बिलासपुर से 35 किलोमीटर दूर तालागांव में भगवान शिव की रुद्र प्रतिमा के दर्शन के लिए भी उमड़ रही है भक्तों की भीड़। तो चलते हैं आज यहां...

By Priyanka SinghEdited By: Published: Thu, 01 Aug 2019 11:18 AM (IST)Updated: Thu, 01 Aug 2019 11:18 AM (IST)
भगवान शिव की रुद्र प्रतिमा के साथ बिलासपुर आकर देखें अनोखा देवरानी-जेठानी मंदिर

बिलासपुर छत्तीसगढ़ की राजधानी नया रायपुर से तकरीबन 120 किमी. दूर बसा है। नया रायपुर के बाद यह राज्य का दूसरा सबसे बड़ा शहर है। यह राज्य के उत्तर-पश्चिमी क्षेत्र का बड़ा व्यावसायिक केंद्र भी है। भारतीय रेलवे के लिहाज से देखें तो यह शहर बेहद महत्वपूर्ण है क्योंकि दक्षिण-पूर्व केंद्रीय जोन का मुख्यालय यहीं है। स्वच्छता के लिहाज से बिलासपुर रेलवे स्टेशन को वर्तमान में देश का तीसरे नंबर का स्वच्छ रेलवे स्टेशन माना जाता है। यहां देश का चौथा सबसे लंबा रेलवे स्टेशन भी है।

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ताला: स्थापत्यकला की विलक्षण झांकी

यहां आना अतीत में वापस जाने और कालातीत मूर्तियों का दीदार कर मंत्रमुग्ध होने जैसा है। यह अमेरिकांपा गांव के पास स्थित है जो कि शिवनाथ और मनियारी नदी के संगम पर स्थित है। तालागांव सबसे अधिक मशहूर देवरानी-जेठानी मंदिरों के लिए है। ताला के पास सरगांव में धूम नाथ का मंदिर है। इस मंदिर में भगवान किरारी के शिव स्मारक हैं, जो प्राचीन समय से आपको रूबरू कराते हैं। 

देवरानी मंदिर

ताला गांव में स्थित देवरानी मंदिर का मुख पूर्व दिशा की ओर है। इस मंदिर के पीछे की तरफ शिवनाथ नदी की सहायक नदी मनियारी प्रवाहित होती है। यह मंदिर बाहर की ओर से 7532 फीट ऊंचा है, जिसका भूविन्यास अनूठा है। इसमें गर्भगृह, अंतराल एवं खुली जगहयुक्त संकरा मुखमंडप है। मंदिर में पहुंचने के लिए मंदिर द्वार की चंद्रशिलायुक्त देहरी तक सीढिय़ां निर्मित हैं। मुख मंडप में प्रवेश द्वार हैं। मंदिर में उपलब्ध भित्तियों की ऊंचाई 10 फीट है। इसमें शिखर अथवा छत का अभाव है। 

जेठानी मंदिर

दक्षिणाभिमुखी यह मंदिर भी भगवान शिव को समर्पित है। इसके गर्भगृह और मंडप में पहुंचने के लिए दक्षिण, पूर्व एवं पश्चिम दिशा से प्रवेश होता था। मंदिर का प्रमुख प्रवेश द्वार चौड़ी सीढि़यों से जुड़ा था। मंदिर का गर्भगृह वाला भाग बहुत अधिक क्षतिग्रस्त है और मंदिर के ऊपरी शिखर भाग का कोई प्रमाण नहीं मिलता है।

खूंटाघाट: शानदार पिकनिक स्पॉट

रतनपुर से 12 किलोमीटर दूर खूंटाघाट जलाशय है। बारिश के दिनों में यहां का नजारा मनमोहक हो जाता है। जुलाई-अगस्त में जलाशय लबालब भरा होता है। साथ ही, चारों ओर हरियाली भी होती है जो मन को सुकून देती है। बिलासपुर समेत आसपास के सैलानी बड़ी संख्या में यहां पिकनिक मनाने आते हैं।

कब और कैसे जाएं

यहां मार्च से ही गर्मी पड़ने लगती है जो जून तक रहती है। जुलाई-अगस्त मानसून का महीना है, जहां हल्की बारिश के बीच शहर को निहारने का आनंद ही अलग है। चाहें तो सर्दियों में भी यहां आकर शहर की खूबसूरती निहार सकते हैं। यहां आने के लिए नजदीकी एयरपोर्ट स्वामी विवेकानंद एयरपोर्ट, रायपुर है। विलासपुर रेल और सड़क मार्ग देश के सभी बड़े शहरों से जुड़ा है।

Lead Image credit:- Chhattisgarh/Instagram

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