ट्रैवल फेस्टिवल : 151 टन मालपुए, 10 लाख मेहमान: ऐसा होगा ग्वालियर में सीता-राम मिलन समारोह
इस महाभोज को बनाने के लिए 150 लोगों की टीम रोजाना 12 घंटे काम कर रही है.
By Pratima JaiswalEdited By: Published: Mon, 05 Feb 2018 04:37 PM (IST)Updated: Mon, 05 Feb 2018 04:38 PM (IST)
अगर हम आपसे कहें कि किसी भोज के लिए 151 टन मालपुए बनाए जा रहे हैं. जिसमें 10 लाख मेहमान शिरकत करने वाले हैं. साथ ही सब्जियों की इतनी बड़ी मात्रा में बनने वाली भोजन सामग्री को रखने के लिए भी विशाल इंतजाम किए गए हैं. इसके लिए जमीन में 6 फीट गहरे गड्ढे खोदकर चार हौदियां बनाई गई हैं. ग्वालियर में 8 दिवसीय सीता-राम मिलन समारोह की शुरुआत हो चुकी है. जिसमें ऐसे ही खास इंतजाम किए गए हैं.
इसलिए होता है समारोह
यह आयोजन ग्वालियर से 30 किलोमीटर दूर स्थित करहधाम में हो रहा है. इसे स्थानीय भाषा में पटिया वाले बाबा का मंदिर कहा जाता है. रामरतन दासजी या पटिया वाले बाबा की 60वीं बरसी पर किया जा रहा है. करहधाम के बाबा दीनबंधु कहते हैं कि इस पूरे आयोजन में होने वाला खर्च श्रद्धालुओं द्वारा स्वेच्छा से उठाया जाता है जिसके लिए कोई बाध्यता नहीं होती. आस-पास के 70-80 ग्राम पंचायतों के 150 से अधिक गांव के लोग अपने सामर्थ्य के अनुसार तन-मन-धन से भंडारे में मदद करते हैं. गांव वाले इन दिनों दूध की बिक्री रोककर भंडारे में दूध भेजते हैं. आयोजकों का कहना है कि इस समारोह में 10 लाख मेहमान शिरकत करेंगे.
खाना रखने के लिए किए गए हैं ऐसे इंतजाम
छोटे कुओं के आकार के इन हौद में रखी गई सब्जी और खीर को निकालने के लिए रस्सी में बाल्टी बांधकर उसका उपयोग किया जाता है. इतना ही नहीं 300 वर्गफीट के कमरे का इस्तेमाल मालपुए रखने में किया जा रहा है.
महाभोज बनाने यूपी से आई है टीम
इस महाभोज को बनाने के लिए 150 लोगों की टीम रोजाना 12 घंटे काम कर रही है. सिर्फ मालपुए बनाने के लिए उत्तरप्रदेश से 90 लोगों की टीम बुलाई गई है. रोजाना खाना परोसने की जिम्मेदारी 400 युवाओं की टीम की है. मालपुए बनाने के लिए विशालकाय परातों का उपयोग किया जा रहा है.
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