कुर्ग आकर चखें वेजिटेरियन से लेकर नॉन वेजिटेरियन डिशेज की ढेरों वैराइटी
कुर्ग में घूमने के लिए ही नहीं खाने-पीने की भी इतनी वैराइटीज है जिन्हें देखकर इन्हें चखने से खुद को रोक नहीं पाएंगे। रेस्टोरेंट्स ही नहीं यहां स्ट्रीट फूड भी हैं लाजवाब।
कुर्ग में प्रकृति एक 'ओपन थियेटर' के रूप में नजर आती है, जिसे देखने का रोमांच आप यहां आकर ही महसूस कर सकते हैं। यूं तो कुर्ग हर मौसम में आकर्षक लगता है, लेकिन बारिश को खास पसंद करने वालों के लिए यह अभी धरती पर एक जन्नत बना हुआ है। घूमने-फिरने के शौकीनों के लिए तो ये जगह बेस्ट है ही लेकिन, अगर साथ ही साथ कुर्ग अपने अनोखे जायकों के लिए भी बहुत मशहूर है। वेजिटेरियन से लेकर नॉन वेजिटेरियन तक के लिए यहां वैराइटीज की कमी नहीं।
कुर्गी स्वाद का जवाब नहीं!
कुर्ग के ताजा पकवान खाने के लिए मादिकेरी के इकलौते 'कुर्गी' रेस्टोरेंट में लंबी कतारें लगती हैं। कुर्ग की विशिष्ट ग्रेवी से बना 'कोडावा कोली करी' यहां का पकवान है। स्थानीय मुर्गी को पिसे हुए मसालों की चटनी में पकाया जाता है। इस करी में एक अलग ही दक्षिण एवं पहाड़ी स्वाद का आनंद आता है। यहां जंगली बांस से बनी 'बाम्बू शूट करी' भी काफी मशहूर है। यहां शाकाहारी यात्रियों के लिए यों तो कईं रेस्टोरेंट हैं, किंतु सबसे बढिय़ा खाना 'उडुपी गार्डन' में मिलता है। कुर्ग में फलों के रस से वाइन बनाने की काफी पुरानी परंपरा है। सर्दियों में आप यहां घरों में भी वाइन बनते देख सकते हैं। यहां ऐसे ही कुछ घर छोटी-छोटी वाइन फैक्ट्री में भी परिवर्तित हो गए हैं। यहां अदरक, आंवला, मिर्ची, सेब, अनार, लीची, अनन्नास, खजूर और चॉकलेट की वाइन आसानी से उपलब्ध हो जाती है। स्थानीय पद्धति से बनाई गई यह वाइन यदि थोड़ी मात्रा में ली जाए, तो शरीर के लिए फायदेमंद मानी जाती है।
कुर्गी मसाले और 'सुपर-फूड' अवोकेडो
खुशबूदार लौंग, इलायची, काली मिर्च और दालचीनी जैसे मसाले आपको कुर्ग में जरूर खरीदने चाहिए। ताजा कुर्गी मसाले आपके खाने को और भी लज्जतदार और आपके स्वास्थ्य को बेहतर कर देंगे। कुर्ग में भारी मात्रा में कोको के फल का भी उत्पादन होता है, जिनका उपयोग चॉकलेट बनाने में होता है। यदि आप चॉकलेट खाने के शौकीन हैं तो आप यहां के बाजार से या तो यहां ताजा बनी हुई चॉकलेट खरीद सकते हैं या फिर कोको के फल खरीदकर खुद घर पर अपनी 'डार्क चॉकलेट' बना सकते हैं। 'सुपर फूड' माना जाने वाला अवोकेडो आपके शहरों में भले ही सबसे महंगा फल हो, किन्तु 'बटर फ्रूट' नाम से मशहूर यह फल यहां काफी किफायती दाम में मिल जाएगा। इन सबके अलावा विराजपेट का 'कुर्गी शहद' भी आप मदिकेरी के बाजार से खरीद सकते हैं। और हां, आप यहां से कॉफी की दुर्लभ लकडिय़ों से बने टेबल तथा बाकी कलाकृतियां भी अपने साथ ले जा सकते हैं।
बागानों की सैर की ऑनलाइन बुकिंग
केवल कॉफी ही नहीं, कुर्ग में अनन्नास, लीची, इलायची, चीकू और अन्य फलों और मसालों के बागान की सैर कर सकते हैं। इन बागानों की सैर की जानकारी तथा बुकिंग आप ऑनलाइन कर सकते हैं।
कब और कैसे पहुंचे
जून से फरवरी के बीच का समय कुर्ग की यात्रा के लिए बेहतर माना जाता है। हालांकि यहां कभी भी बारिश हो जाती है, इसिलए छतरी रखना न भूलें। कर्नाटक के मैसूर शहर से कुर्ग 117 किलोमीटर दूर स्थित है। बस, कार, कैब या बाइक से कुर्ग के मुख्य शहर मदिकेरी तक पहुंचा जा सकता है। नजदीकी हवाई अड्डा और रेलवे स्टेशन मैसूर और बेंगलुरू में स्थित है।