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20 साल बाद मुंबई के वर्सोवा बीच पर ऑलिव रिडले कछुओं की हुई वापसी, पर्यटकों की उमड़ी भीड़

वर्सोवा बीच में दो दशक के बाद ऑलिव रिडले कछुओं के लगभग 80 बच्चे नजर आए.

By Pratima JaiswalEdited By: Published: Fri, 23 Mar 2018 04:31 PM (IST)Updated: Fri, 23 Mar 2018 04:31 PM (IST)
20 साल बाद मुंबई के वर्सोवा बीच पर ऑलिव रिडले कछुओं की हुई वापसी, पर्यटकों की उमड़ी भीड़
20 साल बाद मुंबई के वर्सोवा बीच पर ऑलिव रिडले कछुओं की हुई वापसी, पर्यटकों की उमड़ी भीड़

अभी कुछ दिन पहले दुनिया के आखिरी सफेद गैंडे सूडान की मौत हो गई. सूडान नाम के इस गैंडे की मौत के बाद इस प्रजाति का अंत हो गया. लगातार शिकार की वजह से इनकी संख्या में भारी कमी आई, जिससे 1990 तक यह गैंडे सिर्फ 400 ही बचे, जबकि साल 1970 में इनकी संख्या 20,000 से भी अधिक हुआ करती थी. एक तरफ जहां एक प्रजाति का अंत हुआ वहीं दूसरी तरफ 20 साल बाद कछुओं की दुर्लभ प्रजाति दिखाई दी. मुंबई के वर्सोवा बीच में दो दशक के बाद ऑलिव रिडले कछुओं के लगभग 80 बच्चे नजर आए. गुरुवार की सुबह कछुओं के ये बच्चे समुद्र के किनारे घूमते दिखे.

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सोशल वर्कर अफरोज ने कहा कि यह बहुत ही खुशी की बात है कि हमारे वर्सोवा बीच में ऑलिव रिडले कछुओं के 80 अंडों से बच्चे निकले हैं. उन्होंने कहा कि यह समुद्री किनारा बहुत गंदा हुआ करता था. हर तरफ सिर्फ प्लास्टिक का ढेर जमा हो गया था. कछुओं ने यहां अंडे देना बंद कर दिया था लेकिन वह वर्सोवा बीच सफाई अभियान को धन्यवाद देना चाहते हैं. वे लोग बहुत खुश हैं और इन कछुओं का यहां पैदा होना सौभाग्य मान रहे हैं.

बीच की सफाई में लगे लोग और जंतु कल्याण के लिए काम करने वाली संस्थाओं ने कहा कि अब वे लोग मिलकर यह सुनिश्चित करेंगे कि ये छोटे कछुए उनके पैदा होने की जगह से समुद्री रास्ते तक सुरक्षित जा सकें, जो लगभग 30 से 35 किलोमीटर दूर है. कछुओं की इसे प्रजाति को देखकर पर्यावरणविदों ने खुशी जताई है. अगर आप भी कछुओं की इन दुर्लभ प्रजातियों को देखना चाहते हैं, तो आप मुंबई बीच पर जा सकते हैं. 


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