लेखक और फिल्मों की वजह से मशहूर हुए हैं ये ऑफ-बीट ट्रैवल डेस्टिनेशन
लोगों के अंदर ट्रैवलिंग के क्रेज बढ़ाने में सिर्फ फोटोज़ ही नहीं बल्कि लेखकों और ब्लॉगर्स का भी बहुत बड़ा हाथ है। आम सी जगह को भी अलग ही अंदाज के साथ पेश करते हैं। एक नज़र डालेंगे इनपर
अंडमान- निकोबार, असम, अरुणाचल प्रदेश, ओडिशा, उत्तराखंड आदि राज्यों में ऐसी बहुत सारी जगहें हैं, जिनके बारे में आम लोग न के बराबर जानते हैं। हरसिल (उत्तराखंड) आने वाले लोगों की संख्या तब और अधिक बढ़ गई जब 'राम तेरी गंगा मैली' फिल्म आई, क्योंकि इस फिल्म की शूटिंग यहीं हुई थी। यही बात लेखकों के साथ भी लागू होती है। वे साधारण-सी जगहों के बारे में अपने अनुभवों को इतने दिलचस्प तरीके से लिखते हैं कि पाठकों के दिमाग पर शब्द चित्रों के रूप में अंकित हो जाते हैं।
अनजान न रहें पूर्वोत्तर
सच्चिदानंद हीरानंद वात्स्यायन अज्ञेय ने अपनी यात्राओं के आधार पर संस्मरण लिखा 'अरे यायावर रहेगा याद'। उन्होंने इस किताब में पूर्वोत्तर के कुछ ऐसे इलाकों, कस्बों, जंगलों, माजुली जैसे द्वीप के बारे में बताया, जहां के बारे में उत्तर भारत के लोग नहीं जानते या फिर बहुत कम जानते हैं। उत्तर भारत के लोगों के मन में पूर्वोत्तर के प्रति जो डर है, उसे ट्रैवलर और राइटर खत्म करना चाहते हैं, ताकि उनमें यह विश्र्वास पैदा हो सके कि घूमने के लिहाज से पूर्वोत्तर के राज्य बेहद सुरक्षित हैं।
जगाते हैं उत्सुकता
वरिष्ठ लेखक विश्र्वनाथ त्रिपाठी ने किताब लिखी 'नंगातलाई का गांव'। हालांकि यह काल्पनिक किताब है पर किताब में गांवों की प्राकृतिक सुंदरता के साथ-साथ आम लोगों की स्थिति, गरीबी के बारे में त्रिपाठी जी ने इतना सजीव चित्रण किया कि आज भी पर्यटक नंगातलाई का गांव ढूंढ़ते हैं। विश्र्वनाथ त्रिपाठी कहते हैं, 'मुझे लगता है कि जब आदमी पुरानी यादों या फिर आम लोगों के बारे में साधारण, लेकिन सच्ची बातों को लिखता है, तो उसका विवरण वह दिल से करता है। फिर उस गांव या शहर को देखने की चाह लोगों में पैदा हो जाती है।' त्रिपाठी जी से दशकों पहले महान साहित्यकार राहुलसांकृत्यायन ने बस, घोड़े और कभी पैदल चलकर हिमाचल के किन्नौर की यात्रा की और लिखा 'किन्नर देश में'। इसी तरह अज्ञेय ने एक फौजी ट्रक हांकते हुए पूर्वोत्तर की यात्रा की थी और लिखा 'अरे यायावर रहेगा याद'। ये किताबें आज भी भारत की दस सर्वश्रेष्ठ यात्रा संस्मरणों में शुमार हैं।
आज भी लेखक हवाई जहाज या शाही ट्रेनों की बजाय साधारण तरीके से मोटरसाइकिल, साइकिल और पैदल अनजान जगहों की यात्रा करते हैं और दिल को छू जाने वाला विवरण प्रस्तुत करते हैं। इस पर नीरज अपने अनुभव सुनाते हैं कि बिना योजना बनाए और साधारण तरीके से यात्रा करने पर ही आप असाधारण जगहों को एक्सप्लोर कर पाते हैं। इससे पर्यटकों को यह संदेश मिलता है कि कम पैसे में भी खूबसूरत जगहों की यात्रा की जा सकती है।
विदेश को भी वरीयता
भारत की ही तरह इंग्लैंड का स्ट्रेटफोर्ड अपॉन-एवन शहर खूब घूमा जाता है। यह शेक्सपियर टाउन कहलाता है, क्योंकि यहीं दुनिया के जाने-माने नाटककार, कवि का जन्म हुआ और यहीं उन्होंने कई कालजयी कृतियां रचीं। भारत में लोग अगर विदेश घूमना चाहते हैं, तो प्राग को जरूर वरीयता देते हैं, क्योंकि लेखक निर्मल वर्मा चेक गणराज्य की राजधानी प्राग में कई साल तक रहे और इसके आधार पर उन्होंने संस्मरण लिखा 'प्राग'। इसी तर्ज पर चेस प्लेयर व बेस्टसेलर राइटर अनुराधा बेनीवाल ने कई यूरोपीय देशों की यात्रा की और किताब लिखी 'आजादी मेरा ब्रांड'। यह किताब बेहद लोकप्रिय साबित हो रही है, क्योंकि इसमें उन्होंने अलग-अलग यूरोपीय देशों के बारे में जानकारी देने के अलावा, विस्तृत रूप से यह भी बताया है कि एक अकेली लड़की भी विदेश यात्रा कर सकती है और नई जगहों को एक्सप्लोर कर सकती है। अनुराधा कहती हैं, 'मैं पिछले दस साल से अकेले ही देश-विदेश घूम रही हूं और अपने घूमने के किस्से ब्लॉग और वेबसाइट पर शेयर कर रही हूं। मेरा सिर्फ एक ही मकसद है लोगों को यह बताने का कि यह दुनिया बहुत सुरक्षित है। लड़कियों को अपनी चारदीवारी से बाहर निकल कर अनजान गलियों में घूमना और एक्सप्लोर करना चाहिए। इस किताब के माध्यम से विदेश यात्रा के दौरान होने वाली आशंकाओं को कम करने की कोशिश की गई है।