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मानसून सीज़न है अलेप्पी घूमने के लिए बेस्ट, जहां हर कोई कर सकता है एन्जॉय

केरल के कोच्चि शहर से 80 किलोमीटर दूर एक छोटा-सा शहर है अलेप्पी। जो देश के तटीय शहरों में अपनी खास पहचान रखता है। और बारिश में इसकी खूबसूरती दोगुनी हो जाती है।

By Priyanka SinghEdited By: Published: Thu, 09 Aug 2018 09:46 AM (IST)Updated: Thu, 09 Aug 2018 10:56 AM (IST)
मानसून सीज़न है अलेप्पी घूमने के लिए बेस्ट, जहां हर कोई कर सकता है एन्जॉय
मानसून सीज़न है अलेप्पी घूमने के लिए बेस्ट, जहां हर कोई कर सकता है एन्जॉय

डॉ. कायनात काज़ी

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बैकवाटर्स और खूबसूरत लग्जरी हाउसबोट के लिए मशहूर अलेप्पी यहां होने वाली नेहरू ट्रॉफी बोट रेस प्रतियोगिता के लिए बहुत खूब लोकप्रिय है। अलेप्पी किसी चित्रकार के कैनवास पर सधे हाथों संग उकेरे गए रंगों से बनी वह तस्वीर है, जिसे जितना भी निहारा जाए जी नहीं भरता। दूर तक फैले धान के हरे-भरे खेत, पानी के बीच उभर आए आइलैंड और नारियल के ऊंचे-ऊंचे पेड़। इसीलिए तो प्रकृति प्रेमी यहां सिर्फ छुट्टी मनाने नहीं आते, बल्कि प्रकृति के साथ कुछ दिन घुलने-मिलने आते हैं। अगर यह कहें कि अलेप्पी को जल-देवता ने हर रूप में नवाजा है तो गलत नहीं होगा। यहां नदियां हैं, नहरें हैं, बैकवाटर्स है और 82 किलोमीटर लंबा समुद्री तट है, जो केरल राज्य के कोस्टल लाइन का अकेले 13% है। यह जगह केरल राज्य की तीन बड़ी नदियों मनीमाला,पम्बा और अचंकोविल के संगम के लिए भी जानी जाती है।

 

अलेप्पी को अलप्पुजहा भी कहते हैं, जिसका अर्थ होता है वह जगह जो समुद्र और उसमें मिलने वाली नदियों के बीच पड़ता हो। नाव पर राजसी ठाट एक शांत शहर जिसके एक ओर समुद्र है तो दूसरी ओर बैक वाटर्स। यहां का मुख्य आकर्षण है बैक वाटर्स पर तैरती लग्जरी हाउसबोट। इसका आनंद उठाने देश-विदेश के लोग आते हैं। यह हाउसबोट अपने आप में पानी पर तैरते हुए किसी बड़े बंगले जैसा होता है। इसमें निचले तल पर दो या तीन बेडरूम होते हैं जिसमें अटैच्ड बाथरूम की व्यवस्था भी होती है। इसमें एक लंबा सा कॉरिडोर होता है। बोट के अगले हिस्से में एक ड्रॉइंग रूम होता है, जिसके बाहर डेक होता है। इसके ऊपर एक बड़ा हॉल होता है, जहां पार्टी की जा सकती है। इसमें एक किचन भी होता है, जहां से खान-पान की व्यवस्वथा की जाती है। हर हाउसबोट के पास अपना जेनरेटर सेट होता है, जिससे बिजली की आपूर्ति होती है। ये हाउसबोट एयर कंडीशन्ड भी होते हैं। ये इतने बड़े और मजबूत होते हैं कि इनमें रहते हुए आपको पता भी नहीं चलता कि ये पानी पर चल रहे हैं। आप लग्जरी हाउसबोट ऑनलाइन भी बुक कर सकते हैं। यहां एक दिन के शार्ट स्टे से लेकर कई दिन के स्टे की व्यवस्था की जाती है। यहां हाउसबोट पर सैलानियों को केरल के ट्रेडिशनल जायके को चखने का मौका भी मिलता है। जो आपके पैकेज में शामिल होता है।

अरब सागर का नजारा 

शहर का दूसरा सबसे बड़ा आकर्षण है अलेप्पी बीच। यहां से अरब सागर का सबसे खूबसूरत दृश्य देखा जा सकता है। सुनहरी रेत के कणों से अटखेलियां करता नीले समुद्र का पानी एक जादुई समां बनाता दिखाई देता है। एक शांत बीच जिसका सूर्यास्त आपको हमेशा के लिए याद रह जाएगा। यह बीच आपके थके कदमों को नेचुरल फुट मसाज देकर असीम आनंद का अनुभव कराएगा। खास बात यह है कि यहां बहुत भीड़ नहीं होती है, इसलिए यह जगह एक शांत बीच हॉलिडे के लिए बेस्ट है। यहां आसपास ही बड़े सारे होटल और लग्जरी रिसॉर्ट्स बने हुए हैं। साथ ही, इस बीच तक पहुंचने वाली सड़कों पर कई खूबसूरत होम स्टे भी मौजूद हैं, जहां रहकर आप मलयाली परिवार की संस्कृति से रूबरू हो सकते हैं।

मरारी बीच

अगर आप सोच रहे हैं कि नीले पानी और सुनहरी पीली रेत को निहारते हुए नारियल के झाड़ पर बंधे हैमोक यानी झूले पर आराम से लेटे हुए हॉलिडे मनाना शायद मॉरीशस या थाईलैंड में ही पॉसिबल होता होगा तो अलप्पुजहा आकर आपकी यह सोच गलत साबित हागी। आप यहीं अलप्पुजहा से मात्र 15 किलोमीटर उत्तर में एक शांत और खूबसूरत मरारी बीच पर यह आनंद ले सकते हैं। मरारी कोई आम बीच नहीं है। इसे 'हैमोक बीच' भी कहा जाता है। ऐसा हम नहीं कहते, नेशनल जियोग्राफिक के एक सर्वे के अनुसार लोगों ने इसे दुनिया के पांच बेस्ट हैमोक बीच में से एक माना है। मरारीपुरम मछुआरों का गांव है। यहां बीच के पास ही आप मछुआरों के रोजाना किए जाने वाले कामों को देख सकते हैं। यहां बीच के नजदीक ही कई होम स्टे भी मौजूद हैं। अगर आप चाहें तो यहां रुककर विलेज सफारी का आनंद भी ले सकते हैं। 

कैसे पहुंचें

यहां तक पहुंचना बहुत मुश्किल नहीं। मरारी बीच मरारीकुलम रेलवे स्टेशन के नजदीक ही है। आप ट्रेन से भी यहां तक पहुंच सकते हैं और अलप्पुजहा से टैक्सी या ऑटो लेकर भी यहां आसानी से पहुंचा जा सकता है।


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