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लद्दाख का तीर्थस्थल है 'कारगिल वॉर मेमोरियल', जिसे देखने दूर-दूर से पहुंचते हैं सैलानी

द्रास में जब से कारगिल वॉर मेमोरियल बना कारगिल एक तरह से तीर्थस्थल बन गया है। चलते हैं इसके सफर पर....

By Priyanka SinghEdited By: Published: Mon, 09 Sep 2019 09:59 AM (IST)Updated: Mon, 09 Sep 2019 09:59 AM (IST)
लद्दाख का तीर्थस्थल है 'कारगिल वॉर मेमोरियल', जिसे देखने दूर-दूर से पहुंचते हैं सैलानी

'जब आप घर जाएं तो लोगों को जरूर बताएं कि आपके कल के लिए हमने अपना आज कुर्बान किया है'। कारगिल के द्रास में स्थित 'कारगिल वार मेमोरियल' में उकेरी ये पंक्तियां किसी भी भारतीय को गौरवान्वित होकर शहीद सैनिकों के प्रति शीश नवाने को बाध्य कर देती हैं। यही वह जगह है, जहां देश आज से 20 वर्ष पहले कारगिल युद्ध में शहीद हुए अपने 500 से ज्यादा उन रणबांकुरों को प्रतिवर्ष 26 जुलाई को कृतज्ञता से याद करता है, जिन्होंने देश की रक्षा करने में अपनी जान की बाजी लगा दी।

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द्रास में जब से 'कारगिल वॉर मेमोरियल' बना, कारगिल एक तरह से तीर्थस्थल बन गया है। उल्लेखनीय है कि भारत और पाकिस्तान के बीच 1999 में कारगिल युद्ध हुआ था। 8 मई, 1999 में ही इसकी शुरुआत हो चुकी थी, जब पाकिस्तानी सैनिकों और कश्मीरी आतंकियों को कारगिल की चोटी पर देखा गया था। बाद में भारतीय सेना के जाबांजो ने उन्हें खदेड़ कर इस युद्ध में देश को ऐतिहासिक जीत दिलाई।

यह वॉर मेमोरियल न सिर्फ देश, बल्कि द्रास के लोगों के लिए भी उन 500 से ज्यादा सैनिकों को अपनी यादों में ताजा रखने का एक जरिया है। कारगिल शहर से इस वार मेमोरियल की दूरी करीब 60 किमी. है। इस वॉर मेमोरियल को 9 नवंबर, 2004 को देश को समर्पित किया गया था। जहां पर तिरंगा लहराता है, उसके ठीक पीछे आपको एक तरफ टाइगर-हिल तो दूसरी ओर तोलोलिंग हिल नजर आएगा। यहां गुलाबी रंग की इमारत में दिल्ली के इंडिया गेट की तर्ज पर एक अमर जवान ज्योति जलती रहती है। वहां पर पीछे की ओर ही एक बड़ी-सी दीवार पर आपको सभी शहीदों के नाम लिखे हुए मिलेंगे। बगल में सभी शहीदों के नाम के साथ उनकी बटालियन लिखे हुए पत्थर भी लगाए गए हैं।

कब जाएं

मई और जून के बीच की अवधि कारगिल भ्रमण के लिए आदर्श मानी जाती है। 

कैसे पहुंचें?

कारगिल, श्रीनगर के निकट स्थित है और यहां तक सड़क मार्ग से आसानी से पहुंचा जा सकता है। कारगिल के सबसे निकटतम हवाईअड्डे लेह और श्रीनगर हैं। ये हवाईअड्डे भारत के कई शहरों से अच्छी तरह जुड़े हुए हैं। कारगिल के लिए निकटतम रेल लिंक जम्मूतवी रेलवे स्टेशन है, जो लगभग 480 किमी. की दूरी पर स्थित है। यह रेलवे स्टेशन देश के कई शहरों से जुड़ा हुआ है। श्रीनगर-लेह सड़क मार्ग द्वारा कारगिल पहुंचा जा सकता है। यह मार्ग जून के मध्य से नवंबर तक खुला रहता है। जम्मू व कश्मीर राज्य परिवहन निगम की सामान्य एवं डीलक्स बसें नियमित रूप से इस मार्ग पर चलती हैं, जिनके माध्यम से कारगिल पहुंचा जा सकता है। इसके अलावा, श्रीनगर और लेह से टैक्सी द्वारा भी कारगिल पहुंचा जा सकता है।


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