सब्जियां और फल नहीं यहां लगता है पैसों का बाजार, टूरिज्म पर टिका है पूरा देश
आप को एक सिगरेट भी लेनी होगी, तो 500 या हजार का नोट चाहिए होगा. थैला भर सब्जी खरीदने के लिए झोला भरकर नोट ले जाने होंगे.
By Pratima JaiswalEdited By: Published: Mon, 05 Feb 2018 06:21 PM (IST)Updated: Mon, 05 Feb 2018 06:24 PM (IST)
अगर आपसे कहा जाए कि दुनिया में एक ऐसा देश है, जहां पर बाजार में सब्जियां या फल नहीं बल्कि पैसे बिकते हैं, तो शायद आपको यकीन न हो. आइए, हम आपको बताते हैं ऐसे देश के बारे में जहां पर टूरिज्म पर आधी अर्थव्यवस्था टिकी हुई है.
यहां पूरी अर्थव्यवस्था है कैशलैस
उत्तरी अफ्रीका में अदन की खाड़ी के पास स्थित सोमालीलैंड 1991 में सोमालिया से अलग होकर नया देश बना था. हालांकि, अब तक किसी देश ने इसे मान्यता नहीं दी है. मगर करीब 40 लाख की आबादी वाला ये देश खुदमुख्तार जम्हूरियत का दावा करता है. सोमालीलैंड बेहद गरीब देश है. यहां से सबसे बड़ा निर्यात ऊंटों का होता है. आधा इलाका रेतीला है. बाकी हिस्सा अक्सर सूखे का शिकार रहता है. नतीजा, सोमालीलैंड में भयंकर गरीबी है. यहां की करेंसी शिलिंग है, जिसकी किसी भी देश में कोई वैल्यू नहीं है. एक अमरीकी डॉलर के लिए आपको 9 हजार शिलिंग के नोट देने होंगे. सोमालीलैंड की शिलिंग के 500 और 1000 के नोट चलन में हैं.
बाजार में बिकते हैं नोट
आप को एक सिगरेट भी लेनी होगी, तो 500 या हजार का नोट चाहिए होगा. थैला भर सब्जी खरीदने के लिए झोला भरकर नोट ले जाने होंगे. अगर सोमालीलैंड कोई कीमती गहने खरीदना चाहता है तो गाड़ी में लादकर शिलिंग के नोट ले जाने होंगे. मुद्रा के अवमूल्यन और करेंसी के रद्दी में तब्दील होने की वजह से सोमालीलैंड में ज्यादातर लोग कैशलेस लेन-देन करते दिखेंगे. आपको सिगरेट लेनी हो या शराब आप हर चीज का पेमेंट मोबाइल से कर सकते हैं. सोमालीलैंड में आपको भिखारी भी मोबाइल से लेन-देन करते दिखेंगे. वजह ये है कि छोटी-मोटी खरीदारी के लिए भी आपको झोला भर कर नोट चाहिए. जिसे आसानी से ले जाना मुमकिन नहीं है, इसलिए सोमालीलैंड में आज फीसदी कारोबार कैशलेस हो गया है.
टूरिज्म पर टिकी है अर्थव्यवस्था
वैसे तो इस छोटे से देश में रोजगार एक बड़ी समस्या है. यहां पर लोग मछली पालन और छोटे-छोटे कामों में लगे हुए हैं. यहां टूरिज्म पर देश चलता है. सोमालिया में बीच और यहां काफी रहस्यमय गुफाएं और जंगल हैं, जिसपर रिसर्च करने के लिए शोर्ध से जुड़े हुए लोग आते हैं.
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