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सिर्फ वाइल्डलाइफ ही नहीं कुद्रेमुख नेशनल पार्क आकर लें ट्रैकिंग और स्वीमिंग का भी मज़ा

कर्नाटक में बसे कुद्रेमुख नेशनल पार्क घूमने के लिए ये सीज़न है एकदम बेस्ट। जब आप नेचर और एडवेंचर दोनों को कर सकते हैं एक साथ एन्जॉय।

By Priyanka SinghEdited By: Published: Mon, 04 Feb 2019 01:03 PM (IST)Updated: Mon, 04 Feb 2019 01:03 PM (IST)
सिर्फ वाइल्डलाइफ ही नहीं कुद्रेमुख नेशनल पार्क आकर लें ट्रैकिंग और स्वीमिंग का भी मज़ा

चिकमंगलूर से 95 किमी दक्षिण-पश्चिम की ओर स्थित है कुद्रेमुख नेशनल पार्क। जो कुद्रेमुख के पश्चिमी घाट में स्थित है। लगभग 600 वर्ग मीटर में कुद्रेमुख को 1987 में नेशनल पार्क का दर्जा मिला। सबसे ज्यादा जैव विविधता वाले दुनिया के 38 हॉटेस्ट हॉटस्पॉट में से एक है यह। कुद्रेमुख कर्नाटक की मुल्लयानगिरि और बाबाबुदान पहाड़ियों के बाद तीसरी सबसे ऊंची चोटी है। जहां लुप्तप्राय जीव-जन्तु देखने को मिलेंगे।

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कुद्रेमुख नेशनल पार्क अपनी खूबसूरती के लिए मशहूर है। समुद्र तल से 1894 मीटर की ऊंचाई पर स्थित इस नेशनल पार्क में अलग-अलग तरह के पशु-पक्षी और पेड़-पौधे मौजूद हैं। कुद्रेमुख नेशनल पार्क को चार भागों में बांटा गया है, कुद्रेमुख, केरकाते, कालसा और शिमोगा। नेशनल पार्क के उत्तर और पूर्व के लगे कॉफी और चाय के बागान इसकी खूबसूरती को दोगुना करने का काम करते हैं।

कुद्रेमुख नेशनल पार्क की खासियत

इस नेशनल पार्क आकर आप बंगाल टाइगर, स्लोथ बियर, सांभर, शाही, जंगली कुत्ते, हिरन, सियार, फ्लाइंग गिलहरी, गौर, तेंदुए और शेर जैसी पूंछ वाले लंगूरों को देख सकते हैं। जानवरों के अलावा यहां ऐसे पेड़-पौधे भी मौजूद हैं जिनका इस्तेमाल तमाम तरह की औषधियों को बनाने में किया जाता है।

पार्क में लगभग 195 किस्म की पक्षियों की संख्या मौजूद है। जिनमें मालाबार ट्रोगौन, मालाबार व्हीसलिंग थ्रस, ग्रेट पाइड हॉर्नबिल और इम्पीरियल पिज़न शामिल हैं।

इनके अलावा सांप और कछुएं भी यहां पाए जाते हैं।

नेशनल पार्क आकर इन चीज़ों को भी कर सकते हैं एन्जॉय

ट्रैकिंग का शानदार एक्सपीरियंस

ट्रैकिंग के शौकीनों के लिए ये जगह बहुत ही बेहतरीन है। लेकिन इसके लिए आपको पहले परमिशन लेनी पड़ती है। एक या दो नहीं बल्कि कई सारे ट्रैकिंग प्वाइंट्स हैं जिसके लिए फिजिकली फिट होना भी बहुत ही जरूरी है।

झरने बढ़ाते हैं यहां की खूबसूरती

इस नेशनल पार्क की खूबसूरती को बढ़ाने का काम करते हैं कादंबी और हनुमानगढ़ी वॉटरफॉल्स। तो इन्हें देखने जरूर जाएं।

आसपास हैं हरे-भरे बागान

वॉटरफॉल्स और वाइल्डलाइफ से अलग यहां चाय और कॉफी के बागान में भी कुछ वक्त बिताना मज़ेदार रहेगा। यहां बैठकर नज़ारों को देखने में कब वक्त गुजर जाता है इसका पता ही नहीं चलता।

स्वीमिंग का लें आनंद

ट्रैकिंग और हाइकिंग की थकान उतारने के लिए यहां स्वीमिंग की सुविधा भी मौजूद है। जी हां, पार्क में बने नेचुरल पुल में डुबकी लगाने का मजा ही अलग होता है।

कब आएं

अक्टूबर से मई के बीच नेशनल पार्क हराभरा रहता है। लेकिन अगर आप वाइल्डलाइफ को एन्जॉय करना चाहते हैं तो नवंबर से फरवरी के बीच यहां आने का प्लान बनाएं। उस दौरान यहां का मौसम भी बहुत ही खुशगवार होता है।

कहां ठहरें

पार्क के अंदर रेस्ट हाउस बने हुए हैं जहां रूकने का अलग ही एक्सपीरियंस होता है। वैसे कालसा, श्रृंगेरी और कारकाला में भी रूकने के ऑप्शन्स मिल जाएंगे।

कैसे पहुंचे

हवाई मार्ग- फ्लाइट से आने की सोच रहे हैं तो मैंगलौर सबसे नज़दीकी एयरपोर्ट है जहां से कुद्रेमुख की दूरी 120 किमी है। एयरपोर्ट से टैक्सी लेकर आप यहां तक आसानी से पहुंच सकते हैं।

रेल मार्ग- मैंगलोर सेंट्रल यहां का नज़दीकी रेलवे स्टेशन है यहां ये पार्क की दूरी तकरीबन 100 किमी है। स्टेशन से ही आप टैक्सी हायर कर सकते हैं यहां तक पहुंचने के लिए।

सड़क मार्ग- कर्नाटर के ज्यादातर शहरों से यहां के लिए प्राइवेट बसें चलती हैं। इसके अलावा आप खुद की कार और बाइक से भी यहां आ सकते हैं।


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