जानें, क्या है हेल्थ पासपोर्ट और कैसे करता है यह काम
विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार इस बात का कोई साक्ष्य नहीं मिला है कि एक व्यक्ति जो कि कोरोना वायरस से संक्रमित था उससे किसी अन्य व्यक्ति को खतरा नहीं हो।
विश्व के कई देशों में कोरोना वायरस संक्रमित लोगों की संख्या में कमी आई है। इससे कई देशों ने न केवल लॉकडाउन हटा लिया है, बल्कि अन्य देशों के पर्यटकों के लिए भी दरवाजे खोल दिए हैं। हालांकि, वीजा नियमों में बदलाव आया है। इसके लिए पर्यटकों को एक देश से दूसरे देश में आने-जाने के लिए हेल्थ पासपोर्ट या इम्यूनिटी पासपोर्ट रखना जरूरी हो गया है। इस पासपोर्ट से लोग एक देश से दूसरे देश में बिना किसी परेशानी के आ-जा सकते हैं।
हेल्थ पासपोर्ट क्या है
हेल्थ पासपोर्ट आपकी सेहत का प्रमाण पत्र है। इससे यह प्रामाणित होता है कि आप सेहतमंद हैं और आप कोरोना वायरस से संक्रमित नहीं हैं। इस पासपोर्ट में इसका भी उल्लेख रहेगा कि अगर आप कोरोना वायरस से संक्रमित रहे थे तो आपको दोबारा कोरोना वायरस नहीं होगा। कई देशों में यात्रा के साथ ही काम पर लौटने के लिए भी हेल्थ सर्टिफिकेट भी अनिवार्य करने पर विचार किया जा रहा है।
विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार, इस बात का कोई साक्ष्य नहीं मिला है कि एक व्यक्ति जो कि कोरोना वायरस से संक्रमित था, उससे किसी अन्य व्यक्ति को खतरा नहीं हो। इसके साथ ही WHO ने यह भी कहा है कि अगर हेल्थ पासपोर्ट रहता है तो व्यक्ति लापरवाह हो सकता है। वह ऐसा सोच सकता है कि उससे किसी को कोई खतरा नहीं है। ऐसे में स्वास्थ्य पासपोर्ट विचार का विषय है, जिस पर गंभीरता से विचार करने की जरूरत है।
ब्रिटेन में पहले से टेक फर्म्स स्वास्थ्य पासपोर्ट और इम्युनिटी पासपोर्ट पर विचार कर चुकी है। अब ब्रिटेन की टेक कंपनियां इसे अंतिम आयाम देने जा रही हैं, ताकि लोग सुरक्षित अपने काम पर लौट सकें। वे नागरिकों को ऐसा पासपोर्ट या प्रमाण पत्र प्रदान करने के लिए चेहरे के बायोमेट्रिक्स का उपयोग करने जा रहे हैं। इसके लिए ब्रिटेन की नामी-गिरामी कंपनी ने सरकार को एक विस्तृत योजना सौंप चुकी है।