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ट्रैवल फेस्टिवल : मौज-मस्ती ही नहीं अनोखी विरासत भी है गोवा, 10-13 फरवरी गोवा कार्निवल शुरू

राजा मोमो की झांकी परेड में सबसे आगे रहती है. पहले दिन राजा मोमो अपनी प्रजा को मौज-मस्ती करने, खाने-पीने, नाचने-गाने का आदेश देते हैं.

By Pratima JaiswalEdited By: Published: Wed, 07 Feb 2018 06:06 PM (IST)Updated: Wed, 07 Feb 2018 06:55 PM (IST)
ट्रैवल फेस्टिवल : मौज-मस्ती ही नहीं अनोखी विरासत भी है गोवा, 10-13 फरवरी गोवा कार्निवल शुरू
ट्रैवल फेस्टिवल : मौज-मस्ती ही नहीं अनोखी विरासत भी है गोवा, 10-13 फरवरी गोवा कार्निवल शुरू
अगर आप किसी वजह से अभी तक गोवा नहीं जा पाएं, तो अब आपके पास गोवा जाने की एक और वजह है. आप गोवा में जाकर 10 से 13 फरवरी को गोवा कार्निवल का हिस्सा बन सकते हैं.
गोवा कार्निवल, फूड एंड कल्चरल महोत्सव गोवा की राजधानी पणजी में आयोजित होने जा रहा है. आइए, हम आपको बताते हैं खास बातें. 
ऐसे शुरू हुआ गोवा कार्निवल 
ब्राजील और दुनिया के कई देशों में कार्निवल लोकप्रिय होने लगे, तो भारत में वैसे ही कार्निवल के लिए गोवा को ही चुना गया. गोवा में इसकी शुरुआत पुर्तगालियों ने ही की थी. गोवा की पुर्तगाली व स्पेनिश बस्तियों में 18वीं सदी में इसकी शुरुआत हुई और बाद में इसके रूप में विस्तार होता चला गया. अब हर साल फरवरी में होने वाले गोवा कार्निवल काफी पॉपुलर हो गया है. इस कार्निवल का आयोजन राज्य के प्रमुख शहरों में किया जाता है. पणजी, मड़गाव, वास्को और मापुसा में स्थानीय प्रशासन और राज्य का पर्यटन विभाग मिलकर इसका आयोजन करते हैं.
राजा मोमो की कलरपुर झांकी 
राजा मोमो की झांकी परेड में सबसे आगे रहती है. पहले दिन राजा मोमो अपनी प्रजा को मौज-मस्ती करने, खाने-पीने, नाचने-गाने का आदेश देते हैं. परेड में कई झांकियां शामिल होती हैं. पूरी-पूरी रात सड़कों पर अलग-अलग बैंडों के गायक, नर्तक व संगीतकार प्रदर्शन करते रहते हैं. खाने-पीने की बहार छाई रहती है. कार्निवल के आखिर में पणजी में क्लब नेशनल में प्रसिद्ध रेड एंड ब्लैक डांस से होता है.
खास जायकों की भरमार 
हालांकि, जोर ज्यादा से ज्यादा स्थानीय भागीदारी पर ही रहता है। मजेदार बात यह है कि यह कार्निवल किसी खास समुदाय विशेष का न होकर पूरे गोवा की संस्कृति का हिस्सा हो गया है. पारंपरिक रूप से 40 दिन के उपवास की शुरुआत से पहले यह कार्निवल लोगों को अच्छे से खाने-पीने, मौज-मस्ती करने का मौका देने के लिए होता था. धीरे-धीरे इसका स्वरूप सांस्कृतिक आयोजन का हो गया और फिर यह सैलानियों के आकर्षण का केंद्र बन गया.
कैसे पहुंचे 
गोवा जाने के लिए दिल्ली से अनेक ट्रेन और प्लाइट उपलब्ध हैं. दूसरी मेट्रो सिटी से भी आपको ट्रेन और फ्लाइट आसानी से मिल जाएगी.
कहां ठहरें
गोवा में हर जेब के मुताबिक होटल, लॉज, गेस्ट हाउस मौजूद हैं. अभी से बुकिंग करवा लेंगे, तो थोड़ा सस्ता भी पड़ेगा.
क्या खरीदें
गोवा से आप मसाले, काजू, काजू की शराब और कॉफी ला सकते हैं.

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