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ट्रिप में कैमरा नहीं है साथ, तो इन टिप्स को फॉलो करके मोबाइल से भी कर सकते हैं शानदार फोटोग्राफी

फोटो में लाइटिंग का बहुत अहम रोल है। अगर बाहर खुले में फोटो ले रहे हैं तो सूरज कहां है, इसका आपके फोटो पर बहुत असर पड़ेगा।

By Pratima JaiswalEdited By: Published: Thu, 14 Jun 2018 04:04 PM (IST)Updated: Fri, 15 Jun 2018 06:00 AM (IST)
ट्रिप में कैमरा नहीं है साथ, तो इन टिप्स को फॉलो करके मोबाइल से भी कर सकते हैं शानदार फोटोग्राफी
ट्रिप में कैमरा नहीं है साथ, तो इन टिप्स को फॉलो करके मोबाइल से भी कर सकते हैं शानदार फोटोग्राफी

हम में से बहुत से लोग ऐसे हैं जिन्हें ट्रिप के दौरान फोटोग्राफी करने का शौक होता है। लेकिन कई बार ऐसा होता है कि हमारे पास फोटोग्राफी करने के लिए कैमरा नहीं होता, ऐसे में फोन से फोटो किस तरह लेनी चाहिए ज्यादातर लोगों को इसका अंदाजा नहीं होता। अगर आप भी ट्रिप के दौरान मोबाइल से फोटो लेते हैं, तो हम आपको ऐसे टिप्स बता रहे हैं, जिसे फॉलो करके आप मोबाइल से भी शानदार फोटो ले सकते हैं। साथ ही आपको मोबाइल से फोटो लेते वक्त कुछ सावधानी भी रखनी चाहिए। 

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फोटोग्राफी के लिए एक्टिव रहें

मोबाइल फोटोग्राफी के ल‍िए हमेशा एक्टिव व रहना जरूरी होता है। अगर फोटो क्लिक करने वाला धीमा है तो ऐसे कई खूबसूरत मौकों को गवां देगा जो शायद ही उसे दोबारा देखने को मि‍ले। 

1/3 का नियम 

सबसे बेसिक रूल है - रूल ऑफ वन थर्ड। आमतौर पर तस्वीर लेते वक्त हम सब्जेक्ट यानी जिस चीज या व्यक्ति की तस्वीर लेनी है, उसे सेंटर में रख लेते हैं। यह गलत है। सब्जेक्ट एक-तिहाई हिस्से में होना चाहिए, उदाहरण के लिए आप हर फोटो के एरिया को नौ बराबर खानों में बांट लें। अब सब्जेक्ट को किसी एक-तिहाई हिस्से के कोने पर रखें। जैसे अगर आपको चेहरे की तस्वीर लेनी है तो आंखों को ऊपरी एक-तिहाई में रखें। 

अकेला अच्छा नहीं 

आप ताजमहल के सामने हैं। उसकी तस्वीर लेने का सपना पूरा कर रहे हैं। कैसी तस्वीर लेंगे आप? एक तरीका तो यह है कि फोटो ऐसे लें कि पूरा ताजमहल तस्वीर में हो। बाकी कुछ न दिखे। एक तरीका और है। वहां पेड़ों की कई कतारें हैं। फोटो के एक हिस्से में कतारों को ऐसे रखें कि बाकी हिस्से में ताजमहल नजर आए, यानी सब्जेक्ट में कुछ जोड़ें। कुछ भी ऐसा, जो उसे एक मतलब दे सके। इन एक्स्ट्रा चीजों को निचले हिस्से में ही रखें क्योंकि आप फोटो ताजमहल का ले रहे हैं, पेड़ों का नहीं। 

कहां खड़े हैं 

फिल्मों में कैमरा अजीब जगहों पर रखा होता है। दंगों के बाद हीरो सुनसान गली में अकेला भाग रहा है और कैमरा उसे दिखाता है रिक्शा के घूमते चक्के के पीछे से। इसे कहते हैं ऐंगल। तस्वीर में ऐंगल बहुत जरूरी है। आमतौर पर हम सब्जेक्ट के ठीक सामने खड़े हो जाते हैं, लेकिन अच्छी तस्वीर लेनी है तो ऐसा ऐंगल ढूंढ सकते हैं, जो अलग हो, जहां से सब्जेक्ट कुछ अलग दिखे। तो सोचिए तस्वीर लेते वक्त आप कहां खड़े हैं। 

फोटो के पीछे क्या है ? 

फोटो का बैकग्राउंड बहुत जरूरी होता है। फोटो लेते वक्त बैकग्राउंड के बारे में जरूर सोचें। खुद से पूछें। बैकग्राउंड डिस्टर्ब तो नहीं कर रहा? क्या उसके बिना फोटो ज्यादा अच्छा होगा? क्या दूसरा बैकग्राउंड इससे ज्यादा अच्छा होगा? इन सवालों के जवाब आपको बेहतर तस्वीर लेने में मदद करेंगे। 

सूरज कहां है ? 

फोटो में लाइटिंग का बहुत अहम रोल है। अगर बाहर खुले में फोटो ले रहे हैं तो सूरज कहां है, इसका आपके फोटो पर बहुत असर पड़ेगा। एक बेसिक रूल है - सूरज फोटोग्राफर के पीछे होना चाहिए। और एक बात - सूरज सिर पर नहीं होना चाहिए, इसीलिए कहते हैं कि दिन के 12 बजे यानी वह वक्त जब सूरज सिर पर हो, फोटो के लिए सबसे खराब है।


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