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Interview: IAS विशाल देव की ज़ुबां जानें इको रिट्रीट और ओडिशा टूरिज़्म के बारे में सब कुछ

Glamorous Camping Of Odisha पिछले साल ही अति शक्तिशाली चक्रवाती तूफान फानी ने रामचंडी बीच का इलाका तहस नहस कर दिया था। आज यह एक किलोमीटर लंबा इलाका एक मिनी-शहर में बदल गया है।

By Ruhee ParvezEdited By: Published: Wed, 29 Jan 2020 05:40 PM (IST)Updated: Thu, 30 Jan 2020 10:12 AM (IST)
Interview: IAS विशाल देव की ज़ुबां जानें इको रिट्रीट और ओडिशा टूरिज़्म के बारे में सब कुछ
Interview: IAS विशाल देव की ज़ुबां जानें इको रिट्रीट और ओडिशा टूरिज़्म के बारे में सब कुछ

नई दिल्ली, अभिनव गुप्ता। Glamorous Camping Of Odisha: चक्रवात फानी की वजह से हुए विनाश से उबरने के महीनों बाद, पुरी-कोणार्क मरीन ड्राइव पर प्राचीन रामचंडी समुद्र तट अब पूर्वी भारत का पहला 'ग्लैम्पिंग' फेस्टीवल या कहें ग्लैमरस कैप्मपिंग, मरीन ड्राइव-इको रिट्रीट का आयोजन कर रहा है। 

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पिछले साल ही अति शक्तिशाली चक्रवाती तूफान फानी ने रामचंडी बीच का इलाका तहस नहस कर दिया था। आज यह एक किलोमीटर लंबा इलाका एक मिनी-शहर में बदल गया है, जिसमें समुद्र तट के साथ 50 शानदार टेंट हैं, यहां बीच पर ओडिशा पर्यटन के कई सफेद झंडे हवा में लहराते देखे जा सकते हैं। 

यह ओडिशा की अब तक की सबसे महत्वाकांक्षी पर्यटन परियोजना है, जिसका उद्देश्य एडवेंचर, वॉटर स्पोर्ट्स और शानदार आलीशान कमरों के ज़रिए उच्च श्रेणी के सैलानियों को आकर्षित करना है।

जागरण न्यू मीडिया के डिजिटल पत्रकार अभिनव गुप्ता के साथ एक्सक्लूसिव बातचीत में, ओडिशा सरकार के टूरिज़्म कमिश्नर-कम-सेक्रेटरी विशाल के. देव ने बीच ग्लैम्पिंग इवेंट के बारे में बातचीत की और साथ ही ओडिशा को देश का टॉप टूरिस्ट डेस्टीनेशन राज्य बनाने की सरकार की योजनाओं के बारे में भी जानकारी दी।

इंटरव्यू:

आपको मरीन ड्राइव इको रिट्रीट का आइडिया कैसे आया, खासकर तब जब आज भी ओडिशा पिछले साल आए शक्तिशाली तूफान के प्रभावों से उबर रहा है? आपने चुनौतियों का सामना कैसे किया?

विशाल के. देव: इको रिट्रीट का आइडिया हमें पिछले साल आया था। क्योंकि कोनार्क एक दिन में घूमने की जगह है, इसलिए लोग दिन के समय में आकर मन्दिर जाते हैं, बीच पर कुछ समय बिताते हैं और वापस लौट जाते हैं। यहां सैलानियों के रुकने के लिए होटेल जैसी सुविधाएं नहीं हैं। हम चाहते थे कि यहां ज़्यादा से ज़्यादा लोग आएं और आराम से रुक कर घूमें और जगह देखें। यहां से पुरी 45 किलोमीटर दूर है, भुवनेश्वर, सतपारा और चिल्का तालाब डेढ़ घंटा दूर है।     

 

एक विकल्प यह है कि आप एक लैंड-बैंक ढूंढ़े, होटल्स के मालिकों को यहां होटल बनाने का न्योता दें, लेकिन इसमें काफी समय लगle और यहां कs ज़्यादातर इलाके की पहचान वन के रूप में की जाती है, इसलिए आप वास्तव में कोई तात्कालिक कार्रवाई नहीं कर सकते। इसलिए हम ने ग्लैमरस कैम्पिंग प्रोजेक्ट लाने की सोची और ऐसे इको रिट्रीट का आइडिया आया। हमने पिछले साल ही इसे करना का सोच लिया था, लेकिन अनुमति मिलने में समय लगा।  

आप ये दिलचस्प इंटरव्यू यहां क्लिक कर देख सकते हैं:


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